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उत्‍तराखंड : वन कर्मियों के समझाने के बावजूद बेकाबू हुए ग्रामीण, पिंजरे में कैद गुलदार को जिंदा जलाया

पिंजरे में कैद हुए एक गुलदार को आक्रोशित ग्रामीणों ने आग के हवाले कर दिया। गुलदार की मौत हो गई। मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले में संलिप्त लोगों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

By Nirmala BohraEdited By: Published: Tue, 24 May 2022 06:54 PM (IST)Updated: Tue, 24 May 2022 09:21 PM (IST)
उत्‍तराखंड : वन कर्मियों के समझाने के बावजूद बेकाबू हुए ग्रामीण, पिंजरे में कैद गुलदार को जिंदा जलाया
पिंजरे में कैद हुए एक गुलदार को आक्रोशित ग्रामीणों ने आग के हवाले कर दिया

जागरण संवाददाता, पौड़ी : विकासखंड पाबौ के सपलोड़ी गांव के समीप पिंजरे में कैद हुए एक गुलदार को आक्रोशित ग्रामीणों ने आग के हवाले कर दिया। बताया गया कि मौके पर मौजूद वन कर्मियों ने उन्हें काफी समझाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीणों की भीड़ के आने वन कर्मियों की एक नहीं चली।

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पोस्टमार्टम के बाद नष्ट कर दिया गया शव को

इस बीच गुलदार की मौत हो गई। वन कर्मी मृत गुलदार को कब्जे में लेकर पौड़ी स्थित नागदेव रेंज लाए। जहां पोस्टमार्टम के बाद शव को नष्ट कर दिया गया। फिलवक्त इस पूरी घटना के बाद अब गढ़वाल वन प्रभाग ऐसे संलिप्त लोगों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।

गुलदार ने महिला को बनाया था निवाला

बता दें कि बीते 15 मई को सपलोड़ी गांव की सुषमा देवी नाम की महिला को गुलदार ने निवाला बनाया था। बताया गया कि उस रोज महिला काफल लेने गांव के समीप ही जंगल में गई थी। लौटते वक्त गुलदार ने महिला पर हमला किया। जिससे उसकी मौत हो गई। इस घटना की सूचना पर तब वन कर्मी मौके पर पहुंचे। उन्होंने गांव के समीप ही पिंजरा लगाने के साथ ही गश्त बढ़ा दी थी।

बीते सोमवार की रात्रि को एक गुलदार पिंजरे में कैद हो गया था। मंगलवार सुबह इसकी भनक आस-पास के ग्रामीणों को लगी तो कई आक्रोशित ग्रामीणों ने पिंजरे में कैद गुलदार को आग के हवाले कर दिया। वन क्षेत्राधिकारी अनिल भट्ट ने बताया कि भीड़ के बीच वन कर्मी ग्रामीणों को समझाते रहे। लेकिन, वे नहीं माने।

संलिप्त लोगों के खिलाफ की जाएगी वैधानिक कार्रवाई

इस बीच गुलदार की मौत हो गई। वन कर्मी म़ृत गुलदार को कब्जे में लेकर पौड़ी स्थित नागदेव रेंज लाए। जहां गुलदार का पोस्टमार्टम कर नष्ट किया गया। गढ़वाल वन प्रभाग के डीएफओ मुकेश कुमार ने बताया कि पिंजरे में गुलदार को आग लगाकर मार दिए जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले में संलिप्त लोगों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

वन दरोगा ने दी तहरीर, ग्राम प्रधान सहित 150 अज्ञातों पर मुकदमा

वहीं विकासखंड पाबो के सपलोडी गांव के समीप पिंजरे में फंसे गुलदार को जलाए जाने के मामले में नागदेव रेंज के अनुभाग के वन दरोगा सतीशचंद्र ने थाने में तहरीर दी है। जिसमें आरोप लगाया गया है कि जब वन विभाग के अधिकारी तथा कर्मचारी पिंजरे में फंसे गुलदार को मौके से रेंज कार्यालय नागदेव ले जा रहे थे तो करीब 150 पुरुष महिलाओं ने उनके साथ धक्का-मुक्की की।

ग्राम प्रधान अनिल कुमार ग्रामसभा सपलोडी द्वारा करीब 150 पुरुष महिलाओं को एकत्रित कर उक्त पिंजरे में बंद गुलदार को वन विभाग के कर्मचारियों से धक्का-मुक्की कर, पिंजरे छीन कर तथा उसके ऊपर घास डालकर आग लगा दी गई। जिससे तथा उक्त गुलदार को मौके पर जलाकर मार दिया गया।

तहरीर के आधार पर ग्राम प्रधान अनिल कुमार, देवेंद्र, हरि सिंह रावत, सरिता देवी, विक्रम सिंह समेत करीब 150 अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध सरकारी कार्य में बाधा, वन कर्मियों पर हमला कर पिंजरे को छीन कर आग लगाकर गुलदार को मार देने के संबंध में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। कोतवाल विनोद गुसाई ने बताया कि मामले की जांच पुलिस चौकी पाबौ प्रभारी दीपक पंवार को सौंप दी है।

धामधार में भी गुलदार बना था ग्रामीणों के गुस्से का शिकार

पौड़ी गढ़वाल में पिंजरे में बंद गुलदार को आग के हवाले करने की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पूर्व 23 मार्च 2011 को कालागढ़ टाइगर रिजर्व फारेस्ट वन प्रभाग के अंतर्गत धामधार गांव में भी ग्रामीणों ने पिंजरे में बंद मादा गुलदार पर कैरोसिन छिड़ककर आग लगा दी थी। इस मामले में वन विभाग ने ग्रामीणों के खिलाफ मामला दर्ज कर आरोपितों को गिरफ्तार भी किया। बाद में मामला राजनैतिक हो गया और सरकार ने ग्रामीणों पर दर्ज मुकदमों को वापस ले लिए।


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