अमित राऊत पर धोखाधड़ी का मुकदमा
देहरादून जेल में बंद अमित राऊत पर अदालत को गुमराह कर और गलत तथ्य पेश करने के मामले में पत्नी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
जागरण संवाददाता, विकासनगर: देहरादून जेल में बंद अमित राऊत पर अदालत को गुमराह कर और गलत तथ्यों के आधार पर रजिस्ट्रार कार्यालय विकासनगर से पावर ऑफ अटार्नी बनवाने के मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। यह मुकदमा अमित की बीवी बुलबुल ने विकासनगर कोतवाली में दर्ज कराया है। बुलबुल की तहरीर पर अमित के अलावा तीन अन्य लोगों को आरोपित बनाया गया है। अन्य तीन में एक वह है, जिसके नाम पावर ऑफ अटार्नी की गई, जबकि बाकी के दोनों गवाह की भूमिका में थे।
रविवार को बुलबुल कटारिया निवासी डीएफ-92 डीएलएफ फेज-1 सिकंदरपुर घोषी, 68 गुरुग्राम, हरियाणा विकासनगर कोतवाली पहुंचीं। यहां उन्होंने तहरीर देकर आरोप लगाया कि उसके पति अमित राऊत इस समय किडनी कांड में सुद्धोवाला जेल में बंद है। उसने जेल में रहते हुए गुरुग्राम, हरियाणा की चार संपत्तियों को बेचने के लिए किसी को पावर ऑफ अटार्नी दे दी है। पावर ऑफ अटार्नी अदालत और रजिस्ट्रार कार्यालय को गुमराह कर तैयार की गई है। बुलबुल ने पुलिस को बताया कि जिन संपत्तियों को बेचने के लिए उसने पावर ऑफ अटार्नी बनवाई हैं, वह सीबीआइ कोर्ट, जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा प्रवर्तन निदेशालय ने अटैच कर रखी हैं। मगर अमित बीते 13 सितंबर को न्यायिक अभिरक्षा में रजिस्ट्रार कार्यालय विकासनगर पहुंचा और रोहित शर्मा पुत्र मोहनलाल शर्मा निवासी 46/1 राजीव कालोनी, विजय पार्क, कोतवाली, देहरादून के नाम पावर ऑफ अटार्नी कर दी। इसमे रविकांत पुत्र श्यामलाल निवासी 201 राजन कुंज, रुड़की रोड, मेरठ व रवि शर्मा पुत्र आरसी शर्मा निवासी तेलपुर, देहरादून बतौर गवाह पेश हुए। कोतवाली विकासनगर के एसएसआइ नत्थी लाल उनियाल ने बताया कि बुलबुल की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर विवेचना आरंभ कर दी गई है। अमित समेत रोहित शर्मा, रविकांत, रवि शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य धाराओ में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। देश में भर दर्ज हैं 35 मुकदमे
अमित बेहद ही शातिर है। उसने देश के कई शहरों में किडनी प्रत्यारोपण के अवैध कारोबार को अंजाम दिया। उस पर देश के अलग-अलग शहरों में कुल 35 मुकदमे में दर्ज हैं। इसमें से दो में उसे सजा भी हो चुकी है। जांच के बाद हुई कार्रवाई
एसएसपी निवेदिता कुकरेती के संज्ञान में यह मामला अक्टूबर के शुरूआत में ही आ गया था। उन्होंने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए एसपी क्राइम लोकेश्वर सिंह को जांच सौंपी थी। जांच में पावर ऑफ अटार्नी तैयार किए जाने के दौरान गलत तथ्यों को पेश किए जाने की पुष्टि हुई। इसके बाद में मामले में जब बुलबुल कटारिया की ओर से तहरीर आ गई तो पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज करा दिया।