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Vikasnagar Encroachment: दूसरे दिन डेढ़ सौ अवैध निर्माण धराशाई, भारी पुलिस बल तैनात; ड्रोन से निगरानी

Vikasnagar Encroachment पहले दिन टीम ने 350 कच्चे पक्के निर्माण ध्वस्त किए थे। शक्ति नहर किनारे अवैध रूप से बसी बस्तियों पर दूसरे दिन सोमवार को भी बुलडोजर चला। बता दें कि यूजेवीएनएल ने करीब 600 अवैध कब्जों पर लाल निशान लगाया है।

By rajesh panwarEdited By: Nirmala BohraPublished: Mon, 20 Mar 2023 02:05 PM (IST)Updated: Mon, 20 Mar 2023 02:05 PM (IST)
Vikasnagar Encroachment: दूसरे दिन डेढ़ सौ अवैध निर्माण धराशाई, भारी पुलिस बल तैनात; ड्रोन से निगरानी
Vikasnagar Encroachment: बता दें कि यूजेवीएनएल ने करीब 600 अवैध कब्जों पर लाल निशान लगाया है।

टीम जागरण, विकासनगर: Vikasnagar Encroachment: सोमवार को दूसरे दिन भी पुलिस छावनी में तब्दील नवाबगढ़ व डाकपत्थर क्षेत्र में शक्तिनहर किनारे अवैध कब्जों पर यूजेवीएनएल व प्रशासन की कार्रवाई जारी रही। बारिश के कारण कुछ अवैध निर्माणों को ध्वस्थ नहीं किया जा सका, जिन पर मंगलवार को कार्रवाई होगी। दूसरे दिन करीब डेढ़ सौ अवैध निर्माण धराशाई किए गए। नवाबगढ़ व डाकपत्थर क्षेत्र में पक्के निर्माण अधिक थे। इसलिए टीम को ध्वस्तीकरण में समय लगा।

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बारिश के कारण करीब ढाई घंटे तक ध्वस्तीकरण की कार्रवाई रोकनी पड़ी। दो दिन की ध्वस्तीकरण कार्रवाई में पांच सौ से अधिक अवैध निर्माण पूरी तरह से ध्वस्त कर दिए गए। जमीन खाली होने के बाद जल विद्युत निगम ने तारबाड़ का काम भी शुरू करा दिया है, ताकि फिर से जमीन पर अवैध कब्जे न हो सके। निगम की खाली हुई जमीन पर जल्द ही सोलर प्लांट लगाने का कार्य शुरू हो जाएगा। इसके लिए संबंधित अधिकारी मुआयना कर चुके हैं।

दूसरे दिन भी कोई विरोध नहीं हुआ

सोमवार को निगम व प्रशासन ने पुलिस, पीएसी, फायर बिग्रेड, एसडीआरएफ, प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में कच्चे पक्के अवैध कब्जों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की। दूसरे दिन भी कोई विरोध नहीं हुआ।

अपर जिलाधिकारी आरएस शर्मा, एसडीएम विनोद कुमार, एसपी देहात कमलेश उपाध्याय, सीओ विकासनगर भास्कर शाह, सीओ ऋषिकेश संदीप नेगी, सीओ सिटी नीरज सेमवाल, सीओ सदर पंकज गैरोला, सीओ मसूरी अनिल जोशी, कोतवाल शंकर सिंह बिष्ट, यूजेवीएनएल के अधिशासी अभियंता अभय सिंह आदि ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान सभी गतिविधियों पर नजर रखी।

करीब डेढ़ सौ अवैध कब्जे धराशाई किए गए। ध्वस्तीकरण के दौरान शक्तिनहर का जलस्तर कम रहा, नहर में एसडीआरएफ की तीन बोट मूवमेंट करती रही। शक्तिनहर किनारे अवैध कब्जों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान ड्रोन से भी निगरानी रखी गई, ताकि यदि कहीं माहौल खराब करने की कोशिश करे तो उसका पहले ही पता लग जाए।

ध्वस्तीकरण में ये थी व्यवस्था

डाकपत्थर से ढालीपुर तक शक्ति नहर किनारे सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे हटाने को प्रशासन व निगम ने भारी भरकम व्यवस्था की। अतिक्रमण हटाने के लिए आठ जेसीबी बुल्डोजर, मलबे का निस्तारण करने को 10 ट्रैक्टर ट्रालियों का इस्तेमाल किया गया। कार्रवाई के दौरान सुरक्षा एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यापक प्रबंध किए गए।

अतिक्रमण ध्वस्तीकरण के दौरान शांति व्यवस्था बनाने के लिए एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने पांच पुलिस उपाधीक्षक, 11 निरीक्षक, 12 थानाध्यक्ष, 40 दारोगा, 15 महिला दारोगा, 30 मुख्य आरक्षी 150 हेड कांस्टेबल, 130 आरक्षी, 50 महिला आरक्षी, एक कंपनी दो प्लाटून पुरुष पीएसी, दो प्लाटून महिला पीएसी, एक प्लाटून एसडीआरएफ, 20 आरक्षी जल पुलिसकर्मी, छह वाहन फायर टेंडर, दंगा नियंत्रण वाहन टीम को तैनात किया।

कार्रवाई के दौरान टीम में एसपी देहात कमलेश उपाध्याय, एडीएम आरएस शर्मा, एसडीएम विनोद कुमार, खंड विकास अधिकारी विकासनगर आत्या परवेज, कोतवाल शंकर सिंह बिष्ट, सूर्यभूषण नेगी, थानाध्यक्ष सहसपुर गिरीश नेगी, एसओ कालसी रविंद्र नेगी, एसओ सेलाकुई मोहन सिंह, चौकी इंचार्ज प्रवीण सैनी, अर्जुन गुसाईं, किशन देवरानी, पंकज कुमार, भरत सिंह रावत, रजनीश सैनी आदि शामिल रहे।

ध्वस्तीकरण रोकने की विनती करते रहे कब्जाधारी

शक्तिनहर किनारे अवैध कब्जे हटाने के लिए बुलडोजर के मौके पर आते ही अवैध कब्जेधारी परिवारों ने मकान न तोड़ने की विनती की। लेकिन ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू हो गई। दूसरे दिन शक्तिनहर पुल नंबर एक नवाबगढ़ से डाकपत्थर तक ध्वस्तीकरण के दौरान कई परिवारों ने यह कहकर विरोध किया कि उनके मकान सरकारी मदद से प्रधानमंत्री आवास योजना में बने हैं, उसको छोड़ दिया जाए।

किसी ने विनती की है कि एक कमरे तक की जगह छोड़ दी जाए, उनके पास रहने के लिए कुछ नहीं है, बेघर होने पर बच्चों को लेकर कहां जाएंगे। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। कार्रवाई न रुकने पर कई अवैध कब्जेधारियों ने खुद ही अपना सामान समेटा।


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