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परिवहन आयुक्त का लिपिक दस हजार रुपये की घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

प्रदूषण जांच केंद्र आवंटित कराने के नाम पर दस हजार रुपये की घूस लेते परिवहन आयुक्त के कनिष्ठ सहायक को विजिलेंस ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

By Edited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 07:47 PM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 12:30 PM (IST)
परिवहन आयुक्त का लिपिक दस हजार रुपये की घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
परिवहन आयुक्त का लिपिक दस हजार रुपये की घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

देहरादून, जेएनएन। प्रदूषण जांच केंद्र आवंटित कराने के नाम पर दस हजार रुपये की घूस लेते परिवहन आयुक्त के कनिष्ठ सहायक को विजिलेंस ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। लिपिक के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उसे विजिलेंस कोर्ट में पेश किया जाएगा। एसएसपी विजिलेंस कृष्ण कुमार वीके ने बताया कि काशीपुर के एक शख्स ने लिखित में शिकायत की, उससे सहस्रधारा रोड स्थित परिवहन आयु़क्त कार्यालय का कनिष्ठ लिपिक विपिन कुमार प्रदूषण जांच केंद्र की पत्रावली को आगे बढ़ाने के लिए पंद्रह हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा है।

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शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने तीस सितंबर को पेट्रोल-डीजल वाहनों के प्रदूषण जांच केंद्र के लिए आनलाइन आवेदन किया था। प्रदूषण जांच केंद्र के लिए आवश्यक उपकरणों के स्थलीय सत्यापन व जांच के उपरांत संभागीय परिवहन अधिकारी हल्द्वानी की ओर से पत्रावली अपर परिवहन आयुक्त को भेज दी गई। प्रेषित पत्रावली की प्रतिलिपि लेकर शिकायतकर्ता परिवहन आयुक्त के सहस्रधारा रोड स्थित कार्यालय पहुंचा। यहां उनकी मुलाकात कनिष्ठ सहायक विपिन कुमार निवासी मोहल्ला नत्था सिंह महाराणा प्रताप कॉलोनी जसपुर, ऊधमसिंहनगर से हुई। विपिन देहरादून में लेन नंबर तीन एकता विहार, रायपुर रोड पर किराये के मकान में रहता है।

विपिन ने उससे कहा कि प्रमाण पत्र के सरकारी शुल्क के अलावा उसे कम से कम पंद्रह हजार रुपये देने होंगे। उस समय रकम न होने के कारण शिकायतकर्ता लौट गया और विजिलेंस कार्यालय आकर लिपिक की शिकायत की। शिकायत के बाद ट्रैप टीम का गठन किया गया। ट्रैप टीम की योजना के अनुसार दस हजार रुपये लेकर शिकायतकर्ता परिवहन आयुक्त के कार्यालय पहुंचा। यहां विपिन को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया। 

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तीन साल पहले हुआ था भर्ती 

विपिन कुमार वर्ष 2016 में परिवहन विभाग में भर्ती हुआ था। विजिलेंस के अनुसार वह नौकरी में आने के समय से ही परिवहन आयुक्त कार्यालय में तैनात है। विजिलेंस टीम ने उसके किराये के मकान में भी दबिश दी, लेकिन कुछ खास नहीं मिला।

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