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पासिंग आउट परेड से पहले ही वतन लौटे वियतनाम के कैडेट, जानिए क्‍या रही वजह

कोरोना का असर भारतीय सैन्य अकादमी की वर्षों पुरानी परम्पराओं पर पर भी दिखा है। पहली बार ऐसा हुआ है कि अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे वियतनाम के कैडेट पासिंग आउट परेड से पहले ही वापस वतन लौट गए हैं।

By Sumit KumarEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 07:29 PM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 10:42 PM (IST)
पासिंग आउट परेड से पहले ही वतन लौटे वियतनाम के कैडेट, जानिए क्‍या रही वजह
कोरोना का असर भारतीय सैन्य अकादमी की वर्षों पुरानी परम्पराओं पर पर भी दिखा है।

देहरादून,जेएनएन। कोरोना का असर भारतीय सैन्य अकादमी की वर्षों पुरानी परम्पराओं पर पर भी दिखा है। पहली बार ऐसा हुआ है कि अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे वियतनाम के कैडेट पासिंग आउट परेड से पहले ही वापस वतन लौट गए हैं। बुधवार को अकादमी की चेटवुड बिल्डिंगग में पीपिंग सेरेमनी आयोजित की गई।

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 दून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी में न केवल देश बल्कि विदेश के भी जेंटलमैन कैडेटों को प्रशिक्षण दिया जाता है। वर्तमान में अकादमी में ग्यारह मित्र देशों के 208 विदेशी कैडेट प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। वियतनाम के तीन कैडेट भी इन्हीं में शुमार थे, जिन्हें दिसम्बर में होने वाली पासिंग आउट परेड का हिस्सा बनना था। पर वियतनाम दूतावास के आग्रह पर इनकी पीपिंग सेरेमनी पहले आयोजित कर दी गई। दरअसल, वियतनामी देश में अलग-अलग सैन्य संस्थानों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। वियतनाम दूतावास यह चाहता था कि प्रशिक्षण पूरा होने पर यह सभी एकसाथ वतन लौटें। वंदे भारत मिशन के तहत इन्हें वियतनाम भेजा जा रहा है। अकादमी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारत व वियतनाम का वर्षों से एक मजबूत रिश्ता रहा है और ये कदम आपसी साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में सैन्य कूटनीति का हिस्सा है।

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बता दें कि कोरोना के चलते जून में भी पासिंग आउट परेड सादगी के साथ आयोजित की गई थी। पहली बार था कि अभिभावक परेड में शामिल नहीं हुए और युवा अधिकारियों को पीओपी के तुरंत बाद सीधा बटालियन में भेजा गया। उनके कांधे पर सितारे भी गुरुजनों ने लगाए थे। अब जबकि दिसंबर में पासिंग आउट परेड आयोजित होनी है, देखना यह होगा कि इस बार इसका स्वरूप क्या होगा।

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