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यहां सब्जी चोर हैं सक्रिय, हजारों रुपये का अदरक और बीन चोरी

देहरादून जनपद के जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर के साहिया क्षेत्र में सब्जी चोर सक्रिय हो गए हैं। एक ही रात में चोरों ने नराया व कोठा तारली क्षेत्र के किसानों का हजारों रुपये का अदरक बीन चोरी कर लिया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 01:53 PM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 01:53 PM (IST)
यहां सब्जी चोर हैं सक्रिय, हजारों रुपये का अदरक और बीन चोरी
जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर के साहिया क्षेत्र में सब्जी चोर सक्रिय हो गए हैं।

साहिया (देहरादून), जेएनएन। जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर के साहिया क्षेत्र में सब्जी चोर सक्रिय हो गए हैं। एक ही रात में चोरों ने नराया व कोठा तारली के किसानों का हजारों रुपये का अदरक, बीन चोरी कर लिया।

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बता दें कि जौनसार में किसान अपने खेतों से अदरक, गागली, टमाटर, बीन, हरी मिर्च, हरा धनिया आदि उपज को एक दिन पहले निकालते हैं और उसे रोड किनारे खुले में रख देते हैं। अगले दिन सुबह उपज को गाड़ी में लादकर साहिया मंडी पहुंचा दिया जाता है।

मंगलवार की रात में नराया निवासी किसान हरी सिंह ने डेढ़ कुंतल अदरक, पचास किलो बीन मंडी पहुंचाने के लिए नराया में रोड किनारे रखी थी। बुधवार सुबह जब हरी सिंह उपज को मंडी पहुंचाने के लिए घर से रोड पर पहुंचे तो उन्हें अदरक व बीन गायब मिला। उन्होंने किसानों से इस बारे में पता किया, लेकिन उपज चोरी होने के बारे में कुछ जानकारी नहीं मिल पाई। दूसरी घटना में कोठा तारली के सूरत सिंह ने करीब पचास किलो अदरक मंगलवार रात में रोड किनारे रखा था, बुधवार सुबह सूरत सिंह का अदरक भी चोरी मिला।

एक ही रात में दो किसानों की कृषि उपज चोरी होने से अन्य काश्तकारों में भी हड़कंप मच गया। किसान सूरत सिंह ने बताया कि तारली खड्ड से कई बार उनकी अदरक, अरवी, हरी मिर्च तक चोरी हो चुकी है। सब्जी चोर गिरोह के सक्रिय होने से किसानों में आक्रोश है। किसानों ने इस संबंध में संबंधित राजस्व उपनिरीक्षक को तहरीर दी। 

फर्जी नंबर प्लेट लगाए घूमने वालों पर कसेगा शिकंजा

कोतवाली क्षेत्र में चीता ड्यूटी पर तैनात कर्मियों ने मोबाइल ऐप डाउनलोड किया। इस ऐप की मदद से फर्जी नंबर प्लेट लगाने वालों की धरपकड़ आसान हो जाएगी। प्रभारी निरीक्षक राजीव रौथान के नेतृत्व में पुलिस कर्मियों के फोन में ऐप डाउनलोड कराया गया। संदिग्ध वाहनों के नंबरों की तस्दीक करने व व्यक्तियों के सत्यापन में यह ऐप काम करेगा। ऐप में वाहन नंबर डालकर ट्रायल किया गया। ऐप के माध्यम से ऑनलाइन संदिग्ध वाहन का नंबर डालने से पंजीकृत स्वामी के बारे में जानकारी ली जा सकती है।

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