पोषण के साथ पोषक बनीं सब्जियां, सब्जी की बिक्री को बनाया आय का जरिया
शारीरिक पोषण के लिए आवश्यक सब्जियां इन दिनों तमाम परिवारों का पालन-पोषण भी कर रही हैं। लोगों ने समझदारी दिखाते हुए सब्जी की बिक्री को अपनी आय का जरिया बना लिया।
देहरादून, सोबन सिंह गुसांई। शारीरिक पोषण के लिए आवश्यक सब्जियां इन दिनों तमाम परिवारों का पालन-पोषण भी कर रही हैं। ये वो परिवार हैं, जिनकी आजीविका पहले कुछ और थी मगर इस संकटकाल में उन्होंने समझदारी दिखाते हुए सब्जी की बिक्री को अपनी आय का जरिया बना लिया। दरअसल, कोरोना ने आम जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। हर इंसान पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। जो कोरोना संक्रमित हैं, वो इस बीमारी के दर्द से परेशान हैं और बाकी के लोग भूख व काम-धंधा बंद होने से। हालांकि, इस सबके बीच कुछ लोग अस्थायी रूप से अपना रोजगार बदलकर परिवार को संभालने की कोशिश कर रहे हैं। इस राह में उनकी मददगार बनीं सब्जियां। क्योंकि, लॉकडाउन के चलते इन दिनों सिर्फ आवश्यक वस्तुओं की बिक्री की ही अनुमति है। ऐसे में सबसे मुफीद धंधा है, सब्जी की बिक्री का। जो बेहद कम लागत में शुरू और जब मन आया तो बंद।
आपके जैसे जरूतमंद और भी
इस संकटकाल में जिले में कोई शख्स भूखा न रहे, इसके लिए पुलिस से लेकर प्रशासन तक एड़ी-चोटी का जोर लगाए है। लोगों को यह आश्वासन भी दिया जा रहा है कि किसी भी हालत में उन्हें भूखा नहीं रहने दिया जाएगा। पुलिस खुद लोगों के घर तक राशन पहुंचा रही है। लेकिन, इस मदद का फायदा उठाकर कुछ लोग जमाखोरी करने में लगे हैं। ऐसे कई लोगों को पकड़कर पुलिस कार्रवाई भी कर चुकी है। इसके बावजूद लोग मानने को तैयार नहीं। उन्हें समझना चाहिए कि इन विकट हालात का सामना पूरा देश कर रहा है। उनके जैसे तमाम जरूरतमंद हैं। हो सकता है कि उनके राशन एकत्र करने से किसी जरूरतमंद तक उस दिन पुलिस की मदद न पहुंच पाए और उस परिवार को भूखा ही सोना पड़े। इसलिए घर में राशन एकत्र न करें। उतना ही लें, जितनी जरूरत है ताकि हर जरूरतमंद को मदद मिलती रहे।
बिजली सस्ती होने से मिली राहत
लॉकडाउन के चलते इन दिनों अधिकांश लोगों के काम-धंधे बंद हैं। ऐसे में छोटी से छोटी आर्थिक राहत भी किसी संजीवनी से कम नहीं है। इसी क्रम में तमाम परेशानियों से जूझ रहे लोगों को विद्युत नियामक आयोग ने बिजली सस्ती कर राहत देने की कोशिश की है। इससे लोग खुश भी हैं। उन्हें उम्मीद है कि ऐसे राहत भरे कदम अन्य विभाग या प्रतिष्ठान भी उठाएंगे। हालांकि, कुछ समय पहले जब कोरोना संक्रमण ने देश में दस्तक नहीं दी थी, तब ऊर्जा निगम ने बिजली महंगी करने के संकेत दिए थे। जिससे लोग सकते में थे। विद्युत नियामक आयोग ने जब जनता को सुनवाई के लिए बुलाया तो लोगों का यही कहना था कि जब अन्य राज्यों में बिजली सस्ती है, तो उत्तराखंड में क्यों नहीं। अब विद्युत नियामक आयोग ने उपभोक्ताओं के लिए 18 पैसे प्रति यूनिट बिजली दर सस्ती कर लोगों को कुछ राहत जरूर दी है।
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निरंजनपुर सब्जी मंडी ने उड़ाई नींद
निरंजनपुर सब्जी मंडी ने इन दिनों सब्जी विक्रेताओं के साथ पुलिस की भी नींद उड़ा रखी है। सब्जी विक्रेता नई व्यवस्था के चलते रातभर जाग रहे हैं तो पुलिस इसलिए भागदौड़ करने को मजबूर है कि किसी तरह उनमें शारीरिक दूरी बनी रहे। हालांकि, पुलिस के लिए यह काम उतना ही मुश्किल साबित हो रहा है जितना संमदर की लहरों को आपस में मिलने से रोकना। सब्जी मंडी में प्रवेश के लिए कितने पास बने हैं, इसका भी हिसाब-किताब पुलिस को ही रखना पड़ रहा है। ऐसे में कई बार तो हालात संभालने के लिए संबंधित थाने और चौकी का पूरा अमला मंडी में उतारना पड़ता है। सीओ से लेकर इंस्पेक्टर और चौकी इंचार्ज तक पूरी रात मंडी में व्यवस्था बनाते रहते हैं। हालात ये हैं कि कई बार तो पटेलनगर कोतवाली के पूरे स्टाफ का रात का खाना और सुबह की चाय निरंजनपुर सब्जी मंडी में ही होती है।
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