वैली ब्रिज लगभग तैयार, नए पुल को लोहे की कमी
लोनिवि ने 24 जनवरी तक वैली ब्रिज पर आवागमन शुरू करने का लक्ष्य रखा है। हालांकि इसके बगल में नए पुल के निर्माण को लेकर हाई स्ट्रेंथ स्टील्स नहीं मिल पा रहा है।
देहरादून, जेएनएन। बीरपुर में 28 दिसंबर को करीब 115 साल पुराना पुल ढह जाने के बाद जिन दर्जनों क्षेत्रों का संपर्क कट गया था, वहां के लोगों के लिए राहत की खबर है। यहां पर वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर बनाया जा रहा वैली ब्रिज लगभग तैयार हो चुकी है। लोनिवि ने 24 जनवरी तक पुल पर आवागमन शुरू करने का लक्ष्य रखा है। हालांकि इसके बगल में नए पुल के निर्माण को लेकर हाई स्ट्रेंथ स्टील्स (उच्च गुणवत्ता के लोहे) नहीं मिल पा रहा है। इस आपूर्ति के लिए अधिकारियों ने विभिन्न कंपनियों से संपर्क साधा है।
लोनिवि प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता जगमोहन सिंह चौहान ने बताया कि पुल का ढांचा खड़ा कर दिया गया है। मंगलवार तक ढांचागत काम पूरे कर दिए जाएंगे और इसके बाद पुल की सतह तैयार कर दी जाएगी। इस पुल के बनने के तुरंत बाद लोनिवि ने 2.37 करोड़ की लागत से बगल में नए पुल का निर्माण कार्य शुरू करने का लक्ष्य रखा था। हालांकि पुल के लिए उपयुक्त लोहा अभी बाजार में नहीं मिल पा रहा है।
प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता जगमोहन सिंह चौहान ने बताया कि अभी कार्बन स्टील ही मिल पा रहा है। इसकी लागत भले ही कम है, मगर क्षमता के हिसाब से यह उतना उपयुक्त नहीं है। पुल को बेहतर क्षमता का बनाने के लिए हाई स्ट्रेंथ स्टील्स की जरूरत है। इसकी आपूर्ति के लिए टाटा स्टील समेत स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लि. से संपर्क किया गया है। लोहे की आपूर्ति होते ही काम शुरू कर कम से कम छह माह में पूरा कर दिया जाएगा।
टौंस नदी पार कर स्कूल जा रहे छात्र
बीरपुर पुल क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद आर्मी पब्लिक स्कूल के बच्चों को टौंस नदी पार कर जाना पड़ रहा है। बच्चों को लाने ले जाने के लिए बस क इंतजाम किया गया है, लेकिन क्षतिग्रस्त हिस्से से पहले ही बस खड़ी कर दी जाती है और शिक्षकों और सेना की देखरेख में बच्चों को नदी पार कर दूसरी तरफ पहुंचाया जा रहा है। इसके बाद दूसरी बस से बच्चे स्कूल तक पहुंच रहे हैं।
घट्टीखोला पुल पर लगाया सपोर्ट, वैली ब्रिज का काम शुरू
गढ़ी कैंट क्षेत्र में कांडली गांव को जोड़ने वाले घट्टीखोला पुल पर उभरी दरार वाले हिस्से के नीचे सेना ने लोहे का एक सपोर्ट खड़ा कर दिया है। हालांकि इस पर भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक अभी जारी है। वहीं, दूसरी तरफ इस पुल के पास सेना ने वैली ब्रिज बनाने का काम भी शुरू कर दिया है। सेना ने 10 दिन के भीतर वैली ब्रिज बनाने का लक्ष्य रखा है। हालांकि अभी घट्टीखोला पुल की मरम्मत आदि की दिशा में प्रयास शुरू नहीं किए जा सके हैं।
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