दहेज पर बदल रही समाज की सोच
भारतीय वैश्य महासंघ की ओर से 26 मई को युवक-युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा जिसमें युवक-युवतियां एक-दूसरे को जानेंगे और पसंद आने पर विवाह बंधन में बंध जाएंगे।
जागरण संवाददाता, देहरादून: भारतीय वैश्य महासंघ की ओर से 26 मई को युवक-युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। महासंघ के पदाधिकारियों ने कहा कि आयोजन का उद्देश्य युवा पीढ़ी को संस्कार एवं संस्कृति से जोड़े रखना है। इस दौरान वक्ताओं ने स्वीकारा कि वैश्य समाज में आज भी दहेज प्रथा की जड़ें मजबूत हैं। विवाह में पैसा खर्च करना या वधु पक्ष से दहेज के रूप में लेन-देन बड़ी सामाजिक कुरीति है। हालांकि अब समाज के लोग इसका विरोध कर रहे हैं।
मंगलवार को दून क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में भारतीय वैश्य महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष विनय गोयल ने कहा कि परिचय सम्मेलन में हिस्सा लेने को इच्छुक युवक-युवतियां पंजीकरण करा सकते हैं। कहा कि पिछला परिचय सम्मेलन बेहद सफल रहा। उम्मीद है कि इस बार के आयोजन में करीब एक हजार युवक-युवतियां हिस्सा लेंगे।
महासंघ प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि समय के साथ समाज के लोग जागरूक हो रहे हैं। वे समझ रहे हैं कि लड़की पक्ष से कोई भी मांग करना उचित नहीं है। उन्होंने कई उदाहरण देते हुए यह भी कहा कि आज समाज के लोग बेटे-बेटी का विवाह सादगीपूर्वक करना पसंद कर रहे हैं। यह परिवर्तन का सूचक है। वार्ता में महासंघ के महानगर अध्यक्ष विनोद गोयल, महामंत्री विवेक अग्रवाल समेत कई अन्य उपस्थित रहे। अंगदान की मुहिम को बनाएंगे सफल
पदाधिकारियों ने कहा कि महासंघ की ओर से अंगदान की मुहिम शुरू की जा रही है। पिछले वर्ष मुहिम का संकल्प लिया था, जिसको सफल बनाने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने समाज के लोगों को इस नेक कार्य में योगदान देने को प्रेरित किया।