देहरादून में वैक्सीन का स्लाट बुक होने पर भी कई व्यक्तियों को लौटना पड़ा बैरंग
देहरादून में वैक्सीन के लिए आनलाइन स्लाट बुक करने की प्रक्रिया और वैक्सीनेशन सेंटरों के बीच तालमेल का अभाव देखने को मिल रहा है। ऐसे ही कई मामले सामने आए हैं। पुलिस लाइन स्थित वैक्सीनेशन सेंटर से कई व्यक्तिायों को लौटना पड़ा।
जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोनारोधी वैक्सीन लगाने के लिए सरकार युद्ध स्तर पर प्रयास कर रही है, मगर आनलाइन स्लाट बुक करने की प्रक्रिया व वैक्सीनेशन सेंटरों के बीच तालमेल के अभाव में नागरिकों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। ऐसे में ही एक मामले में कई व्यक्तियों को बिना वैक्सीन लगाए ही घर लौटना पड़ गया। मामला पुलिस लाइन स्थित वैक्सीनेशन सेंटर का है। यहां कई व्यक्तियों ने कोवैक्सीन के स्लाट बुक कराए थे, मगर संख्या कम होने के चलते संबंधित कार्मिकों ने वैक्सीन नहीं लगाई।
दून निवासी सोनिका दीक्षित ने पुलिस लाइन के सेंटर को कैवैक्सीन के लिए दोपहर बाद तीन से शाम पांच बजे का स्लाट बुक कराया था। वह तीन बजे सेंटर में पहुंच गई थी। तब वहां सिर्फ दो व्यक्ति कोवैक्सीन लगाने के लिए पहुंचे थे। जिस पर संबंधित कार्मिकों ने यह कहकर इंतजार करने को कहा कि नौ-दस व्यक्तियों के आने पर वैक्सीन लगा जाएगी। कुछ देर बाद रीता, श्वेता, रवि नाम के व्यक्ति भी कैवैक्सीन के लिए पहुंचे।
आधे घंटे बाद सात व्यक्ति हो गए, मगर इस संख्या को कम बताकर सेंटर कार्मिकों ने कहा कि वह वैक्सीन नहीं खोल सकते। उन्होंने सलाह दी कि सभी व्यक्ति दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वैक्सीन लगा सकते हैं। सभी व्यक्ति मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे, मगर यहां हाफ-डे बताकर वैक्सीन नहीं लगाई गई। लिहाजा, सभी को बैरंग लौटना पड़ गया।
सोनिका दीक्षित ने व्यवस्था पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि वैक्सीन की बर्बादी रोकने के लिए कम व्यक्तियों को वैक्सीन न लगाने उचित कदम है। मगर, जो लोग स्लाट बुक कराकर वैक्सीन लगाने पहुंच रहे हैं, उनके लिए वैकल्पिक इंतजाम किया जाना चाहिए। या फिर उनका स्लॉट निरस्त पर समय पर एसएमएस के जरिये सूचित कर दिया जाना चाहिए। ताकि नागरिकों को अनावश्यक भागदौड़ न करनी पड़े। वहीं, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. दिनेश चौहान ने कहा कि स्लॉट बुक करने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के साथ ही विभिन्न वैक्सीनेशन सेंटर के बीच तालमेल बेहतर करने का प्रयास किया जाएगा। ताकि नागरिकों को इस तरह परेशान न होना पड़े।
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