राज्य व जिला उपभोक्ता आयोगों में भरे जाएंगे रिक्त पद, पढ़िए पूरी खबर
राज्य उपभोक्ता आयोग और चार जिलों देहरादून हरिद्वार ऊधमसिंहनगर और नैनीताल के जिला उपभोक्ता आयोगों में अध्यक्षों व सदस्यों का चयन अब केंद्र सरकार की अधिसूचना के मुताबिक होगा। मंत्रिमंडल ने यह फैसला लिया। इस फैसले के बाद राज्य व जिलों में आयोगों में रिक्त पदों को भरा जा सकेगा।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। राज्य उपभोक्ता आयोग और चार जिलों देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और नैनीताल के जिला उपभोक्ता आयोगों में अध्यक्षों व सदस्यों का चयन अब केंद्र सरकार की अधिसूचना के मुताबिक होगा। मंत्रिमंडल ने बुधवार को यह फैसला लिया। इस फैसले के बाद राज्य व जिलों में आयोगों में रिक्त पदों को भरा जा सकेगा।
केंद्र सरकार 15 जुलाई, 2020 को अधिसूचना के जरिये उपभोक्ता संरक्षण नियम लागू कर चुकी है। इनमें राज्य आयोग व जिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिए पात्रता, भर्ती की पद्धति व प्रक्रिया, कार्यकाल, पद से त्यागपत्र और हटाने के प्रविधान तय किए गए हैं। मंत्रिमंडल ने केंद्र के उपभोक्ता संरक्षण नियमों को प्रदेश में लागू करने का निर्णय लिया। कैबिनेट मंत्री व शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि उक्त फैसले से राज्य में उपभोक्ताओं के हितों को बेहतर संरक्षण मिलेगा। साथ में उपभोक्ता विवादों और समस्याओं को तेजी से निपटाया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि राज्य के सभी 13 जिलों में जिला आयोगों की जरूरत महसूस नहीं की जा रही है। सिर्फ चार बड़े जिलों में ही इनकी व्यवस्था है। मंत्रिमंडल ने तय किया है कि केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 को अपनाने के बाद भी चार जिलों में ही आयोग की व्यवस्था जारी रखी जाएगी। जरूरी हुआ तो इसके लिए केंद्र सरकार से अनुमति ली जाएगी। आयोगों के अध्यक्ष व सदस्यों के वेतन-भत्ते केंद्र के समान रखे जाएं या इसमें बदलाव किया जा सकता है, इस पर आगे फैसला लिया जाएगा। आयोग अध्यक्ष का वेतन शासन के अपर सचिव और सदस्यों का वेतन उप सचिव के बराबर रखने के बारे में भी जल्द निर्णय लिया जाएगा। आयोगों में सदस्यों के तौर पर सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र के व्यक्तियों को भी मौका दिया जाएगा।
राज्य आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति के लिए पात्रता:
- अध्यक्ष के लिए उच्च न्यायालय का वर्तमान या पूर्व न्यायाधीश होना आवश्यक
- सदस्य के लिए जिला न्यायालय के पीठासीन अधिकारी या किसी न्यायाधिकरण में समकक्ष स्तर में या दोनों में संयुक्त रूप से न्यूनतम दस वर्ष का अनुभव जरूरी
- उपभोक्ता मामले, विधि, लोक मामले, प्रशासन, अर्थशास्त्र, वाणिज्य, उद्योग, वित्त, प्रबंधन, अभियांत्रिकी, प्रौद्योगिकी, लोक स्वास्थ्य या औषधि में विशेष ज्ञान और न्यूनतम 20 वर्ष का अनुभव
- राज्य आयोग में न्यूनतम एक सदस्य या अध्यक्ष महिला होगी
जिला आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति के लिए पात्रता:
- अध्यक्ष के लिए जिला न्यायालय का वर्तमान या पूर्व न्यायाधीश होना जरूरी
- सदस्य के लिए आयु न्यूनतम 35 वर्ष, स्नातक डिग्रीधारक
- उपभोक्ता मामले, विधि, लोक मामले, प्रशासन, अर्थशास्त्र, वाणिज्य, उद्योग, वित्त, प्रबंधन, अभियांत्रिकी, प्रौद्योगिकी, लोक स्वास्थ्य या औषधि में विशेष ज्ञान और न्यूनतम 15 वर्ष का अनुभव।
नियुक्ति की प्रक्रिया:
राज्य आयोग और जिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति सरकार चयन समिति की सिफारिशों पर करेगी। चयन समिति के अध्यक्ष हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित हाईकोर्ट का न्यायाधीश होंगे। सरकार के उपभोक्ता मामलों के प्रभारी सचिव चयन समिति के संयोजक होंगे।
नगर निगम को वापस मिलेगी ब्राहमणवाला की भूमि
रिवर फ्रंट डेवलपमेंट योजना के तहत मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) को ब्राह्मणवाला में दी गई 0.2561 हेक्टेयर भूमि नगर निगम देहरादून को वापस होगी। बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई। गौरतलब है कि वर्ष 2016 में यह भूमि एमडीडीए को हस्तांतरित कर दी गई थी, लेकिन रास्ता न होने के कारण इसका उपयोग नहीं हो पा रहा था। हालांकि, इससे पहले 2015 में नगर निगम ने इस भूमि का विनियम भूमि से लगे निजी खातेदार से करने का प्रस्ताव पारित किया था। इसे देखते हुए यह भूमि निगम को वापस करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही निजी खातेदार से इसके विनिमय की सशर्त अनुमति भी प्रदान की गई है।
एसएस जीना व परेश त्रिपाठी के निधन पर शोक जताया
मंत्रिमंडल ने बुधवार को सचिवालय में बैठक से पहले विधायक सुरेंद्र सिंह जीना और हाईकोर्ट में मुख्य शासकीय अधिवक्ता परेश त्रिपाठी के निधन पर शोक व्यक्त कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ में शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना जताई।
यह भी पढ़ें: Uttarakhand Cabinet Meet: विश्वविद्यालय टॉपरों का होगा सम्मान