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फल पौध खराब निकली तो नर्सरी स्वामी को होगी जेल, पढ़िए पूरी खबर

यदि किसी सरकारी अथवा निजी नर्सरी से किसानों को मुहैया कराई गई फल पौध खराब निकली तो नर्सरी स्वामी को जेल की हवा खानी पड़ेगी। साथ ही जुर्माने भी होगा।

By Edited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 08:18 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 08:36 PM (IST)
फल पौध खराब निकली तो नर्सरी स्वामी को होगी जेल, पढ़िए पूरी खबर
फल पौध खराब निकली तो नर्सरी स्वामी को होगी जेल, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, केदार दत्त। औद्यानिकी को आर्थिकी का मुख्य जरिया बनाने की कोशिशों में जुटी प्रदेश सरकार अब नर्सरी के मानकों को सख्त करने जा रही है। इसके तहत निकट भविष्य में यदि किसी सरकारी अथवा निजी नर्सरी से किसानों को मुहैया कराई गई फल पौध खराब निकली तो नर्सरी स्वामी को जेल की हवा खानी पड़ेगी। साथ ही जुर्माने की राशि में 10 गुना की बढ़ोतरी कर इसे 50 हजार होगी। उत्तराखंड के प्रस्तावित नर्सरी एक्ट में ये प्रावधान किए जा रहे हैं। अन्य नियमों को भी सख्त करने के साथ ही जवाबदेही तय की गई है। एक्ट का मसौदा तैयार कर लिया गया है और अब इसे कैबिनेट की झंडी मिलने पर राज्यभर में लागू कर दिया जाएगा।

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अभी तक राज्य में उत्तर प्रदेश के नर्सरी एक्ट से काम चलाया जा रहा है। इसे देखते हुए दिसंबर 2017 से राज्य का अपना नर्सरी एक्ट बनाने की कसरत शुरू हुई। अब इसका मसौदा तैयार कर लिया गया है। सूत्रों के अनुसार अब सरकारी व निजी क्षेत्र की सभी नर्सरियों को एक्ट के दायरे में लाया जाएगा। अभी तक उद्यान विभाग की नर्सरियां इससे बाहर थीं। इसके पीछे मंशा जवाबदेही तय करने की है। नर्सरी में तैयार होने वाली पौध की गुणवत्ता के लिए नर्सरी स्वामी के साथ ही जिला स्तर के उद्यान विभाग के कार्मिकों पर भी कार्रवाई होगी।

सूत्रों ने बताया कि एक्ट में दंड के प्रावधान कड़े किए गए हैं। पूर्व में नियमों की अनदेखी करने वाली नर्सरियों के स्वामियों से पांच हजार का जुर्माना लिया जाता था। अब जुर्माने की राशि बढ़ाकर 50 हजार की जा रही है। साथ ही छह माह के कारावास का प्रावधान किया गया है। नियमों के उल्लंघन की प्रकृति के अनुसार जुर्माना व कारावास दोनों हो सकती हैं।

खराब फल पौध के कारण किसान को होने वाले नुकसान की भरपाई की भी व्यवस्था होगी। इसका निर्णय जिला स्तर पर गठित होने वाली कमेटी करेगी। वह यह तय करेगी कि किसान को क्षति की भरपाई किससे वसूली जाएगी। यही नहीं, बिना लाइसेंस के कोई नर्सरी संचालित नहीं होगी और न कोई खरीद-फरोख्त ही होगी। साथ ही नर्सरी का हर दो साल मेंं नवीनीकरण कराना अनिवार्य होगा।

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ये भी प्रावधान

  • अब 0.2 हेक्टेयर से कम भूमि में पौधालय को माना जाएगा नर्सरी
  • 30 वर्ष के भूमि पट्टे वाली भूमि में भी नर्सरी की जा सकेगी तैयार
  • प्रत्येक नर्सरी में मातृवृक्ष (मदर ब्लाक) तैयार करना जरूरी
  • नर्सरी के लिए तीन वर्ष का कैलेंडर बनाना अनिवार्य
  • नई प्रजाति की खोज करने पर इसे पेटेंट करा सकेंगी नर्सरी

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सुबोध उनियाल (कृषि एवं उद्यान मंत्री) का कहना है कि राज्य के नर्सरी एक्ट का मसौदा तैयार कर लिया गया है। इसमें किसानों के हितों का ख्याल रखने के साथ ही नर्सरी स्वामियों के साथ ही विभाग की जवाबदेही भी तय की जा रही है। अब एक्ट के मसौदे को कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा।

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