कर्इ मायनों में अहम रहा विधानसभा का शीतकाली सत्र, जानिए
विधानसभा का शीतकालीन सत्र चार दिन के सत्र के दौरान सदन 16 घंटे 17 मिनट चला और एक बार भी स्थगित नहीं हुआ।
By Edited By: Published: Sat, 08 Dec 2018 08:54 PM (IST)Updated: Sun, 09 Dec 2018 03:39 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। विधानसभा का शीतकालीन सत्र कई मायनों में अहम रहा। चार दिन के सत्र के दौरान सदन 16 घंटे 17 मिनट चला और एक बार भी स्थगित नहीं हुआ। यह लगातार दूसरा मौका है, जब सत्र बिना बाधा के निर्बाध ढंग से चला।
शनिवार को विधानसभा में पत्रकारों से बातचीत में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रश्नकाल में लगे सभी प्रश्नों के उत्तर सदस्यों को मिले और यह सातवां मौका है, जब ऐसा हुआ। सत्र में विनियोग (वर्ष 2018-19 का प्रथम अनुपूरक) समेत तीन विधेयक पारित हुए, जबकि एक विधेयक को सदन ने वापस लिया। पीठ ने इस दौरान दो मामलों में विनिश्चय भी दिए।
विस का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को समाप्त होने के बाद शनिवार को पत्रकारों से रूबरू हुए विस अध्यक्ष अग्रवाल ने कहा कि चार दिन का यह सत्र बिना किसी बाधा के संपन्न हुआ। एक बार भी सदन को स्थगित करने की स्थिति नहीं आई। उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र की ओर से रखे गए सतत विकास लक्ष्य पर भी स्वस्थ चर्चा हुई। सत्र के अंतिम दिन सदन की कार्यवाही देखने आए लोकसभा के पूर्व महासचिव जीसी मल्होत्रा ने सदन की कार्यवाही की प्रशंसा की और कहा कि यह प्रेरणादायक है।
उन्होंने बताया कि शीतकालीन सत्र में कुल 360 प्रश्न प्राप्त हुए। इनमें 74 के उत्तर आए। 29 प्रश्न अस्वीकृत किए गए। उन्होंने बताया कि सत्र में पांच, छह व सात दिसंबर को प्रश्नकाल चला और इसमें आए सभी तारांकित प्रश्न उत्तरित हुए। ऐसा सातवीं बार हुआ है, जब सदन के पटल पर रखे गए सभी ताराकित प्रश्नों को प्रश्नकाल में निर्धारित समयावधि में उत्तरित कराया गया।
उन्होंने जानकारी दी कि सदन को नियम 300 के तहत 70 सूचनाएं मिली। इनमें 11 स्वीकृत हुईं और 25 ध्यानाकर्षण को रखी गई। नियम 53 में 38 सूचनाओं में से चार स्वीकृत हुई और 12 ध्यानाकर्षण को रखी गई। नियम 58 में प्राप्त 18 सूचनाओं में से 10 स्वीकृत की गई। सदन में एक सरकारी व पांच असरकारी संकल्प पास हुए। नियम 105 में तीन प्रस्ताव और 121 याचिकाओं में से 25 स्वीकृत याचिकाएं सदन के पटल पर रखी गई। सत्र में विनियोग समेत तीन विधेयक पारित हुए।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से संबंधित संशोधन विधेयक को सदन द्वारा वापस लिया गया। उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान पीठ ने जिला विकास प्राधिकरण के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय भवन बनाने में जनता को हो रही दिक्कतों के मद्देनजर इस बारे में नए सिरे से जांच कराकर नियमानुसार एवं व्यवहारिकता को देखते हुए सरकार को समाधान के निर्देश दिए।
इसके अलावा नियम 300 में ग्राह्य सूचनाओं का उत्तर सदस्यों को समय पर न मिलने के संबंध में सरकार को जनहित के सभी लंबित प्रकरणों पर शीघ्र कार्यवाही को निर्देशित किया गया। सत्र के दूसरे दिन विपक्ष के बाहर रहने से संबंधित प्रश्न पर उन्होंने कहा कि विपक्ष की समस्या का समाधान कर दिया गया था। फिर भी वे बाहर रहे, ऐसा नहीं होना चाहिए था। पत्रकार वार्ता के दौरान विधानसभा सचिव जगदीश चंद भी मौजूद थे।
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