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उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय की नरमी छात्रों के भविष्य पर भारी

आयुर्वेद विवि की नरमी छात्रों के भविष्य पर ग्रहण लगा रही है। निजी कॉलेजों ने बढ़ी फीस जमा न करने पर परीक्षा फॉर्म भरवाने से इनकार कर दिया है।

By Edited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 03:00 AM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 12:50 PM (IST)
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय की नरमी छात्रों के भविष्य पर भारी
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय की नरमी छात्रों के भविष्य पर भारी

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड आयुर्वेद विवि की नरमी छात्रों के भविष्य पर ग्रहण लगा रही है। निजी कॉलेजों ने बढ़ी फीस जमा न करने पर परीक्षा फॉर्म भरवाने से इनकार कर दिया है। पर विवि प्रशासन कार्रवाई के बजाय उन्हें आश्वासनों की घुट्टी पिला रहा है। 

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दरअसल, शुक्रवार को विवि परिसर में धरना देने पहुंचे छात्रों के सामने बड़ी-बड़ी बातें की गई। दावा ये भी किया कि सभी कॉलेजों को व्यक्तिगत रूप से परीक्षा फॉर्म भरवाने को निर्देशित किया गया है। पर कॉलेजों ने छात्रों को बैरंग लौटा दिया और परीक्षा फॉर्म भरवाने से साफ इनकार कर दिया। हाईकोर्ट और सरकार के तमाम आदेशों के बाद भी निजी आयुष कॉलेज मानने को तैयार नहीं हैं। 
वह छात्रों पर 80 हजार के बजाय 2.15 लाख रुपये ही जमा कराने का दबाव बना रहे हैं। ऐसा न करने पर 15 फरवरी से शुरू होने वाली पूरक एवं मुख्य परीक्षाओं के लिए फॉर्म भी नहीं भरवाए जा रहे हैं। शुक्रवार को छात्रों ने विवि में प्रदर्शन कर कुलपति एवं कुलसचिव से शिकायत की थी। जिस पर अधिकारियों ने यह आश्वासन दिया था कि वे कॉलेज जाएं, उनके फॉर्म भरवाए जाएंगे। यदि कॉलेज प्रबंधन आनाकानी करता है, तो कार्रवाई की जाएगी। विवि स्तर पर उनके फॉर्म भरवाकर परीक्षाएं कराई जाएंगी। नहीं करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जरूरत पड़ी तो विवि अपने स्तर पर परीक्षा कराएगा।
छात्र नेता ललित तिवारी, अजय मौर्य ने कहा कि कई कॉलेजों ने फार्म भरवाने से साफ इनकार कर दिया है। विवि ने परीक्षा कार्यक्रम में बदलाव और प्रबंधन को परीक्षा का अधिकार देकर उल्टा कॉलेजों को संरक्षण देने का काम किया है। इसके खिलाफ वे सुप्रीम कोर्ट भी जाने को तैयार हैं। उधर, विवि के कुलपति प्रो. सुनील जोशी का कहना है कि सभी कॉलेजों से बात कर छात्रों की समस्या का समाधान किया जा रहा है। कॉलेजों के आदेशों का पालन 
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