मानसून सत्र आज से, हंगामेदार रहने के आसार
विधानसभा का मानसून सत्र मंगलवार से प्रारंभ हो रहा है। 24 सितंबर तक चलने वाले सत्र के लिए चार कार्यदिवस निर्धारित किए गए हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
विधानसभा का मानसून सत्र मंगलवार से प्रारंभ हो रहा है। 24 सितंबर तक चलने वाले सत्र के लिए चार कार्यदिवस निर्धारित किए गए हैं। पहले दिन मलिन बस्तियों में तोड़फोड़ और अतिक्रमण हटाने के लिए लाए गए अध्यादेश समेत दो अध्यादेश और दो संशोधन विधेयक सदन के पटल पर रखे जाएंगे। इसके अलावा अधीनस्थ सेवा चयन आयोग संशोधन विधेयक पुनर्विचार के लिए रखा जाएगा। यही नहीं, विधायकों की ओर से सत्र के लिए 1010 प्रश्न लगाए गए हैं। सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। विपक्ष कानून व्यवस्था, बच्चों-महिलाओं पर अत्याचार व अपराध, राज्य की वित्तीय स्थिति, महंगाई समेत अन्य मुद्दों को लेकर सरकार पर हमला बोलने की तैयारी में है तो सत्ता पक्ष ने भी इसका जवाब देने को रणनीति तय की है। इस कड़ी में भाजपा व कांग्रेस विधानमंडल दलों की बैठक में सोमवार को रणनीति तय की गई।
कैबिनेट की 27 अगस्त को हुई बैठक में विस का मानसून सत्र 18, 19, 20 व 24 सितंबर को आहूत करने का निर्णय लिया गया था। राज्य की चौथी विधानसभा के चालू वर्ष के इस दूसरे सत्र के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सचिव विधानसभा जगदीश चंद्र के मुताबिक सत्र के लिए विधायकों की ओर से कुल 1010 प्रश्न आए हैं। इनमें तारांकित, अतारांकित व अल्पसूचित प्रश्न शामिल हैं।
इस बीच विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सत्र के पहले दिन का कार्यक्रम तय किया गया। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि पहले दिन दो विधेयक, दो अध्यादेश सदन के पटल पर रखे जाएंगे, जबकि एक विधेयक पुनर्विचार को लाया जाना है। बैठक में विस उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान, संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृद्येश, विधायक खजानदास, गोविंद सिंह कुंजवाल व प्रीतम सिंह मौजूद थे। सत्र के पहले दिन विस की नियम समिति का प्रत्यावेदन भी पेश होना संभावित है। इसके अलावा गाय को राष्ट्रमाता और गोवंश संरक्षण के लिए राष्ट्रीय प्राधिकरण का गठन समेत चार संकल्प भी विधानसभा को प्राप्त हुए हैं। ये भी पहले दिन ही लाए जाएंगे।
सत्र के गर्मागर्म रहने के आसार हैं। कानून व्यवस्था, कर्मचारियों की मांगों, महंगाई के साथ ही अन्य कई मुद्दों को लेकर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से सरकार पर हमला बोलने की तैयारी है। इसे देखते हुए सत्तासीन भाजपा की ओर से भी रणनीति बनाई गई है। दोनों ही दलों के विधानमंडल दलों की सोमवार को बैठकें हुई, जिनमें उन्होंने अपनी-अपनी रणनीति पर मंथन किया।
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पहले दिन ये विधेयक होंगे पेश
-उत्तराखंड (उप्र शीरा नियंत्रण अधिनियम, 1964) संशोधन वियेयक-2018
-न्यायालय शुल्क संशोधन विधेयक-2018
ये रखे जाएंगे अध्यादेश
-उत्तराखंड नगर निकायों एवं प्राधिकरणों हेतु विशेष प्रावधान-2018 अध्यादेश
-उत्तराखंड सेवानिवृत्ति लाभ अध्यादेश-2018
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इस पर होगा पुनर्विचार
-उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग संशोधन विधेयक-2018। यह विधेयक पिछले सत्र में किया गया था पेश।