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जीईपी की परिकल्पना को आगे बढ़ाएगा उत्तराखंड, पढ़िए पूरी खबर

सकल पर्यावरण उत्पाद का सूचकांक बनाने की परिकल्पना को राज्य आगे बढ़ाने जा रहा है। इस कड़ी में राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों से विभिन्न बिंदुओं पर प्रस्ताव मांगे गए हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 02:18 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 02:18 PM (IST)
जीईपी की परिकल्पना को आगे बढ़ाएगा उत्तराखंड, पढ़िए पूरी खबर
जीईपी की परिकल्पना को आगे बढ़ाएगा उत्तराखंड, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की तर्ज पर सकल पर्यावरण उत्पाद (जीईपी) का सूचकांक बनाने की परिकल्पना को राज्य आगे बढ़ाने जा रहा है। इस कड़ी में राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों से विभिन्न बिंदुओं पर प्रस्ताव मांगे गए हैं, जिससे इसके मानक तय किए जा सकें। प्रमुख सचिव वन आनंद बर्धन ने मंगलवार को शुक्लापुर में हेस्को मुख्यालय में हेस्को की तकनीकी का अवलोकन करने के बाद यह बात कही। उन्होंने कहा कि जीईपी को लेकर सरकार गंभीर है। गौरतलब है कि हेस्को के संस्थापक पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी जीईपी को लेकर मुहिम छेड़े हुए हैं। 

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हेस्को मुख्यालय के भ्रमण के दौरान प्रमुख सचिव वन आनंद बर्धन ने पर्यावरणविद् पद्मभूषण डॉ. जोशी के साथ विमर्श भी किया। इस दौरान प्रमुख सचिव ने कहा कि सरकार जीईपी को आगे बढ़ाने को संकल्पबद्ध है। डॉ. जोशी के अनुसार इस मौके पर तय हुआ कि आगामी बैठक जीईपी पर होगी, जिसमें प्रधानमंत्री के सलाहकार और देशभर के विशेषज्ञ भाग लेंगे। इसके आधार पर राज्य सरकार जीईपी की परिकल्पना को आगे बढ़ाएगी। 

इससे पहले प्रमुख सचिव आनंद बर्धन ने हेस्को के विभिन्न कार्यों और तकनीकी का अवलोकन किया। उन्होंने प्रकृति के विज्ञान को समझते हुए नदी की वापसी से लेकर उसके विभिन्न नए उपयोग और पहाड़ के प्रति अनुकूल विज्ञान के प्रयोग को देखा। साथ ही वनों में रीजेनरेशन की स्थिति का आकलन किया। 

उन्होंने उस पारिस्थितिकी तंत्र की प्रशंसा की, जिसमें सामूहिक भागीदारी से वन तंत्र को सशक्त किया जा सकता है। उन्होंने हेस्को की पहल रीबर्थ (पुनर्जन्म), जिसमें मृत्यु के बाद चिता के अवशेष मिट्टी में मिलाकर वृक्ष के रूप में स्मृति वन लगाने की परिकल्पना है, को भी सराहा। उन्होंने उन प्रयोगों और पद्धतियों की सराहना की, जिनके जरिए पहाड़ के जनजीवन को बेहतर किया जा सकता है। 

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हेस्को के संस्थापक डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने हेस्को की गतिविधियों का ब्योरा रखा। इसके अलावा विभिन्न सामाजिक आंदोलन, जिनमें महिला सशक्तिकरण, जल-जंगल-जमीन समेत दूसरे कार्य हैं, के बारे में भी बताया। प्रमुख सचिव वन ने कहा कि वह भविष्य में हेस्को को इकोलॉजी एंड एनवायरनमेंटल ट्रेनिंग इस्टीट्यूट के तौर पर देखते हैं। इस मौके पर हेस्को वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. राकेश कुमार, डॉ. किरन नेगी, डॉ. सुभाष नौटियाल, डॉ. हिमानी पुरोहित आदि मौजूद थे। 

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