Uttarakhand Weather : हिमपात से तापमान में गिरावट, गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे बंद
Uttarakhand Weather ऊंची चोटियों में हुए हिमपात से तापमान में गिरावट भी दर्ज की गई है। वहीं अब अगले कुछ दिन मौसम शुष्क रह सकता है। पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं गरज के साथ हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है।
टीम जागरण, देहरादून : Uttarakhand Weather: मानसून की विदाई से पूर्व उत्तराखंड में पिछले एक सप्ताह में भारी वर्षा हुई। वहीं अब अगले कुछ दिन मौसम शुष्क रह सकता है। ऊंची चोटियों में हुए हिमपात से तापमान में गिरावट भी दर्ज की गई है। वहीं यमुनोत्री और गंगोत्री हाईवे गुरुवार को भी बंद पड़ा हुआ है।
मौसम विभाग के अनुसार, आज ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम शुष्क रह सकता है। पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं गरज के साथ हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। अगले कुछ दिन ऐसे ही बना रहने के अनुमान हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक, चोटियों पर हिमपात होने से तापमान में कुछ गिरावट आई है। अगले दो दिन मौसम शुष्क रह सकता है। पर्वतीय क्षेत्रों में गरज के साथ बौछार पड़ सकती हैं।
धरासू बैंड के पास भारी भूस्खलन, यमुनोत्री-गंगोत्री हाईवे बंद
धरासू यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माणाधीन आलवेदर रोड पर बुधवार शाम को धरासू बैंड के पास भारी भूस्खलन हुआ है। भूस्खलन इतना अधिक हुआ कि पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा टूट गया। जिससे धूल के गुब्बार उठे। इससे धरासू यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हुआ।
साथ ही भूस्खलन का मलबा धरासू बैंड के निकट गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी गिरा। जिससे गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी बाधित हुआ है। दोनों राजमार्ग अवरुद्ध होने के कारण करीबन तीन हजार से अधिक तीर्थयात्री और स्थानीय निवासी फंस गए हैं।
बुधवार की शाम करीब पांच बजे धरासू यमुनोत्री राजमार्ग धरासू बैंड बाजार से करीब 200 मीटर की दूरी पर पहाड़ी से भूस्खलन शुरू हुआ है। भूस्खलन का मलबा चिन्यालीसौड़ व धरासू बैंड के बीच गंगोत्री राजमार्ग पर भी गिरा। जिससे दोनों राजमार्ग पर वाहनों की कतार लगनी शुरू हो गई।
करीब साढ़े पांच बजे पहाड़ी का बड़ा हिस्सा पहले यमुनोत्री राजमार्ग पर गिरा और फिर गंगोत्री राजमार्ग पर गिरा। राजमार्ग के दोनों ओर खड़े तीर्थयात्री व स्थानीयजन जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों की ओर भागे। भूस्खलन से राजमार्ग का एक बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के बड़कोट खंड की टीम और आलवेदर रोड कटिंग करने वाली कंपनी की टीम मौके पर पहुंची। आलवेदर रोड कटिंग के कारण धरासू बैंड के पास भूस्खलन जोन लंबे समय से बना हुआ है। जिससे यमुनोत्री व गंगोत्री राजमार्ग कई बार बाधित हो चुका है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि बुधवार की शाम को हुए भूस्खलन के कारण धरासू यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग और गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित हुआ। सुरक्षा की दृष्टि से ब्रह्मखाल और धरासू के पास आवाजाही करने वालों को नियंत्रित किया गया है। राजमार्ग खुलने में वीरवार दोपहर तक का समय लग सकता है।
आपदा के बाद सुध न लेने से नाराज ग्रामीणों का हंगामा
वहीं चकराता के खत बमटाड़ के 24 गांवों में दैवीय आपदा के बाद अधिकारियों की ओर से कोई सुध न लेने से नाराज ग्रामीण स्थानीय तहसील आ धमके और प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। ग्रामीण तत्काल मुआवजा देने की मांग पर अड़ गए। एडीएम प्रशासन के आश्वासन के बाद ग्रामीण शांत हुए।
बुधवार दोपहर जैसे ही अधिकारी चकराता पहुंचे। तहसील पर पहले से ही अधिकारियों का इंतजार कर रहे खत बमटाड के सैकड़ों ग्रामीणों का गुस्सा उन पर फूट पड़ा। उन्होंने तहसील प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। ग्रामीणों के यह तेवर देख अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए।
ग्रामीणों ने कहा कि आपदा आए तीन दिन हो गए हैं, लेकिन तहसील के अधिकारी उनकी सुध के लिए मौके पर नहीं पहुंचे हैं। किसी किसी परिवार की पूरी भूमि आपदा की भेंट चढ़ गई है। उनके पास आजीविका के साधन तक नहीं बचे हैं, लेकिन उनकी कोई सुध लेने नहीं आ रहा है। ऐसे में प्रशासन की सक्रियता की पोल खुल ही खुल जाती है।
ग्राम मंगरोली, क्वारना, होडा, डकियारना, अष्टाड आदि दर्जनों गांवों के आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि अधिकांश गांवों के रास्ते से लेकर पेयजल लाइन तक क्षतिग्रस्त हो गई है। किसी किसी गांव में तो पीने के लिए साफ पानी नहीं है। कई ग्रामीणों के खेत पशु व फसल तक बह गई। हंगामा कर रहे ग्रामीणों ने पूरे क्षेत्र को आपदाग्रस्त घोषित कर कृषि ऋण माफ करने की मांग प्रशासन से की।