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Uttarakhand Weather : 19 और 20 अगस्‍त को भारी बारिश की संभावना, यमुनोत्री हाइवे शुक्रवार को भी बंद

Uttarakhand Weather शुक्रवार सुबह से राजधानी देहरादून और आसपास के इलाकों में मौसम खराब बना हुआ है। मौसम विभाग ने भी शुक्रवार और शनिवार को उत्‍तराखंड में भारी बारिश (Heavy Rain In Uttarakhand) की संभावना जताई है।

By Nirmala BohraEdited By: Published: Fri, 19 Aug 2022 07:58 AM (IST)Updated: Fri, 19 Aug 2022 07:58 AM (IST)
Uttarakhand Weather : 19 और 20 अगस्‍त को भारी बारिश की संभावना, यमुनोत्री हाइवे शुक्रवार को भी बंद
Uttarakhand Weather : 19 और 20 अगस्‍त को भारी बारिश की संभावना। फाइल

टीम जागरण, देहरादून : Uttarakhand Weather : मौसम विभाग ने शुक्रवार 19 अगस्‍त और शनिवार 20 अगस्‍त को उत्‍तराखंड में भारी बारिश (Heavy Rain In Uttarakhand) की संभावना जताई है।

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इसे लेकर दो दिन का यलो अलर्ट (Heavy Rain Yellow Alert ) भी जारी किया गया है। वहीं शुक्रवार सुबह से राजधानी देहरादून और आसपास के इलाकों में मौसम खराब बना रहा। हालांकि बाद में धूप खिल आई।यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग धरासू बैंड के पास भारी भूस्खलन के कारण शुक्रवार को भी मार्ग बाधित है।

यमुनोत्री हाइवे बुधवार से बंद

धरासू-यमुनोत्री हाइवे (Yamunotri Highway) पर बुधवार शाम धरासू बैंड के पास हुए भूस्खलन से जमा मलबा गुरुवार को भी नहीं हटाया जा सका।

यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग धरासू बैंड के पास भारी भूस्खलन के कारण शुक्रवार को भी मार्ग बाधित है। एनएच एवं रानी कंस्ट्रक्शन कंपनी धरासू द्वारा उक्त स्थान पर मार्ग को सुचारू किये जाने की कार्यवाही गतिमान है। वर्तमान में जनपद के अन्तर्गत 15 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरुद्ध हैं।

जबकि, गंगोत्री हाइवे (Gangotri Highway) पर 17 घंटे बाद गुरुवार सुबह आवाजाही शुरू हो गई। हालांकि, मलबा हटाने के कार्य के चलते पूरे दिन केवल छह घंटे ही गंगोत्री हाइवे (Gangotri Highway) सुचारु रहा।

यमुनोत्री हाइवे (Yamunotri Highway) के पूरी तरह बाधित रहने के कारण तीर्थ यात्रियों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। यमुनोत्री से गंगोत्री की ओर आने वाले 50 से अधिक बड़े वाहन, फेड़ी व ब्रह्मखाल क्षेत्र फंसे हुए हैं, जिनमें 300 से अधिक तीर्थ यात्री हैं। उम्मीद है कि आज यमुनोत्री हाइवे खुल जाएगा।

धरासू-यमुनोत्री हाइवे पर हुए भूस्खलन का मलबा इतना अधिक था कि पहले यमुनोत्री हाइवे बाधित हुआ और फिर मलबा यहां से धरासू-चिन्यालीसौड़ के बीच गंगोत्री हाइवे पर आ गिरा। गुरुवार सुबह आठ बजे भूस्खलन थमने पर सीमा सड़क संगठन ने गंगोत्री हाइवे को सुचारु करने का कार्य शुरू किया। सुबह दस से दोपहर एक बजे तक गंगोत्री हाइवे को यातायात के लिए सुचारु रखा गया।

इसके बाद गंगोत्री हाइवे पर बीच-बीच में यातायात रोककर यमुनोत्री हाइवे से मलबा व पत्थर हटाने का कार्य भी होता रहा। यमुनोत्री हाइवे से मलबा हटाने के दौरान मलबा सीधे गंगोत्री हाइवे पर गिर रहा था। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि यमुनोत्री हाइवे पूरे दिन अवरुद्ध रहा।

हेल्गु में छह घंटे बंद रहा गंगोत्री हाइवे

बुधवार रात गंगोत्री हाइवे पर हेल्गु के पास भारी भूस्खलन के चलते हाइवे गुरुवार दोपहर तक करीब छह घंटे अवरुद्ध रहा। हाइवे को सुचारु करने के लिए बीआरओ की टीम ने युद्धस्तर पर काम किया। इस दौरान हेल्गु गदेरे के दोनों ओर राजमार्ग पर तीर्थ यात्रियों व स्थानीय ग्रामीणों के वाहनों की लंबी कतार लगी रही।

वहीं, यमुनोत्री हाइवे पर हरेती के पास गुरुवार सुबह भारी भूस्खलन हुआ। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के बड़कोट खंड और आलवेदर रोड का कार्य करने वाली कंपनी ने हरेती के पास अवरुद्ध हुए हाइवे को चार घंटे में सुचारु किया।

मसूरी भूस्खलन जोन की रिपोर्ट अंतिम चरण में

मसूरी रोड पर गलोगी पावर हाउस के पास के भूस्खलन जोन के उपचार की रिपोर्ट अंतिम चरण में हैं। शासन की ओर से गठित कमेटी रिपोर्ट को एक सप्ताह के भीतर लोनिवि सचिव आरके सुधांशु को सौंप देगी।

भूस्खलन जोन के उपचार के लिए नियुक्त किए गए कंसल्टेंट ने करीब 29 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार की है। इस भारी-भरकम धनराशि को देखते हुए लोनिवि सचिव ने डीपीआर का परीक्षण कराने के लिए अपर सचिव लोनिवि विनीत कुमार की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी।

यह कमेटी दो बार भूस्खलन जोन का निरीक्षण कर चुकी है। इसके अलावा कमेटी ने लंबीधार-किमाड़ी रोड का भी निरीक्षण किया। यहां के भूस्खलन जोन के उपचार के लिए लोनिवि ने सेंट्रल रोड फंड के तहत अलग से प्रस्ताव बनाकर भेजा है। इस पर करीब 44 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है।

कमेटी अध्यक्ष ए ं अपर सचिव विनीत कुमार ने बताया कि डीपीआर के परीक्षण के साथ ही धरातलीय निरीक्षण में देखा गया है कि उपचार के किन कार्यों को डीपीआर से हटाया जा सकता है। हालांकि, यह निर्णय उसी स्थिति में लिया जाना है, जिसमें उपचार कार्य से समझौता न हो।

कमेटी में शामिल टीएचडीसी के विशेषज्ञ रिपोर्ट को अंतिम रूप दे रहे हैं। सप्ताहभर में रिपोर्ट सचिव को सौंप दी जाएगी। इसके बाद डीपीआर को स्वीकृति मिलते ही उपचार कार्यों के लिए टेंडर आमंत्रित कर दिए जाएंगे।


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