उत्तराखंड के शहरी क्षेत्रों में भी सस्ती दरों पर जल्द मिलेगा पेयजल कनेक्शन
उत्तराखंड में स्वच्छ एवं गुणवत्तायुक्त पेयजल मुहैया कराने के लिए सरकार अनेक प्रयास कर रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में महज एक रुपये की दर पर पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है। शहरी क्षेत्रों में भी जल्द ही सस्ती दरों पर पेयजल कनेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: उत्तराखंड में स्वच्छ एवं गुणवत्तायुक्त पेयजल मुहैया कराने के लिए सरकार अनेक प्रयास कर रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में महज एक रुपये की दर पर पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है। शहरी क्षेत्रों में भी जल्द ही सस्ती दरों पर पेयजल कनेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को सचिवालय में यूएनडीपी (संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम) और सीपीपीजीपी (सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी एंड गुड गवर्नेंस) के सहयोग से तैयार सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल (एसडीजी) की मॉनीटरिंग को तैयार डैश बोर्ड का विमोचन करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक सतत विकास का जो लक्ष्य रखा गया है, उसकी प्राप्ति के लिए प्रयास तेज करने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सतत विकास के मद्देनजर कुछ क्षेत्रों में अच्छा कार्य हुआ है। कुपोषण से मुक्ति, अटल आयुष्मान योजना, जल संचय, जल संरक्षण और नदियों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में भी बेहतर प्रयास हुए हैं। उन्होंने कहा कि जिला योजना का 40 फीसद बजट स्वरोजगार पर खर्च हो रहा है। स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग की दिशा में कार्य चल रहे हैं। भारत नेट-2 से नेटवर्किंग व कनेक्टिविटी बढ़ेगी और इसका भी जनसामान्य की आजीविका पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि विजन 2030 राज्य के भविष्य व आर्थिक विकास की रूपरेखा है। सतत विकास के लक्ष्यों के आधार पर जो भी योजनाएं बनाई गई हैं, उनकी निरंतर मॉनीटङ्क्षरग की जाए। साथ ही जिलाधिकारियोंको सतत विकास के लक्ष्य के लिए जो 17 क्षेत्र चुने गए हैं, उनमें दिए गए सभी संकेतांकों पर किए जा रहे कार्यों की नियमित समीक्षा के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि डैश बोर्ड में सभी जिले अपनी उपलब्धियां अपलोड करेंगे। रैंकिंग के आधार पर जिन योजनाओं व संकेतांकों में कमी नजर आएगी, उन्हें प्राथमिकता से लेते हुए सुधार को कदम उठाएंगे।
मुख्यमंत्री ने सतत विकास लक्ष्य के विभिन्न आयामों के तहत गरीबी उन्मूलन, स्वस्थ जीवन, गुणवत्तापरक शिक्षा, लैंगिक समानता, शुद्ध पेयजल, स्वच्छता, ऊर्जा, शहरों का विकास, जलवायु परिवर्तन, वनों का प्रबंधन, जैवविविधता का संरक्षण, त्वरित न्याय, सुशासन, आर्थिकी में वृद्धि के साथ ही असमानताएं दूर करने, कुपोषण को कम करने के मद्देनजर संबंधित संस्थानों को मजबूत बनाने पर बल दिया। अपर मुख्य सचिव नियोजन मनीषा पंवार ने 2018 में तैयार किए गए विजन 2030 के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
यूएनडीपी की राष्ट्रीय प्रमुख शोको नोडा ने कहा कि एसडीजी के फ्रेमवर्क निर्माण और स्थानीयकरण में उत्तराखंड ने अच्छा कार्य किया है। सीपीपीजीपी के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.मनोज कुमार पंत ने कहा कि प्रत्येक लक्ष्य के अनुसार विभागों को चिह्नित करते हुए योजनाओं व संकेतकों की मैपिंग का कार्य किया गया है।
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