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इन दो प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों के होटलों में 80 फीसद बुकिंग निरस्त, कारोबारी चिंतित; जानिए वजह

Uttarakhand Tourism महीने के दूसरे शनिवार और बैशाखी की छुट्टी के लिए मसूरी और नैनीताल में पर्यटकों ने जो बुकिंग कराई थी उसमें से 80 फीसद निरस्त कराई जा चुकी है। आने वाले दिनों के लिए जो बुकिंग कराई गई है उसे भी निरस्त कराने का सिलसिला तेजी से जारी।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 10:45 AM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 10:45 AM (IST)
इन दो प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों के होटलों में 80 फीसद बुकिंग निरस्त, कारोबारी चिंतित; जानिए वजह
इन दो प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों के होटलों में 80 फीसद बुकिंग निरस्त।

जागरण टीम, मसूरी/नैनीताल। Uttarakhand Tourism महीने के दूसरे शनिवार और बैशाखी की छुट्टी के लिए मसूरी और नैनीताल में पर्यटकों ने जो बुकिंग कराई थी, उसमें से 80 फीसद निरस्त कराई जा चुकी है। आने वाले दिनों के लिए जो बुकिंग कराई गई है, उसे भी निरस्त कराने का सिलसिला तेजी से जारी है। इतना ही नहीं, दोनों पर्यटन नगरी के आसपास के पर्यटन स्थलों पर भी सन्नाटा पसरने लगा है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिहाज से यह ठीक भी है, मगर व्यापार प्रभावित होने से होटल व रेस्तरां कारोबारी खासे चिंतित दिख रहे हैं। उधर, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में सफारी करने वाले पर्यटकों की संख्या आधे से भी कम रह गई है।

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मसूरी में 350 के करीब होटल, गेस्ट हाउस, रिजॉर्ट और होम-स्टे हैं। बुधवार शाम तक इनमें 15 से 20 फीसद ही कमरे बुक थे। बड़ी संख्या में होटल ऐसे भी हैं, जो तीन-चार दिन से खाली पड़े हैं। इसके साथ ही आसपास के पर्यटन स्थल कैम्पटी फाल, भट्ठाफाल, कंपनी गार्डन, धनोल्टी और बुरांसखंडा में भी सन्नाटा पसरने लगा है। मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश नारायण माथुर का कहना है कि अप्रैल में गुजरात और महाराष्ट्र के पर्यटक आते हैं, लेकिन दोनों राज्यों में कोरोना संक्रमण के जोर पकड़ने और तमाम प्रतिबंध लागू होने के कारण पर्यटकों ने अपने कदम थाम लिए हैं।

नैनीताल की बात करें तो यहां करीब 500 छोटे-बड़े होटल और रेस्तरां हैं। सप्ताहभर से यहां पर्यटकों की आमद रोजाना घटती जा रही है। राज्यों की सीमाओं पर कोरोना संक्रमण पर अंकुश के लिए की जा रही चेकिंग के साथ ही बढ़ते मामलों की वजह से पर्यटकों ने सैर-सपाटे के कार्यक्रम निरस्त कर दिए हैं। बुकिंग निरस्त होने से होटल, गेस्ट हाउस, नौकायन, घुड़सवारी आदि का कारोबार खासा प्रभावित हुआ है।

बुधवार को नैनी झील में नौकाएं पर्यटकों के इंतजार में खड़ी रहीं, मगर बेहद कम पर्यटक सैर को पहुंचे। बारापत्थर, हिमालय दर्शन, किलबरी, स्नोव्यू आदि पर्यटन स्थलों में भी इक्का-दुक्का पर्यटक ही पहुंचे। पहले 100 टैक्सियों व निजी वाहनों से पर्यटक आ रहे थे। अब मात्र पर्यटकों के 10-12 वाहन ही नैनीताल आ रहे हैं। कॉर्बेट के बिजरानी और झिरना जोन में सफारी कराने वाली 60 में से सिर्फ 30 जिप्सियों को ही पर्यटक मिले। वहीं, 30-30 जिप्सियों वाले ढेला, दुर्गा देवी और गर्जिया जोन में एक भी पर्यटक नहीं पहुंचा।   

बिजली-पानी के बिलों में मिले छूट

मसूरी होटल एसोसिएशन के महामंत्री  संजय अग्रवाल का कहना है कि पर्यटन से संबंधित कारोबारियों को तंगी की स्थिति में बिजली-पानी के बिलों का भुगतान करना भारी पड़ रहा है। लिहाजा, एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर एक अप्रैल से बिजली के बिल में फिक्स्ड चार्ज में छूट के साथ पानी व सीवर का शुल्क माफ करने की मांग की है। वहीं, ईएसआइ व पीएफ में नियोक्ता का हिस्सा सरकार द्वारा वहन करने के साथ बार शुल्क माफ करने और होटल कार्मिकों को फ्रंटलाइन वर्कर्स की श्रेणी में मानकर टीकाकरण कराने की भी मांग की गई।

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