Uttarakhand News: स्मार्ट एवं वर्चुअल क्लासरूम से लैस विद्यालयों की होगी मॉनिटरिंग, परखी जाएगी गुणवत्ता
उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम और वर्चुअल कक्षाओं की निगरानी की जाएगी। दूरदराज के विद्यालयों में नियमित कक्षाएं चल रही हैं या नहीं, इसकी जानकारी विभाग को नहीं है। गुणवत्ता को परखने के लिए उचित व्यवस्था की जा रही है। सरकार ने इस पर 600 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं, जिसका लेखा-जोखा तैयार किया जाएगा।

अशोक केडियाल, जागरण, देहरादून। प्रदेश में सरकारी स्कूलों को स्मार्ट-क्लासरूम एवं वर्चुअल क्लास जैसे आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा गया है, लेकिन दूरदराज के इन विद्यालयों में नियमित वर्चुअल कक्षाएं संचालित हो रहीं है या नहीं, इसका विभाग को ही पता नहीं है। ऐसे में इनकी नियमित मानीटरिंग की कारगर व्यवस्था की जा रही है। ताकि गुणवत्ता को समय पर परखा जाए जिस विद्यालय में संबंधित विषय के शिक्षक मौजूद हैं, वहां पढ़ाई वर्चुअल माध्यम से कराई जाती है या नहीं है। इसका भी रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा।
सरकार की ओर से विज्ञान प्रयोगशालाओं के आधुनिकीकरण, पुस्तकालयों के विस्तार एवंं छात्रों को मुफ्त किताबें उपलब्ध कराने जैसी कई व्यवस्था की गईं हैं। जिस पर 600 करोड़ रुपये से अधिक व्यय किए हुए हैं, लेकिन इसका छात्रों को वास्तविक लाभ मिल भी रहा है इसका लेखा-जोखा तैयार किया ताएगा।
प्रयास सकारात्मक, परिणाम मिलना बाकी
सरकार का ध्येय सकारात्मक जरूर है लेकिन इसका परिणाम सार्थक हो, इसकी जरूरत है। डिजिटल माध्यमों से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच की शैक्षिक खाई को कम किया जाए एवं छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक आसान पहुंच मिले।
शिक्षा विभाग का मानना है कि तकनीक आधारित शिक्षण से बच्चों में सीखने की रुचि बढ़ेगी और अध्यापन प्रक्रिया अधिक प्रभावी होगी। यह पहल राज्य की शिक्षा व्यवस्था को डिजिटल युग की मांग के अनुरूप बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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सरकारी विद्यालय में यह है तकनीकी सुविधा
- अब तक राज्य के 1,340 माध्यमिक विद्यालयों को डिजिटल लर्निंग एवं आनलाइन क्लास-सुविधा से जोड़ा गया
- इस शृंखला में 1,051 विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम स्थापित किए जा चुके हैं।
- वर्ष 2026 में 1,492 विद्यालयों को डिजिटल शिक्षा नेटवर्क में किया जाएगा शामिल है।
- वर्ष 2027 में एक हजार से अधिक विद्यालयों को स्मार्ट एवं वर्चुअल योजना से जोड़ना है।
इस बदलाव से सिर्फ स्कूल के भीतर नहीं, बल्कि घर में सीखने के अवसर बढ़े हैं। जिससे शिक्षा प्राप्ति में बदलाव आएगा। स्मार्ट क्लास-कक्ष, वर्चुअल प्लेटफार्म जैसी पहल से राज्य में शिक्षा की दिशा में एक समग्र एवं दीर्घकालीन परिवर्तन की नींव रखी जा रही है। इसलिए शिक्षा निदेशालय से इसकी नियमित मानीटरिंग की व्यवस्था शुरू की जा रही है।
- डाॅ.मुकुल कुमार सती, निदेशक माध्यमिक

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