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रोडवेज कर्मचारी यूनियन एवं रोडवेज प्रबंधन के बीच वार्ता विफल, जारी रहेगी रोडवेज की हड़ताल

रोडवेज कर्मचारी यूनियन एवं रोडवेज प्रबंधन के बीच करीब दो घंटे की वार्ता विफल हो गई। यूनियन ने अपनी मांगें प्रबंधन के समक्ष रखीं लेकिन इस बीच रोडवेज के प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चौहान को मुख्य सचिव ने शासन में बुला लिया। इस वजह से वार्ता बेनतीजा रही

By Raksha PanthriEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 08:58 AM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 10:12 PM (IST)
रोडवेज कर्मचारी यूनियन एवं रोडवेज प्रबंधन के बीच वार्ता विफल, जारी रहेगी रोडवेज की हड़ताल
उत्तराखंड में थमे रोडवेज के पहिये, 80 फीसद बसों का संचालन ठप। जागरण

जागरण संवाददाता, देहरादून। पांच माह के लंबित वेतन के भुगतान व अन्य मांगों को लेकर बुधवार सुबह से प्रदेश में बेमियादी हड़ताल पर गई रोडवेज कर्मचारी यूनियन एवं रोडवेज प्रबंधन के बीच करीब दो घंटे की वार्ता विफल हो गई। यूनियन ने अपनी मांगें प्रबंधन के समक्ष रखीं व सभी पर चर्चा भी हुई, लेकिन इस बीच रोडवेज के प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चौहान को मुख्य सचिव ने शासन में बुला लिया। इस वजह से वार्ता बेनतीजा रही। अब गुरुवार को दोनों पक्षों में दोबारा वार्ता होगी। इधर, वार्ता बेनतीजा रहने पर यूनियन ने हड़ताल जारी रखने का फैसला किया है। हड़ताल के कारण बुधवार को देहरादून, हल्द्वानी व टनकपुर मंडल में सुबह ही पहली सेवा से बसों के पहिये जाम रहे। करीब 70 फीसद बस संचालन ठप रहा, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी।

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रोडवेज कर्मचारियों को अगस्त से अभी तक वेतन नहीं मिला है। कोरोना काल की वजह से पिछले साल मार्च से जुलाई तक का वेतन भी सरकार की मदद से दिया जा सका, लेकिन अब वेतन देने में रोडवेज के हाथ खाली हैं। ऐसे में कर्मचारियों का गुजर बसर करना भी मुश्किल हो गया है। विशेष श्रेणी व संविदा वाले कर्मचारियों के सामने ज्यादा परेशानी है। ऐसे में वेतन के भुगतान की प्रमुख मांग समेत अन्य मांगों को लेकर उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन बुधवार से पूरे प्रदेश में बेमियादी हड़ताल पर चली गई है।

हालांकि, यूनियन दून ग्रामीण डिपो में गत सात जनवरी व समूचे दून मंडल में आठ जनवरी से बेमियादी हड़ताल पर चल रही थी, लेकिन बुधवार से प्रदेशव्यापी बसों का चक्का जाम कर दिया गया। प्रबंधन की ओर से यूनियन की हड़ताल टालने के लिए दून मंडल के मंडलीय प्रबंधक सीपी कपूर व ग्रामीण डिपो के प्रभारी एजीएम रामलाल पैन्यूली को मंगलवार को पद से हटाते हुए मुख्यालय भी अटैच किया गया था लेकिन यूनियन इतनी कार्रवाई से संतुष्ट नहीं। शेष मांगों पर बातचीत के लिए प्रबंध निदेशक ने यूनियन के पदाधिकारियों को बुधवार शाम वार्ता के लिए बुलाया था। 

शाम करीब चार बजे एमडीडीए कार्यालय में प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चौहान समेत महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन, देहरादून मंडलीय प्रबंधक संजय गुप्ता की मौजूदगी में यूनियन के पदाधिकारियों के साथ वार्ता की गई। यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी, प्रदेश प्रवक्ता विपिन चौधरी, मंडल के क्षेत्रीय मंत्री केपी सिंह एवं प्रदेश सदस्य नीरज चौधरी व विनय जोशी वार्ता के वक्त मौजूद रहे। करीब दो घंटे तक वार्ता चलती रही और यूनियन की सभी मांगों पर प्रबंधन ने चर्चा भी की। 

अनुशासनात्मक मामलों में कार्रवाई को लेकर प्रबंधन और यूनियन की एक राय नहीं बन पा रही। लंबित वेतन के भुगतान को लेकर प्रबंधन सकारात्मक दिख रहा और जल्द अगस्त व सितंबर का वेतन जारी करने का दावा भी कर रहा है, लेकिन यूनियन अन्य मांगों पर भी कार्रवाई चाहती है। दो घंटे तक वार्ता बेनतीजा रही व प्रबंध निदेशक शासन में चले गए। प्रबंधन आज दोबारा यूनियन से वार्ता करेगा। वहीं, बसों की हड़ताल का व्यापक असर समूचे प्रदेश में देखने को मिला। तड़के तीन से चार बजे ही हड़ताली कर्मचारी बस अड्डों व डिपो कार्यशालाओं में पहुंच गए व बस संचालन नहीं किया। बसें कार्यशाला व बस अड्डों पर खड़ी रहीं और यात्रियों को दूसरे प्रदेशों की रोडवेज बस या अन्य विकल्पों से यात्रा करनी पड़ी। 

दूसरे संगठनों को भी देख रहा प्रबंधन

सुलह वार्ता में सबसे बड़ी अड़चन सिर्फ एक मांग को लेकर है। दरअसल, यूनियन ने लंबित अनुशासनात्मक प्रकरणों में दोषी व आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग रखी हुई है। इसमें कर्मचारी संयुक्त परिषद व इम्प्लाइज यूनियन के पदाधिकारी व सदस्य भी दोषी व आरोपी बताए जा रहे हैं। प्रबंधन की चिंता यह है कि अगर सभी के विरुद्ध कार्रवाई की जाती है तो कर्मचारी यूनियन तो मान जाएगी, लेकिन शेष संगठन हड़ताल या आंदोलन कर सकते हैं। ऐसे में प्रबंधन बीच का रास्ता तलाश रहा है। 

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