उत्तराखंड: कर्मचारी यूनियन की हड़ताल के चलते बसों का संचालन ठप, यात्रियों की हुई फजीहत
रोडवेज कर्मचारी यूनियन के नेता की बर्खास्तगी के बाद यूनियन ने देहरादून मंडल के सभी डिपो में हड़ताल शुरू कर दी है। इसके चलते बसें दून आइएसबीटी पर खड़ी रहीं। हड़ताल के चलते देहरादून के ग्रामीण डिपो समेत अन्य डिपो में बसों का संचालन ठप है।
जागरण टीम, देहरादून। Uttarakhand Roadways रोडवेज कर्मचारी यूनियन के शाखा मंत्री के विरुद्ध हुई बर्खास्तगी की कार्रवाई के विरोध में दून मंडल के समस्त डिपो में शुक्रवार को बसों का संचालन ठप रहा। दिल्ली, गुरुग्राम और फरीदाबाद समेत चंडीगढ़, धर्मशाला, मेरठ, सहारनपुर, लुधियाना, हल्द्वानी के लिए बसों का संचालन न होने से यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ी। वहीं, स्थानीय मार्गों पर 60 फीसद संचालन प्रभावित हुआ। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के सदस्यों ने दून आइएसबीटी, हरिद्वार, ऋषिकेश, रुड़की व कोटद्वार समेत श्रीनगर बस अड्डों पर धरना शुरू कर बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी। इधर, रोडवेज प्रबंधन यूनियन के पदाधिकारियों से वार्ता की कोशिश करता रहा, लेकिन वार्ता नहीं हो पाई। कर्मचारियों ने शनिवार को भी हड़ताल जारी रखने का एलान किया है।
चार सप्ताह पहले वायरल हुए वीडियो के आधार पर ग्रामीण डिपो के प्रभारी सहायक महाप्रबंधक रामलाल पैन्यूली ने बुधवार रात कर्मचारी यूनियन के शाखा मंत्री संदीप कुमार को नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। वीडियो के आधार पर सहायक महाप्रबंधक का आरोप है कि संदीप कुमार ने समयपाल को धमकाया और बदसलूकी की। गुरुवार को यूनियन ने बर्खास्तगी के विरोध में डिपो में हड़ताल कर दी और शुक्रवार से देहरादून मंडल के समस्त डिपो में बेमियादी हड़ताल का एलान किया था। प्रस्तावित हड़ताल के क्रम में यूनियन के चालक-परिचालकों द्वारा बसों का संचालन नहीं किया गया। यूनियन के ज्यादातर चालक और परिचालक दिल्ली समेत लंबी दूरी के मार्गों पर चलते हैं। ऐसे में दिल्ली मार्ग पूरी तरह प्रभावित रहा। इस मार्ग पर डीलक्स सेवा वाल्वो व एसी बसों का संचालन भी नहीं हुआ।
यूनियन के मंडलीय मंत्री केपी सिंह और प्रांतीय पदाधिकारी विपिन चौधरी के नेतृत्व में कर्मचारियों ने कार्यशाला से आइएसबीटी पहुंची बसों को वापस भेज दिया। पूरा दिन कर्मचारियों ने धरना-प्रदर्शन करते हुए प्रभारी सहायक महाप्रबंधक को निलंबित करने और संदीप कुमार को बहाल करने की मांग की। वहीं, यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि अब शनिवार से आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बार यूनियन अपनी मांग पूरी होने तक कार्य बहिष्कार खत्म नहीं करेगी।
दूसरे राज्यों की बसों से गए यात्री
हड़ताल के दौरान यात्रियों को परेशानी जरूर उठानी पड़ी, लेकिन दूसरे राज्यों की बसों ने उनकी परेशानी दूर कर दी। दिल्ली के लिए उत्तर प्रदेश रोडवेज ने पर्याप्त बसें लगाई हुई थी। हालांकि, हल्द्वानी, रुद्रपुर, काशीपुर, लुधियाना, जालंधर, अंबाला व धर्मशाला मार्ग पर दूसरे राज्यों की बसों की संख्या कम होने से यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ी।
दूसरे संगठनों के सदस्यों ने किया संचालन
हड़ताल के दौरान रोडवेज प्रबंधन ने दूसरे कर्मचारी संगठनों के सदस्य की ड्यूटी लगा उनसे बस संचालन कराया। लंबी दूरी वाले कुछ मार्गों पर कर्मचारी संयुक्त परिषद और इंप्लाइज यूनियन के चालक व परिचालकों की डबल ड्यूटी तक लगानी पड़ी।
दीपक जैन (महाप्रबंधक संचालन, उत्तराखंड परिवहन निगम) ने कहा कि यूनियन के पदाधिकारियों से जल्द वार्ता की जाएगी। हालांकि, हड़ताल से तकरीबन 20 फीसद संचालन ही प्रभावित हुआ है, लेकिन इसका असर प्रबंधन पर नहीं पड़ा। अधिक ठंड की वजह से आजकल यात्रियों की संख्या काफी कम है। इसलिए जो बसें गईं, वह खाली जाने के बजाए पर्याप्त यात्री लेकर गईं।