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दो साल बाद आया रेरा का आदेश, प्रॉपर्टी डीलर पर लगा पांच लाख जुर्माना

उत्तराखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) अब तक मनमानी करने वाले बिल्डरों व प्रॉपर्टी डीलरों पर अंकुश लगाने में विफल रहा है। रेरा या तो अपने आदेशों का अनुपालन नहीं करा पाता या आदेश जारी करने में अनावश्यक विलंब करता रहा है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 02:48 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 02:48 PM (IST)
दो साल बाद आया रेरा का आदेश, प्रॉपर्टी डीलर पर लगा पांच लाख जुर्माना
दो साल बाद आया रेरा का आदेश, प्रॉपर्टी डीलर पर लगा पांच लाख जुर्माना।

जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) अब तक मनमानी करने वाले बिल्डरों व प्रॉपर्टी डीलरों पर अंकुश लगाने में विफल रहा है। रेरा या तो अपने आदेशों का अनुपालन नहीं करा पाता या आदेश जारी करने में अनावश्यक विलंब करता रहा है। रेरा के इसी तरह के रवैये पर रेरा अध्यक्ष (अब रिटायर) विष्णु कुमार के खिलाफ हाईकोर्ट जांच के आदेश दे चुका है और उनकी शिकायत पीएमओ व मुख्यमंत्री से भी की जा चुकी है। रेरा में चल रही हीलाहवाली की बात करें तो ताजा मामला इसका जीता जागता उदाहरण है। बिना पंजीकरण प्लॉट बेचने के मामले में की गई शिकायत का निस्तारण रेरा ने करीब दो साल बाद किया। पिछली सुनवाई में इस मामले में 20 लाख रुपये तक के जुर्माने की बात की जा रही थी, जबकि अब पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

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यह मामला हर्रावाला-मियांवाला क्षेत्र में करीब 13 बीघा भूमि से संबंधित है। मई 2019 में रेरा में की गई शिकायत में कहा गया था कि रेरा में पंजीकरण कराए बिना संबंधित भूखंड पर अब तक 13 रजिस्ट्री कर ली गई हैं और एमडीडीए से भी ले-आउट पास नहीं कराया गया है। प्रकरण की सुनवाई रेरा ने दिसंबर माह में पूरी कर ली थी, जबकि आदेश जारी नहीं किया। अंतिम सुनवाई में रेरा ने भूखंड की रजिस्ट्री पर रोक के आदेश भी जिला प्रशासन व महानिरीक्षक स्टांप को दिए थे। 

अब रेरा अध्यक्ष विष्णु कुमार ने अपने रिटायरमेंट से एक दिन पहले आदेश जारी कर कहा कि भू-स्वामियों ने स्पष्ट रूप से रेरा के नियमों का उल्लंघन किया है। एमडीडीए से ले-आउट तो पास कराया गया है, मगर यह कार्रवाई भी रेरा में वाद दायर होने के बाद की गई।

हालांकि, स्वीकृत ले-आउट से भिन्न जाकर मागरें की चौड़ाई घटा दी गई है और पार्क की स्थिति भी स्पष्ट नहीं है। रेरा अध्यक्ष ने भू-स्वामियों पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए इस राशि को 45 दिन के भीतर रेरा के पक्ष में जमा कराने को कहा है।

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