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Uttarakhand Rains : यमकेश्वर में बादल फटने से बाढ़ जैसे हालात, कई वाहन बहे, वृद्धा की मौत

Uttarakhand Rains पौड़ी गढ़वाल के अंतर्गत यमकेश्वर प्रखंड की ताल घाटी हेवल घाटी और यमकेश्वर की सतरुद्रा नदी में अतिवृष्टि के बाद बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। ऋषिकेश क्षेत्र में हो रही मूसलधार वर्षा के कारण अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश परिसर में भी जलभराव हो गया।

By Nirmala BohraEdited By: Published: Sat, 20 Aug 2022 08:24 AM (IST)Updated: Sat, 20 Aug 2022 08:24 AM (IST)
Uttarakhand Rains : यमकेश्वर में बादल फटने से बाढ़ जैसे हालात, कई वाहन बहे, वृद्धा की मौत
Uttarakhand Rains : ऊफान पर सतरूद्रा नदी । जागरण

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश : Uttarakhand Rains : भारी वर्षा के चलते यमकेश्वर की घाटियों में एक बार फिर 2014 जैसे हालात बनते नजर आ रहे हैं।

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पौड़ी गढ़वाल के अंतर्गत यमकेश्वर प्रखंड में बादल फटने से ताल घाटी, हेवल घाटी और यमकेश्वर की सतरुद्रा नदी में अतिवृष्टि के बाद बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।

यमकेश्वर क्षेत्र में कुछ जगह वाहनों के बहने तथा भू कटाव होने की सूचना है। यमकेश्वर प्रखंड में पिछले 24 घंटे में सर्वाधिक 128 एमएम वर्षा का रिकार्ड दर्ज किया गया।

नदी में आए ऊफान से कुछ कार और घरों को नुकसान

हेवल घाटी में नदी में आए ऊफान से कुछ कार और घरों को नुकसान पंहुचा है। वहीं ताल घाटी के दिवोगी ग्राम सभा के कंडरह गांव में धनवीर सिंह रावत की दुकान और गोशाला बह गयी है। जबकि गांव भी खतरे की जद में आ गया है।

ताल घाटी का सब जगह से सम्पर्क कट गया है। यहां नदी तटीय क्षेत्र में स्थानीय लोग सारी रात डरकर जागते रहे। यमकेश्वर मंदिर के प्रांगण में भी नुकसान की सूचना है। वहीं पनयारी गदेरे में अतिवृष्टि से काफी नुकसान होने की सूचना मिल रही है। यहां कई वाहन नदी के तेज बहाव में बहने की सूचना है।

ग्राम प्रधान दिवोगी के सत्यपाल रावत ने बताया की दिवोगी में काफी नुकसान हुआ है, जिसका आकलन किया जा रहा है। वहीं नीलकंठ के आसपास के गांव मराल, तलाई व खैरखाल आदि में भी नुकसान होने की खबर है।

आधा दर्जन चौपाया व दुपहिया वाहन नदी में बहे

यमकेश्वर के बैरागढ़ में अतिवृष्टि के चलते बैरागढ़ गधेरे में भारी ऊफान आ गया। जिससे यहां आधा दर्जन चौपाया व दुपहिया वाहन नदी में बह गए। कुछ वाहन अभी भी मलबे में दबे हुए हैं। स्थानीय निवासी व क्षेत्र पंचायत सदस्य सुदेश भट्ट ने बताया कि बैरागढ़ क्षेत्र में कई कैंप भी हैं, जिनमें पर्यटक ठहरे हुए थे।

हालांकि किसी कैंप को नदी के बहाव से नुकसान नहीं पहुंचा। मगर, यहां खड़े पर्यटकों के वाहन वह गए हैं। उन्होंने बताया कि बैरागढ़ में ही चार कारें नदी में बह गईं हैं। जबकि दो कारें अभी भी मलबे में दबी हैं। कुछ स्कूटी व बाइक भी यहां बही हैं। यमकेश्वर के ही वीरकाटल क्षेत्र में कुछ मकान ढह गए हैं।

मकान की दीवार गिरने से वृद्धा की मौत

जनपद पौड़ी गढ़वाल के तहसील यम्केश्वर के ग्राम बिनक में मकान के क्षतिग्रस्त होने से एक वृद्ध महिला की मृत्यु हुई है।

राजस्व उपनिरीक्षक उदयपुर तल्ला महिपाल सिंह पुलिस की ओर से जिलाधिकारी पौड़ी को भेजी गई सूचना में अवगत कराया गया है कि शुक्रवार की रात अतिवृष्टि के कारण मकान की दीवार गिरने से ग्राम बिनक उदयपुर तल्ला तीन तहसील यम्केश्वर में दर्शनी देवी (70 वर्ष) पत्नी मार्गशीरु की दबकर मौत हो गई है। ग्राम वासियों की मदद से शव को निकाल लिया गया।

देर रात बारिश के चलते विधानसभा यमकेश्वर के अंतर्गत तीन मुख्य सड़क मार्ग रूट में लक्ष्मण झूला, दुगड्डा, धुमाकोट, नीलकंठ मोटर रोड और नालीखाल पोखरी खेत मुख्य सड़क मार्ग अवरुद्ध है। इसके अतिरिक्त अन्य स्थानीय संपर्क मार्ग भी जगह जगह अवरुद्ध होने की सूचना है।

लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड दुगड्डा द्वारा उपरोक्त मुख्य सड़क मार्गों को खोलने के लिए गट्टू घाट, पोखाल और गरुड़ चट्टी में जेसीबी तैनात की गई है। इसके अतिरिक्त दो और जेसीबी भी तैनात की जा रही है।

अतिवृष्टि से यहां हुआ नुकसान

  • हेंवल नदी और ताल नदी में आए उफान से नदियों के किनारे सिंचित खेतों में भारी भू-कटाव हुआ।
  • कई जगह सिंचाई नहरें तथा पेयजल लाइनें भी क्षतिग्रस्त हो गई।
  • अतिवृष्टि के कारण दिवोगी, कंडाई, मराल, बडोली आदि गांवों में पशु हानि हुई है।
  • आवई, पंबा, मल्ला, बैरागढ़, बूंगा तथा बिनक गांव में कुछ आवासीय भवन क्षतिग्रस्त हुए हैं।
  • मराल में आटा चक्की क्षतिग्रस्त हुई है।
  • बैरागढ़ में बैरागढ़ गदेरे में आए उफान से यहां पुल के निकट खड़े दो चौपहिया व दो दोपहिया वाहन तेज बहाव में बह गए, जबकि कुछ वाहन मलबे में दब गए।
  • उमरोली, बिथ्याणी, बडोली व मराल में पेयजल टैंक, अमृत सरोवर, मंदिर, पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त हुई हैं।
  • सिद्धपीठ यमकेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में पानी घुसने से मंदिर प्रांगण का कुछ हिस्सा बह गया।
  • इंटर कालेज यमकेश्वर को जोड़ने वाला पुल भी नदी के तेज बहाव से टूट गया।

फिर बने वर्ष 2014 जैसे हालात

यमकेश्वर तहसील क्षेत्र में वर्ष 2014 में भी ठीक इसी तरह के हालत बने थे। तब बैरागढ़ के पास बादल फटने से यहां पूरे गांव को ही हेली रेस्क्यू कर शिफ्ट करना पड़ा था। हेंवल घाटी में नदी तट पर बने कई कैंप बह गए थे।

ताल घाटी में भी उस समय बहुत नुकसान हुआ था। आठ वर्ष बाद शुक्रवार को पूरे दिन व रात हुई बारिश से एक बार फिर यमकेश्वर में यही स्थिति बन रही थी, लेकिन शुक्र रहा कि शनिवार दोपहर में बारिश रुक गई और नदियों का उफान कुछ कम हो गया।

एम्स परिसर में घुसा पानी

ऋषिकेश क्षेत्र में हो रही मूसलधार वर्षा के कारण अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश परिसर में भी जलभराव हो गया। वर्षा का यह पानी इमरजेंसी भवन के अंदर घुस गया।

भारी वर्षा का असर एम्स ऋषिकेश में भी देखा गया है। यहां बीती देर रात वर्षा का पानी मुख्य भवन के बाहर फैलने के बाद परिसर के अंदर भी प्रवेश कर गया।

आपातकालीन भवन के भीतर काफी पानी घुस गया। जिससे यहां कर्मचारियों मरीजों के तीमारदारों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। लोग अपने जूते और चप्पल हाथ में लेकर चलते नजर आए।

कारण यह बताया जा रहा है कि एम्स के समीप ऊपरी क्षेत्र शिवाजी नगर आदि क्षेत्र का पानी परिसर में घुसा। एम्स भवन के ऊपर पाइप के जरिए आने वाले पानी को खुले में छोड़ा गया है।

एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरिश मोहन थपलियाल ने बताया कि पानी की निकासी के लिए जो व्यवस्था की गई है उस व्यवस्था के ऊपर तक पानी आ गया। जिससे पानी की निकासी प्रभावित हुई। एम्स के बाहर सड़क उचाई पर है जिस कारण पानी की निकासी अपनी गति से नहीं हो पा रही है।


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