उत्तराखंड की राजनीति में हलचल, Trivendra Singh Rawat को दी जा सकती है भाजपा संगठन में बड़ी जिम्मेदारी
Uttarakhand Politics त्रिवेंद्र इन दिनों दिल्ली दौरे पर हैं और उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष (BL Santosh) सहित संगठन के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों से मुलाकात की। चर्चा है कि भाजपा नेतृत्व निकट भविष्य में त्रिवेंद्र को संगठन में कोई पद दे सकता है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून : Uttarakhand Politics : भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) को केंद्रीय संगठन में कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप सकती है।
त्रिवेंद्र इन दिनों दिल्ली दौरे पर हैं और सोमवार को उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष (BL Santosh) सहित संगठन के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों से मुलाकात की। इन मुलाकातों को इसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है।
पिछले वर्ष छोडऩा पड़ा था मुख्यमंत्री का पद
- त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) को पिछले वर्ष मार्च में तब मुख्यमंत्री का पद छोडऩा पड़ा था, जब वह अपने कार्यकाल के चार वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की तैयारी में जुटे थे।
- त्रिवेंद्र के स्थान पर पौड़ी गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) को मुख्यमंत्री बनाया गया।
- तीरथ का कार्यकाल चार महीने से पहले ही समाप्त हो गया और उनके उत्तराधिकारी बने पुष्कर सिंह धामी।
- उस समय राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा रही कि त्रिवेंद्र को जल्द केंद्रीय संगठन में कोई जिम्मेदारी भाजपा दे सकती है, लेकिन सवा वर्ष से ज्यादा समय गुजर गया, ऐसा हुआ नहीं।
- त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विधानसभा चुनाव भी नहीं लड़ा, तो समझा गया कि पार्टी उनके अनुभव का लाभ संगठन के कार्यों में ले सकती है।
- त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास संगठन के कार्यों का लंबा अनुभव है। प्रदेश संगठन के अलावा वह कुछ राज्यों में प्रदेश प्रभारी व चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष से पार्टी मुख्यालय में भेंट की।
इसके बाद वह राष्ट्रीय महामंत्री एवं तेलंगाना, जम्मू कश्मीर, लेह लद्दाख के प्रभारी तरुण चुग, भाजपा विदेश विभाग के प्रमुख विजय चौथाईवाले, भाजपा राष्ट्रीय कार्यालय व्यवस्था प्रमुख महेंद्र पांडेय से भी मिले।
चर्चा है कि भाजपा नेतृत्व निकट भविष्य में त्रिवेंद्र को संगठन में कोई पद दे सकता है और इसी कड़ी में विमर्श के लिए त्रिवेंद्र दिल्ली पहुंचे हैं।
कौशिक (Madan Kaushik) की भी टिकी हैं नजरें
त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्रित्वकाल में मंत्री रहे मदन कौशिक भी अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर टकटकी लगाए हुए हैं। असल में मंत्री पद से हटने के बाद कौशिक को पिछले वर्ष मार्च में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
कार्यकाल पूरा करने से दो माह पहले ही कौशिक (Madan Kaushik) ने केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके उत्तराधिकारी के रूप में पूर्व विधायक महेंद्र भट्ट (Mahendra Bhatt) जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। भट्ट की प्रदेश अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के बाद से यह चर्चा राजनीतिक गलियारों में है कि अब कौशिक के राजनीतिक भविष्य क्या होगा। समझा जा रहा है कि उन्हें धामी सरकार में मंत्री पद अथवा पार्टी के केंद्रीय संगठन में कोई पद दिया जा सकता है।