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Uttarakhand Politics: राष्ट्रपति चुनाव में क्रास वोटिंग को लेकर नरम पड़े कांग्रेस के तेवर

Uttarakhand Politics राष्ट्रपति चुनाव में क्रास वोटिंग को लेकर कांग्रेस के तेवर नरम पड़ गए हैं। इस मामले में पार्टी अपने विधायक पर कार्रवाई नहीं करेगी। बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस के एक विधायक ने क्रास वोटिंग की थी।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 08 Aug 2022 08:29 PM (IST)Updated: Mon, 08 Aug 2022 08:29 PM (IST)
Uttarakhand Politics: राष्ट्रपति चुनाव में क्रास वोटिंग को लेकर नरम पड़े कांग्रेस के तेवर
राष्ट्रपति चुनाव में क्रास वोटिंग को लेकर कांग्रेस के तेवरों में नरमी के संकेत हैं।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) में क्रास वोटिंग को लेकर कांग्रेस के तेवरों में नरमी के संकेत हैं। पार्टी इस मामले में अपने विधायक पर कार्रवाई नहीं करेगी। यद्यपि अंदरखाने पार्टी की ओर से इसकी जानकारी एकत्र की जा रही है, ताकि पार्टी की भावी रणनीति को इस तरह विश्वास के संकट से दो-चार न होना पड़े।

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बीते माह हुए राष्ट्रपति पद पर चुनाव

प्रदेश में कांग्रेस ( Uttarakhand Congress ) के 19 विधायक हैं। बीते माह राष्ट्रपति पद पर हुए चुनाव में विपक्ष के प्रत्याशी को मात्र 15 विधायकों ने ही वोट दिया। एक विधायक स्वास्थ्य खराब होने और एक विधायक मोटर मार्ग बाधित होने के कारण वोट नहीं डाल पाए थे।

क्रास वोटिंग ने राजनीति में ला दिया भूचाल

शेष बचे 17 विधायकों में एक का वोट खराब हो गया, जबकि एक विधायक ने क्रास वोटिंग ( Cross Voting) की। क्रास वोटिंग ने प्रदेश में कांग्रेस की राजनीति में भूचाल ला दिया। पार्टी हाईकमान ने सख्त रुख अपनाते हुए इस मामले में प्रदेश कांग्रेस कमेटी से रिपोर्ट तलब की।

नेता प्रतिपक्ष को जांच रिपोर्ट का दायित्व सौंपा

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य को इस मामले में जांच रिपोर्ट तैयार करने का दायित्व सौंपा गया। आर्य ने पार्टी के सभी विधायकों से दूरभाष पर वार्ता कर क्रास वोटिंग को लेकर थाह लेने की कोशिश की। राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी व्हिप जारी नहीं होता है। ऐसे में क्रास वोटिंग व्हिप उल्लंघन का मामला नहीं है।

पार्टी यह जानना चाहती है कि हाईकमान के आदेश के बावजूद किस विधायक ने किन कारणों से क्रास वोटिंग जैसा कदम उठाया। दरअसल विधानसभा चुनाव में हार मिलने के बाद कांग्रेस में हुए सांगठनिक फेरबदल से पार्टी में व्यापक असंतोष देखा गया।

विशेष रूप से विधायकों ने शुरुआती दौर में अपना असंतोष व्यक्त करने में हिचक नहीं दिखाई। यह बात अलग है कि पार्टी हाईकमान के रवैये और उनके प्रतिनिधि के तौर पर प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के साथ ही नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने विधायकों से वार्ता कर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया। इसका परिणाम असंतोष थमने के रूप में दिखाई पड़ा है।

अब क्रास वोटिंग को लेकर सख्त रुख अपनाने की स्थिति में पार्टी को मजबूत बनाने के अभियान पर प्रभाव हो सकता है। इसे ध्यान में रखकर ही क्रास वोटिंग करने वाले विधायक को चिह्नित कर कार्रवाई को लेकर शिथिलता बरती जा रही है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का कहना है कि क्रास वोटिंग करने वाले विधायक को चिह्नित करना आसान नहीं है। फिलहाल इस मामले में सख्त कार्रवाई को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है।

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