उत्तराखंड : पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर पर फंसा पेंच, पहाड़ से दारोगा मैदान में उतरने को तैयार नहीं
पुलिस विभाग में वार्षिक ट्रांसफरों में नया पेच आ गया है। पहाड़ से ट्रांसफर हुए दारोगाओं ने मैदानी जिलों में आने से इंकार कर दिया है। पुलिस उपमहानिरीक्षक को अपना जवाब भेज दिया है। रेंज कार्यालय की ओर से एक बार फिर एक्सरसाइज शुरू की जा रही है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: पुलिस विभाग में हुए वार्षिक तबादलों के बाद एक बार फिर पेंच फंस गया है। रेंज कार्यालय के समक्ष पहले तबादलों को लेकर जद्दोजहद चल रही थी अब पहाड़ी जिलों में तैनात दारोगाओं ने मैदानी जिलों में उतरने से इंकार कर दिया है, जिसके बाद एक बार फिर विभाग की ओर से समीकरण बैठाने शुरू कर दिए गए हैं।
कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल और दारोगाओं के बंपर तबादले
पुलिस विभाग की बीते मंगलवार को कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल और दारोगाओं के बंपर तबादले कर किए गए।। ट्रांसफर होने वालों में 131 दारोगा, 134 हेड कांस्टेबल और 1110 कांस्टेबल शामिल हैं।। ट्रांसफर को लेकर विभाग में लंबे समय से जद्दोजहद चल रही थी।। पुलिसकर्मियों की नजर भी विभाग पर टिकी हुई थी।
पहाड़ी जिले के पुलिसकर्मियों को मैदान में उतारा गया
इसमें मैदानी जिले देहरादून व हरिद्वार से पहाड़ी जनपद पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी किए गए हैं, जबकि पहाड़ी जिले के पुलिसकर्मियों को मैदान में उतारा गया है।
ट्रांसफर हुए पुलिसकर्मी जल्द ही नवीन तैनाती पर जाएंगे। पुलिस उपमहानिरीक्षक करन सिंह नगन्याल ने जिलों के प्रभारियों को निर्देशित किया है कि स्थानांतरित हुए 50 प्रतिशत पुलिसकर्मियों को सात दिनों के अंदर-अंदर स्थानांतरित जनपदों के लिए कार्यमुक्त करेंगे।
शेष 50 प्रतिशत कार्मिकों को अगले 15 दिनों में स्थानांतरित जिलों के लिए कार्यमुक्त करें। उन्होंने बताया कि जल्द ही इंस्पेक्टरों की लिस्ट भी जारी की जाएगी।
डीआइजी ने बताया कि उनके समक्ष पहाड़ी जिलों से कई दारोगाओं ने अप्लीकेशन जमा कर दी है कि वह पहाड़ी जिलों में ही रहना चाहते हैं। ऐसे में सभी से कारण संबंधी अप्लीकेशन मांगी गई है।
यदि उनकी समस्या सही पाई गई तो तबादले पर रोक लगाई जाएगी। इसके लिए तालमेल बैठाने के प्रयास किए जा रहे हैं। चार धाम यात्रा होने के चलते भी पहाड़ी जिलों के पुलिसकर्मियों को इधर-उधर करने में परेशानी आ रही है।