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उत्‍तराखंड पुलिस दारोगा भर्ती प्रकरण : गड़बड़ी करने वाले दारोगाओं पर गिरफ्तारी की तलवार, विजिलेंस ने मांगी मुकदमे की अनुमति

Uttarakhand Police Daroga Bharti Case प्राथमिक जांच के बाद विजिलेंस ने शासन से इस मामले में मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी है। मुकदमा दर्ज होने के बाद विजिलेंस इन दारोगाओं की गिरफ्तारी भी जल्द कर सकती है।

By Nirmala BohraEdited By: Published: Fri, 23 Sep 2022 08:40 AM (IST)Updated: Fri, 23 Sep 2022 08:40 AM (IST)
उत्‍तराखंड पुलिस दारोगा भर्ती प्रकरण : गड़बड़ी करने वाले दारोगाओं पर गिरफ्तारी की तलवार, विजिलेंस ने मांगी मुकदमे की अनुमति
Uttarakhand Police Daroga Bharti Case : गड़बड़ी करने वाले दारोगाओं पर गिरफ्तारी की तलवार। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता देहरादून: Uttarakhand Police Daroga Bharti Case : वर्ष 2015 में हुई दारोगा सीधी भर्ती में नकल व गड़बड़ी कर परीक्षा पास करने वालों पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है। प्राथमिक जांच के बाद विजिलेंस ने शासन से इस मामले में मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी है। बताया जा रहा है कि इस मामले में शुक्रवार को शासन में बैठक होगी, जिसमें इस पर निर्णय लिया जाना है। मुकदमा दर्ज होने के बाद विजिलेंस इन दारोगाओं की गिरफ्तारी भी जल्द कर सकती है।

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वर्ष 2015 में 349 दरोगाओं की सीधी भर्ती हुई थी। शुरुआत में ही इसमें धांधली की बात उठी, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते मामला दब गया। इस बीच अब एसटीएफ ने जब स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा की जांच शुरू की तो इस भर्ती में भी धांधली की बात सामने आई। एसटीएफ़ के हाथ भर्ती में गड़बड़ी के पुख्ता सबूत हैं, जिसके बाद पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने शासन को पत्र भेजकर विजिलेंस जांच की सिफारिश की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के बाद जांच विजिलेंस के हवाले कर दी गई। इस बीच शुरुआती दौर में ही एसटीएफ ने 15 दारोगाओं की सूची विजिलेंस को सौंप दी। मौजूदा समय में कई दारोगा थाना चौकियों में अहम पदों पर बैठे हैं। बताया जा रहा कि कुछ दारोगाओं ने तो कोर्ट जाने की तैयारी भी शुरू कर दी है। हालांकि पुलिस अधिकारियों की माने तो गड़बड़ी में नाम आते ही संबंधित को चार्ज से हटा दिया जाएगा।

विजिलेंस कई बिंदुओं पर कर रही जांच

भर्ती मामले की जांच कर रही विजिलेंस ने जीबी पंत विश्वविद्यालय से पूरा रिकार्ड पहले ही उठा लिया है। विजिलेंस की कुमाऊं यूनिट ने जिस मशीन से इस भर्ती के पेपर स्कैन किए गए, उसकी भी जांच की। वहीं ओएमआर शीट की गहनता से जांच की जा रही है। बताया जा रहा है भर्ती में कुछ दारोगाओं के दस्तावेज भी फर्जी पाए गए हैं। जिन दारोगाओं की भूमिका सबसे अहम है, पहले चरण में उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सूची शासन को भेजी गई है।

आयुर्वेद विवि ने प्रोफेसरों के तबादले रोके

उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के ऋषिकुल और गुरुकुल परिसर में पंचकर्म विभाग के प्रोफेसर कृष्ण कुमार शर्मा और प्रोफेसर उत्तम कुमार शर्मा का तबादला फिलहाल रोक दिया गया है।बता दें, हरिद्वार में पंचायत चुनाव के कारण आचार संहिता लगी है।ऐसे में तबादलों पर सवाल खड़े किए जाने लगे थे।इंटरनेट मीडिया पर सवाल उठाए गए हैं कि हरिद्वार में पंचायत चुनाव चल रहे हैं इसी बीच तबादला किया जाना नियमों के विरुद्ध है।

जिसके के बाद प्रभारी कुलसचिव डॉ राजेश अदना ने इन तबादलों पर रोक लगा दी है। अदाना ने बताया कि आदेश को 28 सितंबर तक स्थगित कर दिया गया है। कहा कि किसी भी फैकल्टी की ड्यूटी चुनाव में नहीं लगी है। पीएचडी छात्रों के हित में दोनों प्रोफ़ेसर के तबादले नियमों के तहत किए गए हैं। दोनों संस्थान डेढ़ किलोमीटर की परिधि में है। 29 सितंबर से दोनों के तबादले लागू होंगे।


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