उत्तराखंड के कार्मिकों ने दी 22 नवंबर से बेमियादी हड़ताल की चेतावनी, पढ़िए पूरी खबर
विभिन्न मांगों पर आश्वासन के बावजूद कार्रवाई न होने से प्रदेश के कार्मिक आक्रोशित हैं। उन्होंने 22 नवंबर से बेमियादी हड़ताल और चक्का जाम की चेतावनी दी है। वाहन चालक संघ ने इसका समर्थन किया है। साथ ही आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। विभिन्न मांगों पर आश्वासन के बावजूद कार्रवाई न होने से प्रदेश के कार्मिकों में रोष है। इसको लेकर अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक समन्वय समिति ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का एलान कर दिया है। आगामी 22 नवंबर से प्रदेशभर में बेमियादी हड़ताल और चक्का जाम की चेतावनी दी गई है। वाहन चालक संघ ने इसका समर्थन करते हुए आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है।
बुधवार को समन्वय समिति की बैठक यमुना कालोनी स्थित संघ भवन में हुई। समिति के प्रवक्ता अरुण पांडे ने 22 अक्टूबर को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के बाद लिखित आश्वासन के क्रम में कार्रवाई न होने की बात कही। वाहन चालक संघ के प्रदेश महामंत्री संदीप मौर्य ने कहा कि मुख्य सचिव के आश्वासन के अनुसार वाहन चालक संघ के साथ पूर्व में सरकार व शासन स्तर पर बनी सहमति की समीक्षा बैठक आयोजित किए जाने पर आज तक कोई प्रगति नहीं हुई। जिसके चलते पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत 22 नवंबर से बेमियादी हड़ताल की जाएगी। इसके लिए वाहन चालक संघ ने सभी घटक संघों व जनपद शाखाओं को चक्काजाम का पत्र भेज दिया है।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महांसघ के प्रदेश अध्यक्ष नाजिम सिद्दिकी ने वर्चुअल माध्यम से बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि समस्त चतुर्थ श्रेणी कार्मिक भी 22 को हड़ताल करेंगे। वैयक्तिक अधिकारी कर्मचरी सहायक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह नेगी ने भी हड़ताल को लेकर अपने संगठन की प्रतिबद्धता जाहिर की। इसके अलावा निगम अधिकारी कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री बीएस रावत व रोडवेज, जल निगम, जल संस्थान आदि विभागों व निगमों के कार्मिक संगठनों ने भी हड़ताल में शामिल होने पर सहमति जताई है। कार्मिकों ने पुरानी पेंशन बहाली, पुरानी एसीपी व्यवस्था लागू करने, गोल्डन कार्ड की खामियां दूर करने, पदोन्नति में शिथिलता आदि मांगों को लेकर भी आवाज बुलंद की।
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