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Uttarakhand Paper Leak: अब इस परीक्षा में भी लगा धांधली का आरोप, कहा- बेचा गया था प्रश्नपत्र

Uttarakhand Paper Leak अब इंटरनेशनल इंग्लिश लेग्वेज टेस्टिंग सिस्टम (आइईएलटीएस) परीक्षा में धांधली का आरोप लगा है। सचिव गिरधारी सिंह रावत ने इंटरनेशनल इंग्लिश लेग्वेज टेस्टिंग सिस्टम (आइईएलटीएस) परीक्षा में धांधली के आरोप को निराधार बताया है।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraPublished: Tue, 21 Mar 2023 08:29 AM (IST)Updated: Tue, 21 Mar 2023 08:29 AM (IST)
Uttarakhand Paper Leak: अब इस परीक्षा में भी लगा धांधली का आरोप, कहा- बेचा गया था प्रश्नपत्र
Uttarakhand Paper Leak: इंटरनेशनल इंग्लिश लेग्वेज टेस्टिंग सिस्टम परीक्षा में धांधली का आरोप

जागरण संवाददाता, देहरादून : Uttarakhand Paper Leak: अब इंटरनेशनल इंग्लिश लेग्वेज टेस्टिंग सिस्टम (आइईएलटीएस) परीक्षा में उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने धांधली का आरोप लगाया है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बाबी पंवार ने आरोप लगाया 25 फरवरी को हुई इस परीक्षा के प्रश्नपत्र को बेचा गया।

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आरोप लगाया कि प्रशासन की ओर से पटवारी और कनिष्ठ सहायक परीक्षा के पेपर की सील टूटने पर बयान दिया गया था। प्रशासन की ओर से पेपर की सील टूटने का कारण खराब सड़क बताया गया। मामला सामने आने के बाद साक्ष्यों के माध्यम से प्रशासन के बयान का स्वयं ही खंडन हो गया। अन्य परीक्षाओं में भी इस तरह धांधली की गई थी।

संगठन ने देहरादून की जिलाधिकारी सोनिका के माध्यम से केंद्र से लेकर उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड सरकार को साक्ष्य प्रस्तुत कर मामले की गंभीरता से जांच एवं आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को लेकर ज्ञापन भेजा गया। आरोप है कि माफिया पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गई।

इस मौके पर संगठन के उपाध्यक्ष राम कंडवाल, जितेंद्र ध्यानी, नितिन दत्त, हरिओम भट्ट, मोहन कैंतुरा, कुलदीप डिंगा, सुशील कैंतुरा, रमेश चौहान, संदीप चौहान, विशाल चौहान, सचिन खन्ना आदि मौजूद रहे।

आइईएलटीएस की परीक्षा में धांधली का आरोप निराधार: रावत

सचिव गिरधारी सिंह रावत ने इंटरनेशनल इंग्लिश लेग्वेज टेस्टिंग सिस्टम (आइईएलटीएस) परीक्षा में धांधली के आरोप को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि आइईएलटीएस की परीक्षा में उत्तर-पुस्तिकाओं के रास्ते में छेड़छाड़ किए जाने का जिक्र किया गया है और उसे राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित परीक्षाओं के पेपरलीक से जोड़ने का प्रयास किया गया है। वह भ्रामक और तथ्य से परे है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि आयोग ने जो भी परीक्षाएं कराई हैं, उसमें गोपनीयता, पारदर्शिता को अक्षुण्ण बनाए रखने को संबंधित मुद्रक की ओर से जिस वाहन से गोपनीय सामग्री आयोग को भेजी जाती है, वह सीलबंद होता है। जिसे आयोग के अधिकारियों की उपस्थिति में पूरी वीडियोग्राफी के साथ खोला जाता है। इसके बाद वाहन में रखे हुए सीलबंद गोपनीय डिब्बों को संबंधित जिलों में सुरक्षा के साथ कोषागारों के डबल लाक में सुरक्षित रखा जाता है।

नोडल और प्रशासनिक अधिकारियों के सुपुर्द किया जाता है। परीक्षा के दिन सीलबंद डिब्बों को संबंधित जिलों के कोषागार के डबल लाक से निकालकर समय से परीक्षा केंद्रों पर सेक्टर मजिस्ट्रेट की ओर से उत्तरदायी अधिकारियों को प्राप्त कराया जाता है। जिसे संबंधित परीक्षा केंद्र के प्रधानाचार्य, केंद्र पर्यवेक्षक, कक्ष निरीक्षक और आयोग प्रतिनिधि की उपस्थिति में नियत समय पर गोपनीय सीलबंद डिब्बों को वीडियोग्राफी के साथ प्रत्येक परीक्षा केंद्रों पर खोला जाता है।

ऐसी स्थिति में प्रश्नपत्र लीक होने या उसकी गोपनीयता भंग होने का कोई प्रश्न नहीं उठता है। इसलिए प्रश्नपत्रों की गोपनीयता के संबंध में 20 मार्च, 2023 को इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित सूचना तथ्यहीन, भ्रामक और निराधार है।


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