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Uttarakhand News: आयुर्वेद विवि में करोड़ों का घपला, जल्द हो सकता है मुकदमा; मिले मौखिक निर्देश

Uttarakhand News आयुर्वेद विश्वविद्यालय में सामान खरीद निर्माण कार्य और भर्ती करने में करोड़ों का घपला किया गया। विजिलेंस समिति ने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के मौखिक आदेश जारी कर दिए हैं। अब विजिलेंस लिखित आदेश के इंतजार में है।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraPublished: Sun, 26 Mar 2023 09:38 AM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2023 09:38 AM (IST)
Uttarakhand News: आयुर्वेद विवि में करोड़ों का घपला, जल्द हो सकता है मुकदमा; मिले मौखिक निर्देश
Uttarakhand News: आयुर्वेद विश्वविद्यालय में सामान खरीद, निर्माण कार्य और भर्ती करने में करोड़ों का घपला किया गया।

जागरण संवाददाता, देहरादून: Uttarakhand News: आयुर्वेद विश्वविद्यालय में सामान खरीद, निर्माण कार्य और भर्ती करने में करोड़ों का घपला किया गया। अपनों को फायदा पहुंचाने के लिए निर्माण कार्यों के टेंडर भी चहेतों को दिए गए। विजिलेंस जांच में यह बात सामने आई है।

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विजिलेंस ने पूरी रिपोर्ट शासन की विजिलेंस समिति को भेज दी है। विजिलेंस समिति ने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के मौखिक आदेश जारी कर दिए हैं। अब विजिलेंस लिखित आदेश के इंतजार में है।

उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में वर्ष 2017 से 2020 तक गलत तरीके से हुई नियुक्तियों, सामान खरीद में गड़बड़ी और वित्तीय अनियमितता की विजिलेंस जांच करवाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुमोदन के बाद कार्मिक एवं सतर्कता सचिव शैलेश बगोली ने मई 2022 को आदेश जारी किए थे।

विजिलेंस निदेशक अमित सिन्हा के निर्देश पर जांच इंस्पेक्टर किरन असवाल को सौंपी गई। विजिलेंस टीम ने आयुर्वेद विश्वविद्यालय पहुंचकर दस्तावेज खंगाले और खरीद कमेटी में शामिल पदाधिकारियों के बयान दर्ज किए।

खुद को फंसता देख आयुर्वेद विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से काफी समय तो विजिलेंस टीम का सहयोग नहीं किया गया। इसके लिए विजिलेंस को कड़ा रुख अपनाना पड़ा।

यहां पाई गई हैं गड़बड़ियां

उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में योग अनुदेशकों के पदों पर जारी रोस्टर को बदलने, माइक्रोबायोलाजिस्ट के पदों पर भर्ती में नियमों का अनुपालन न करने, बायोमेडिकल संकाय व संस्कृत में असिस्टेंट प्रोफेसर एवं पंचकर्म सहायक के पदों पर विज्ञप्ति प्रकाशित करने और फिर रद करने का आरोप है।

इसके साथ ही विवि में पद न होते हुए भी संस्कृत शिक्षकों को प्रमोशन व एसीपी का भुगतान करने, बिना शासन की अनुमति बार-बार विवि की ओर से विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकालने और रोक लगाने, विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए विवि की ओर से गठित समितियों के गठन की विस्तृत सूचना शासन को न देने के साथ ही पीआरडी के माध्यम से 60 से अधिक युवाओं को भर्ती करने का भी आरोप है।

आडिट रिपोर्ट में भी अनियमितता

आडिट रिपोर्ट में भी विश्वविद्यालय में नियुक्तियों, फर्नीचर समेत सामान की खरीद एवं वित्तीय अनियमितता सामने आई हैं। आडिट रिपोर्ट की आपत्तियों को सरकार ने गंभीरता से लिया है। इसके बाद ही सरकार की ओर से विजिलेंस जांच के आदेश जारी किए।

आयुर्वेद विश्वविद्यालय में अनियमितताओं की जांच पूरी हो चुकी है, जिसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। शासन की विजिलेंस समिति ने गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के मौखिक आदेश दिए हैं। लिखित आदेश का इंतजार है। आदेश मिलते ही तुरंत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

- अमित सिन्हा, निदेशक विजिलेंस


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