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उत्तराखंड: मोतीचूर रेल अंडरपास को Haridwar Highway से जोड़ना जरूरी, तभी मिल सकेगा लाभ

मोतीचूर गांव के लिए अंडरपास निर्माण चल रहा है। इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने रेलवे को 3.39 करोड़ रुपये दिए हैं। निर्माण को पूरा करने के लिए रेलवे ने 13 अक्टूबर को इस रेल खंड पर मेगा ब्लाक लिया है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Mon, 11 Oct 2021 03:56 PM (IST)Updated: Mon, 11 Oct 2021 03:56 PM (IST)
उत्तराखंड: मोतीचूर रेल अंडरपास को Haridwar Highway से जोड़ना जरूरी, तभी मिल सकेगा लाभ
उत्तराखंड: मोतीचूर रेल अंडरपास को Haridwar Highway से जोड़ना जरूरी।

संवाद सूत्र, रायवाला(देहरादून)। रेल लाइन पार बसे मोतीचूर गांव के लिए अंडरपास निर्माण चल रहा है। इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने रेलवे को 3.39 करोड़ रुपये दिए हैं। निर्माण को पूरा करने के लिए रेलवे ने 13 अक्टूबर को इस रेल खंड पर मेगा ब्लाक लिया है, लेकिन इस अंडरपास का वास्तविक लाभ ग्रामीणों को तभी मिल सकेगा, जब इसे हरिद्वार हाईवे से जोड़ा जाएगा।

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दरअसल हरिद्वार-देहरादून रेल लाइन की वजह से हरिपुरकलां ग्राम पंचायत दो हिस्सों में बंटी हुई है। ग्राम सभा का एक हिस्सा रेल लाइन के दूसरी तरफ बसा है। जहां अपने घरों तक आने-जाने के लिए ग्रामीणों को रेल ट्रैक पार करना पड़ता है। इस ट्रैक की वजह से किसी भी प्रकार के वाहन गांव में नहीं जा सकते हैं। समस्या के स्थायी समाधान के लिए लंबे समय से अंडर पास बनाने की मांग की जा रही हैं।

कनेक्टिविटी की समस्या जस की तस

हरिद्वार जिले की सीमा से लेकर मोतीचूर के पास तक फ्लाईओवर व राजाजी टाइगर रिजर्व में हाथी अंडर पास बनने से मोतीचूर हरिपुरकलां गांव का हरिद्वार हाईवे से सीधे संपर्क कटा हुआ है। अब अंडरपास बनने से रेल लाइन पार करने की दिक्कत से तो छुटकारा मिल जाएगा, लेकिन हाईवे से कनेक्टिविटी का तरीका अब तक नहीं ढूंढा गया है। हाईवे प्राधिकरण के कंसल्टेंट तुषार गुप्ता का कहना है कि संबंधित सर्वे रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जा चुकी है।

मोतीचूर निवासी दीपमाला कहती हैं, केवल रेल अंडरपास बनाने से काम नहीं चलेगा। हाईवे से कनेक्टिविटी भी जरूरी है। सर्विस रोड को फ्लाईओवर से जोड़कर समस्या का समाधान हो सकता है। हम कई बार आंदोलन कर चुके हैं। प्रशासन को जनता का दर्द समझना चाहिए।

मोतीचूर निवासी शिवानी गोस्वामी का कहना है कि रेल ट्रैक की वजह से हो रही असुविधा अब अंडर पास बनने से दूर हो जाएगी। लेकिन इसका वास्तविक लाभ तभी मिलेगा जब गांव को हाईवे से जोड़ा जाए। रेलवे और हाईवे के इंजीनियरों को इसका उचित समाधान ढूंढना चाहिए।

वहीं, विनय कुमार थापा ने कहा, अंडर पास बनने से गांव में एंबुलेंस व बड़े वाहन आदि आसानी से पहुंच सकेंगे, यह अच्छी बात है, लेकिन हाईवे पर पहुंचने के लिए अब भी दो किलोमीटर से ज्यादा अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा है। गांव को नए फ्लाईओवर से सीधे कनेक्ट किया जाना जरूरी है।

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हरिपुरकलां की जिला पंचायत सदस्य दिव्या बेलवाल का कहना है कि रेल अंडरपास बन रहा है, यह खुशी की बात है। इससे रेल ट्रैक की वजह से हो रही तमाम दिक्कतें दूर हो जाएंगी। लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की लापरवाही से इस गांव का संपर्क हाईवे से कट गया है। इस समस्या का समाधान भी जरूरी है। प्रशासन को चाहिए कि इसकी तुरंत सुध ले, वरना ग्रामीण एक बार फिर से आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।

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