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उत्तराखंड ने उत्तर प्रदेश की राह पर बढ़ाए कदम, आपके पास भी राशनकार्ड है तो ध्‍यान दें वरना झेलनी होगी परेशानी

उत्तराखंड ने भी उत्तर प्रदेश की इस सफलता से उत्साहित होकर यह कदम उठाने का निर्णय किया है। अपात्र राशनकार्डधारकों पर शिकंजा कसेगा। उन्होंने राशनकार्ड वापस या समर्पित नहीं किए तो मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। अब सिर्फ 13 दिन शेष रह गए हैं।

By Nirmala BohraEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 07:55 AM (IST)Updated: Thu, 19 May 2022 07:58 AM (IST)
उत्तराखंड ने उत्तर प्रदेश की राह पर बढ़ाए कदम, आपके पास भी राशनकार्ड है तो ध्‍यान दें वरना झेलनी होगी परेशानी
उत्तराखंड में भी अपात्र राशनकार्डधारकों पर कसेगा शिकंजा

राज्य ब्यूरो, देहरादून: उत्तराखंड भी एक जून से उत्तर प्रदेश की राह पर कदम बढ़ाने जा रहा है। आपके पास भी राशनकार्ड है तो कृपया पूरी खबर जरूर पढ़ें और भविष्‍य में होने वाली परेशानी से बचें।

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अपात्र राशनकार्डधारकों पर शिकंजा कसेगा। उन्होंने राशनकार्ड वापस या समर्पित नहीं किए तो मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। सख्ती बरतने के इस अभियान में अब सिर्फ 13 दिन शेष रह गए हैं। महत्वपूर्ण यह भी है कि पात्रों को आने वाले दिनों में फोर्टीफाइड नमक उपलब्ध कराने की तैयारी भी की जा रही है।

अपात्र राशनकार्डधारकों के विरुद्ध सख्त अभियान

उत्तर प्रदेश ने अपात्र राशनकार्डधारकों के विरुद्ध सख्त अभियान शुरू किया था। इससे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत पात्र परिवारों और व्यक्तियों के लिए सस्ता खाद्यान्न योजना को सुचारू चलाना संभव हुआ है। उत्तराखंड ने भी उत्तर प्रदेश की इस सफलता से उत्साहित होकर यह कदम उठाने का निर्णय किया है।

प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अभियान (एनएफएसए) में 1.84 लाख से अधिक अंत्योदय और तकरीबन 12 लाख प्राथमिक परिवार राशनकार्डधारक हैं। इन राशनकार्डों में दर्ज 61.94 लाख यूनिट वर्तमान में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत निश्शुल्क मिल रहे खाद्यान्न का लाभ उठा रही हैं।

बड़ी संख्या में ऐसे परिवार हैं, जो पात्रता के दायरे से बाहर हैं

खाद्य विभागों को विभिन्न माध्यमों से जानकारी मिली है कि एनएफएसए के अंतर्गत बड़ी संख्या में ऐसे भी परिवार हैं, जो अब पात्रता के दायरे से बाहर हो चुके हैं। दरअसल प्राथमिक परिवार राशनकार्डधारक के लिए वार्षिक आमदनी 1.80 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

वहीं विभागीय मानकों के अनुसार अंत्योदय परिवार के लिए सालाना आमदनी की सीमा 15 हजार रुपये है। विभाग को ऐसे आवेदन बड़ी संख्या में मिल रहे हैं जो एनएफएसए के अंतर्गत राशनकार्ड बनाना चाहते हैं और पात्रता की शर्तें भी पूरी कर रहे हैं। इसके बावजूद विभाग नए राशनकार्ड नहीं बना पा रहा है।

एनएफएसए राशनकार्डों को लेकर सीमा निर्धारित

विभाग के समक्ष यह संकट केंद्र सरकार के निर्देशों के बाद खड़ा हुआ है। केंद्र ने एनएफएसए राशनकार्डों को लेकर सीमा निर्धारित कर दी है। वर्तमान में तय सीमा से अधिक राशनकार्ड नहीं बनाए जाएंगे। राज्य सरकार को इसी कारण अपात्रों के विरुद्ध अभियान छेडऩे को विवश होना पड़ रहा है।

गरीबी रेखा और बेहद कम आमदनी वाले परिवारों की श्रेणी से बाहर निकल चुके अथवा गलत तरीके से इस योजना का लाभ लेने वालों को चिह्नित किया जाएगा। सख्त कदम उठाने से पहले राज्य सरकार ने करीब एक महीने का समय समस्त राशनकार्डधारकों को दिया है।

3167 राशनकार्डधारक वापस कर चुके राशनकार्ड

खाद्य मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि अभी तक स्वेच्छा से 3167 राशनकार्डधारक अपने राशनकार्ड वापस कर चुके हैं। इससे करीब 13 हजार यूनिट कम हो गई हैं। उन्होंने कहा कि अपात्र राशनकार्डधारकों की संख्या काफी अधिक है। 31 मई तक राशनकार्डधारकों को मोहलत दी गई है।

इसके बाद एक जून से विभाग ऐसे व्यक्तियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएगा। उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। पात्र राशनकार्डधारकों को फोर्टीफाइड नमक उपलब्ध कराया जाएगा। इस संबंध में विभाग को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।


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