जूनियर हाई स्कूल का पृथक संचालन करे सरकार, जानिए और क्या है संघ की मांग
राज्य के सरकारी विद्यालयों को घटती छात्र संख्या से उबारने और शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयारसरत है। इसके लिए हर साल विद्यालयों का उच्चीकरण भी किया जा रहा है लेकिन जूनियर हाई स्कूल के शिक्षक इससे संतुष्टि नहीं हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून। राज्य के सरकारी विद्यालयों को घटती छात्र संख्या से उबारने और शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयारसरत है। इसके लिए हर साल विद्यालयों का उच्चीकरण भी किया जा रहा है, लेकिन जूनियर हाई स्कूल के शिक्षक इससे संतुष्टि नहीं हैं। इसके पीछा शिक्षकों का तर्क है कि इससे उनके पदोन्नति के अवसर कम हो रहे हैं। उनका कहना है कि पूर्व में शासन ने सभी जूनियर हाई स्कूल के पृथक संचालन का आदेश जारी किया था, उसका पालन होना चाहिए।
इस संबंध में प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने गुरुवार को मुख्यमंत्री के जनसंपर्क अधिकारी भजराम पंवार से मुलाकात की और उन्हें 12 सूत्रीय मांगपत्र सौंप कर जल्द सकारात्मक कार्रवाई की मांग की। संघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष सतीश घिल्डियाल ने मुख्यमंत्री के जनसंपर्क अधिकारी को बताया कि जूनियर हाई स्कूल का हाई स्कूल में उच्चीकरण होने से जूनियर हाई स्कूल की संख्या घटती जा रही है। इससे जूनियर हाई स्कूल के अध्यापकों के पदोन्नति के अवसर भी घट रहे हैं। शिक्षक जिस पद पर नियुक्त हो रहे हैं, उसी से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उन्होंने केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर जिला कैडर के साथ त्रिस्तरीय कैडर व्यवस्था (पीआरटी, टीजीटी और पीजीटी) को लागू करने पर भी जोर दिया।
संघ की अन्य प्रमुख मांगें
-प्रारंभिक शिक्षकों की वेतन विसंगतियां दूर की जाएं।
-प्रारंभिक शिक्षकों के लिए पूरे सेवाकाल में तीन पदोन्नति सुनिश्चित हों।
-जूनियर हाई स्कूल के प्रधानाध्यापकों की अगली पदोन्नति के लिए व्यवस्था हो।
-जूनियर हाई स्कूल में प्रधानाध्यापक व अंग्रेजी विषय के अध्यापक सहित पांच पदों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
-पदोन्नति और स्थानांतरण के लिए काउंसिलिंग की व्यवस्था तय हो।
-प्रदेश के राजकीय आदर्श जूनियर हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक पदों पर पदस्थापना, पदोन्नति व स्थानांतरण से सुनिश्चित की जाए।
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