Move to Jagran APP

स्थायी निदेशकों की तैनाती में रुचि नहीं ले रहे कालेज, अभी तक सिर्फ इस संस्थान में मांगे जा सके आवेदन

सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों में स्थायी निदेशकों की तैनाती में पेच फंस रहा है। कालेज प्रबंधन इस मामले में शासन को प्रस्ताव भेजने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। अभी तक सिर्फ देहरादून में ही महिला प्रौद्योगिकी संस्थान में ही स्थायी निदेशक पद पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे जा सके।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 07:38 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 07:38 PM (IST)
स्थायी निदेशकों की तैनाती में रुचि नहीं ले रहे कालेज, अभी तक सिर्फ इस संस्थान में मांगे जा सके आवेदन
स्थायी निदेशकों की तैनाती में रुचि नहीं ले रहे कालेज।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में तकनीकी विश्वविद्यालय से संबद्ध सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों में स्थायी निदेशकों की तैनाती में पेच फंस रहा है। कालेज प्रबंधन इस मामले में शासन को प्रस्ताव भेजने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। अभी तक सिर्फ देहरादून में ही महिला प्रौद्योगिकी संस्थान में ही स्थायी निदेशक पद पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे जा सके हैं। प्रदेश के तमाम सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों में स्थायी निदेशक नहीं हैं। अनियमितता और शिकायतों के आधार पर कई कालेजों में निदेशकों को हटाया जा चुका है। निदेशक पदों का जिम्मा संबंधित जिलाधिकारियों के पास है।

loksabha election banner

दरअसल, इंजीनियरिंग कालेजों में निदेशकों और कुलसचिव के पदों पर तैनाती को लेकर अक्सर विवाद खड़े हो रहे हैं। विवादों के चलते हटाए गए निदेशकनन्हीं परी सीमांत इंजीनियरिंगकालेज पिथौरागढ़, विपिन चंद्र त्रिपाठी कुमाऊं इंजीनियरिंगकालेज द्वाराहाट और जीबी पंत इंजीनियरिंगकालेज घुड़दौड़ी, पौड़ी में तैनात रहे निदेशकों को लेकर विवाद हो चुका है। घुड़दौड़ी इंजीनियरिंग कालेज में तैनात कुलसचिव को बीते दिनों सरकार को हटाना पड़ा था। टीएचडीसी इंजीनियरिंगकालेज, नई टिहरी में हालात ऐसे ही हैं।

कार्यवाहक निदेशक के भरोसे कालेजों के संचालन का मुद्दा मुख्यमंत्री के दरबार में भी पहुंचा। सीएम हैं स्थायी निदेशकों के पक्ष में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे गंभीरता से लेते हुए इंजीनियरिंग कालेजों में स्थायी तौर पर निदेशकों की नियुक्ति के निर्देश दिए। इसके बाद शासन ने कालेजों में निदेशकों के रिक्त पदों को भरने के लिए शासन से तुरंत अनमुति लेने को कहा।

अब कालेजों की ओर से इस मामले में हीलाहवाली की जा रही है। अभी तक सिर्फ देहरादून स्थित महिला प्रौद्योगिकी संस्थान की ओर से अनुमति मांगी गई। शासन से अनुमति मिलने के बाद निदेशक पद पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे जा चुके हैं। अन्य कालेजों ने ढुलमुल रवैया नहीं बदला तो शासन सख्त कदम उठाने की तैयारी में है। अपर मुख्य सचिव तकनीकी शिक्षा राधा रतूड़ी कालेजों के साथ बैठक में इस संबंध में हिदायत दे चुकी हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.