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13 वीर नारियों और 12 सैन्य अधिकारियों को वीरता पुरस्कार, राज्यपाल ने कहा- उत्तराखंड वीरों की भूमि

Uttarakhand News उत्तराखंड सब एरिया मुख्यालय की ओर से सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें उत्‍तराखंड की 13 वीर नारियों और 12 पूर्व सैनिक व सैन्य अधिकारियों/वर्तमान सैन्य अधिकारियों को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

By Nirmala BohraEdited By: Published: Sun, 14 Aug 2022 08:26 AM (IST)Updated: Sun, 14 Aug 2022 08:26 AM (IST)
13 वीर नारियों और 12 सैन्य अधिकारियों को वीरता पुरस्कार, राज्यपाल ने कहा- उत्तराखंड वीरों की भूमि
Uttarakhand News : आरआइएमसी सभागार में वीरता पुरस्कार से सम्मानित वीर नारी, पूर्व सैनिक व सैन्य अधिकारी। जागरण

जागरण संवाददाता, देहरादून : Uttarakhand News : राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) ने 13 वीर नारियों और 12 पूर्व सैनिक व सैन्य अधिकारियों/वर्तमान सैन्य अधिकारियों को वीरता पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया।

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इस दौरान राज्यपाल ने छात्रों की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया और जवानों, छात्रों, बलिदानी सैनिकों के स्वजन व पूर्व सैनिकों से बातचीत की।

मन में वीरता और गर्व की अनुभूति

शनिवार को उत्तराखंड सब एरिया मुख्यालय की ओर से सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आज का दिन बेहद भावुक करने वाला और गर्व का दिन है। उन्होंने कहा कि देश के लिए अपना सब कुछ न्योछावर करने वाले वीर योद्धाओं की वीरांगनाओं को देखकर मन में वीरता और गर्व की अनुभूति हो रही है।

वीरांगनाओं का राष्ट्र निर्माण के लिए जो समर्पण है, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। राज्यपाल ने कहा कि वीर योद्धाओं को सम्मान देने में दिल से खुशी होती है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़े सौभाग्य की बात यह है कि ये कार्यक्रम ऐसे स्थान पर हो रहा है, जहां से देश को पहला परमवीर चक्र विजेता सोमनाथ शर्मा जैसा वीर मिला।

वीर भूमि है उत्तराखंड

राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड वीरों की भूमि है। यह बड़े सौभाग्य की बात है कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर हम सब यहां मौजूद हैं। राज्यपाल ने कहा कि हमारा धर्म है कि वीरों के प्रति आभार, प्रशंसा और धन्यवाद ज्ञापित करें।

राज्यपाल ने गलवन घाटी के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि गलवन में भारत के 20 वीर सपूतों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया, जोकि उनके शौर्य, वीरता और पराक्रम को दर्शाता है। राज्यपाल ने कार्यक्रम के आयोजकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के मौके पर वीर जवानों व उनके स्वजन को सम्मानित करना प्रशंसनीय कार्य है।

हम सब पूर्व सैनिक परिवार है

राज्यपाल ने कहा कि हम सब पूर्व सैनिक के रूप में एक परिवार हैं। हमारा कर्तव्य है कि एक-दूसरे की सहायता करते रहें। उन्होंने कहा कि सेना, सैनिक और सैनिकों के परिवारजन मेरे सबसे अधिक करीब हैं और सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं। उन्होंने कहा जीवन के 40 वर्ष सेना में बिताए हैं, इसलिए सेना, सैनिक और सैनिकों की भावनाओं से वह वाकिफ हैं।

पूर्व सैनिकों व वीरांगनाओं का डाटाबेस हो तैयार

राज्यपाल ने सब एरिया मुख्यालय के अधिकारियों को सुझाव देते हुए कहा कि उत्तराखंड सैनिक कल्याण बोर्ड की भांति वह भी पूर्व सैनिकों, वीरांगनाओं और बलिदानियों के स्वजन की जानकारी एकत्र कर डाटाबेस तैयार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार की ओर से प्रदेश के सैनिकों ल वीर नारियों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं।

इनका हुआ सम्मान

वीर नारियां : सुनीता बिष्ट, शांति देवी, चित्रा देवी, लक्ष्मी तोमर, रामप्यारी, उर्मिला देवी, अंजू देवी, पार्वती देवी, विमला देवी, लता देवी, सुजाता थापा, किरन, अनिता देवी

पूर्व सैनिक व सैन्य अधिकारी : प्रमोद चंद्र भारद्वाज, मेजर जनरल शमशेर सिंह, कोमोडोर एके सिन्हा, आनरेरी कैप्टन खुसिंग गुरुंग, दल बहादुर लिंबू, देवी प्रसाद, सूबेदार बाग सिंह और सूबेदार मेजर वीर बहादुर पुन (सम्मान उनके दामाद लाल बहादुर ने ग्रहण किया)।

सेवारत सैन्य अफसर: कर्नल सीपीएस खाती, कर्नल हिमांशु, कर्नल आदित्य कुमार देवरानी, सूबेदार अमर बहादुर गुरुंग।


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