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Uttarakhand News: उत्‍तराखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल पर 10 साल की कैद और 10 करोड़ जुर्माना

उत्‍तराखंड में भर्ती परीक्षा में नकल पर रोक लगाने के लिए सख्त कानून बनाने की तैयारी है। प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल पर 10 साल की कैद और 10 करोड़ जुर्माना का प्रविधान हो सकता है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने शासन को प्रस्ताव भेजा है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 01 Sep 2022 08:45 AM (IST)Updated: Thu, 01 Sep 2022 08:45 AM (IST)
Uttarakhand News:  उत्‍तराखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल पर 10 साल की कैद और 10 करोड़ जुर्माना
प्रदेश में विभिन्न सरकारी पदों पर होने वाली भर्ती के लिए अब सख्त कानून बनाने की तैयारी है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून:   Cheating in Recruitment Exam प्रदेश में विभिन्न सरकारी पदों पर होने वाली भर्ती के लिए अब सख्त कानून बनाने की तैयारी है। इसके अंतर्गत नकल करते पकड़े जाने पर पांच साल और संगठित होकर नकल कराने के मामलों में 10 साल की कैद तथा 10 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रविधान हो सकता है। इस संबंध में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने शासन को प्रस्ताव भेजा है, जिसका कार्मिक विभाग अध्ययन कर रहा है।

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भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता को लेकर सवाल

उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी (UKSSSC) द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक का प्रकरण सामने आने के बाद से ही भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता को लेकर सवाल उठ रहे हैं। प्रदेश के मेहनती और ईमानदारी से परीक्षा देने वाले युवाओं को इससे झटका लगा है।

इन युवाओं को अपनी मेहनत और योग्यता से नौकरी मिल सके, इसके लिए कुछ समय पूर्व यूकेएसएसएससी ने भर्ती परीक्षाओं को पारदर्शी बनाने और इनमें नकल रोकने के लिए कानून बनाने को एक प्रस्ताव शासन को भेजा। आयोग के प्रस्ताव में कहा गया है कि प्रदेश में नकल रोकने के लिए जितने कानून बने हैं, उनमें अपराध करने वाले आसानी से छूट जाते हैं। इस कारण भर्ती परीक्षाओं में नकल पर रोक नहीं लग पा रही है।

आयोग ने कानून के लिए दिया सुझाव

आयोग ने इस कानून के लिए सुझाव दिया है कि यदि कोई अभ्यर्थी भर्ती परीक्षा में पर्ची, मोबाइल अथवा अन्य माध्यमों से नकल करता पकड़ा जाता है तो ऐसे मामलों में पांच साल की सजा और एक लाख तक का जुर्माने का प्रविधान किया जा सकता है।

  • भर्ती परीक्षा में यदि संगठित गिरोह के जरिये नकल कराने के प्रकरण सामने आते हैं तो ऐसे मामलों में 10 साल की सजा और 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना वसूला जा सकता है।
  • इसके साथ ही आरोपितों से परीक्षा कराने का व्यय और संपत्ति कुर्क कराना भी प्रस्तावित किया गया है।
  • इस समय कार्मिक विभाग इस प्रस्ताव का अध्ययन कर रहा है। इसके बाद इसे कैबिनेट में लाया जा सकता है।

सचिव कार्मिक शैलेश बगोली ने कहा कि प्रस्ताव का अभी परीक्षण किया जा रहा है। इसके बाद इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा।

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