Move to Jagran APP

Lockdown 2.0: उत्तराखंड में सोच-समझकर बाहर निकलें, यहां बात करने से पहले चलते हैं डंडे

अब सड़क पर पुलिस के साथ पैरा मिलिट्री फोर्स भी तैनात कर दी गई है जिसके बारे में आम धारणा है कि नियमों की अनदेखी पर वह बात करने से पहले डंडे चला देती है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Thu, 16 Apr 2020 04:39 PM (IST)Updated: Thu, 16 Apr 2020 10:30 PM (IST)
Lockdown 2.0:  उत्तराखंड में सोच-समझकर बाहर निकलें, यहां बात करने से पहले चलते हैं डंडे
Lockdown 2.0: उत्तराखंड में सोच-समझकर बाहर निकलें, यहां बात करने से पहले चलते हैं डंडे

देहरादून, संतोष तिवारी। उत्तराखंड में लॉकडाउन 2.0 में सोच समझकर बाहर निकलें, क्योंकि अब पुलिस के साथ ही पैरा मिलिट्री फोर्स को भी सड़क पर तैनात कर दिया है। पैरा मिलिट्री फोर्स को लेकर कहा जाता है कि ये फोर्स नियमों की अनदेखी पर बात से पहले ही डंडे चला देती है।   

loksabha election banner

उत्तराखंड में लॉकडाउन पार्ट वन तो जैसे-तैसे बीत गया। इस दौरान सरकार और पुलिस की तमाम चेतावनियों के बाद भी लोगों के कदम घर से बाहर निकलते रहे। लोग कभी साग-सब्जी लाने के बहाने तो कभी दवा की पर्ची लेकर पूरा शहर घूमते रहे। पुलिस के समझाने पर कई तो उल्टे उन्हें ही धमकाने लगे, जिन मामलों में पानी सिर से ऊपर जाने लगा, उनमें पुलिस ने कार्रवाई भी की। लेकिन, अब वह दौर बीत चुका है। 

कोरोना संक्रमण अब दबे पांव नए इलाकों को आगोश में न ले। इसके लिए सरकार ने लॉकडाउन पार्ट टू लागू किया है। इसमें घर से निकलना है तो कई बार सोचना होगा। क्योंकि, अब सड़क पर पुलिस के साथ पैरा मिलिट्री फोर्स भी तैनात कर दी गई है, जिसके बारे में आम धारणा है कि नियमों की अनदेखी पर वह बात करने से पहले डंडे चला देती है। तो अब जरा संभलकर घर से निकलें।

कोरोना से बदलेगा पुलिस के काम करने का तरीका 

कोरोना वायरस के कहर का असर इतिहास और भूगोल पर कितना पड़ेगा, यह तो आने वाला समय बताएगा। लेकिन, एक बात तय है कि आने वाले दिनों में पुलिस के काम करने का तरीका और प्राथमिकता पूरी तरह बदल जाएंगी। इसकी वजह भी है कि पुलिस का अभी पूरा फोकस समाज को कोरोना के खतरे से बचाने पर है। उनसे सामाजिक दूरी का पालन कराने से लेकर उन तक जरूरी सामानों की आपूर्ति इन दिनों पुलिस की प्राथमिकता में शामिल है।

यह स्थिति फिलहाल तीन मई तक तो रहनी ही है। इसके बाद अगर लॉकडाउन बढ़ता है या कुछ शर्तों के साथ ढील मिलती है, तो भी स्थिति को सामान्य होने में काफी वक्त लग सकता है। ऐसे में अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने के बजाय लंबे अरसे तक पुलिस लॉकडाउन के साथ ही कदमताल करती रहेगी। हालांकि, लॉकडाउन लागू होने के बाद अपराध पर लगाम कस गई है।

पुलिसकर्मी सुरक्षित 

देश के कई कोरोना प्रभावित क्षेत्रों में पुलिसकर्मियों के संक्रमण के शिकार होने की खबरें निश्चित रूप से परेशान करने वाली हैं। लेकिन, उत्तराखंड में अब तक यह नौबत नहीं आने पाई। वजह है पुलिस की सतर्कता और अधिकारियों की ओर से हर दिन सुरक्षा को लेकर जारी हो रही गाइडलाइन। साथ ही इसका श्रेय आपदा के संभावित खतरे को भांप फौरी तौर पर राहत और बचाव की योजना तैयार करने वाली एसडीआरएफ की प्लानिंग भी है।

जब एसडीआरएफ को लगा कि कोरोना वायरस का खतरा आने वाले दिनों में गंभीर हो सकता है तो फ्रंटलाइन पर काम करने वाले पुलिस कर्मियों को ट्रेंड करना शुरू कर दिया। करीब छह हजार पुलिसकर्मियों को एसडीआरएफ बता चुकी है कि वह कोरोना संक्रमण प्रभावित क्षेत्रों में कैसे रहें। इसका असर भी हुआ। भविष्य के खतरे को समझ कर तैयार की एसडीआरएफ की इस प्लानिंग पर अब दूसरे राज्य भी अमल कर रहे हैं।

कोरोना की गंभीरता आने लगी समझ 

कोरोना वायरस के खतरे की गंभीरता अब लोगों के समझ में आने लगी है। यह जरूरी भी है, क्योंकि पुलिस के बलप्रयोग और सरकार की चेतावनियों को तो लोगों ने अब तक काफी हल्के में ही लिया है। लेकिन, अब पुलिस के बजाय लोग खुद ही अपने इलाके को सील करने लगे हैं। जिससे कोरोना संक्रमण का प्रभाव उनके इलाके में न दाखिल हो पाए। यह सही तो है, लेकिन लोगों के आने को प्रतिबंधित करने भर से सबकुछ ठीक नहीं हो जाएगा।

यह भी पढ़ें: Uttarakhand Lockdown: नियम तोड़ने पर पहले चरण में 6394 लोग गिरफ्तार, लॉकडाउन 2.0 में और बढ़ेगी सख्‍ती

कॉलानियों में सैर-सपाटा और बेवजह घूमने-फिरने पर भी बंदिश लगानी होगी। यह सच है कि कॉलोनियों और तमाम मोहल्लों के भीतरी इलाकों में लोग घरों से बाहर निकल ही रहे हैं। अब पुलिस तो हर जगह पहुंचने से रही। इसे लेकर तो खुद ही जागरूक होना होगा। केवल इलाके को सील करने से कोरोना का खतरा नहीं मिटेगा बल्कि हमें खुद को घर में सील करना होगा।

यह भी पढ़ें: Uttarakhand lockdown की खुलेआम उड़ाई जा रही धज्जियां, पूर्व भाजपा विधायक समेत 14 पर मुकदमा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.