Move to Jagran APP

Uttarakhand lockdown से वन गुर्जरों के सामने रोजी-रोटी का संकट, दूध बेचकर होती थी कमाई

वन गुर्जरों पर रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। जंगलों में रहने वाले गुर्जरों के पास कमाई का साधन मात्र दूध की बिक्री से ही है। लेकिन फिलहाल वो भी नहीं हो रही।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 13 Apr 2020 10:12 PM (IST)Updated: Mon, 13 Apr 2020 10:12 PM (IST)
Uttarakhand lockdown से वन गुर्जरों के सामने रोजी-रोटी का संकट, दूध बेचकर होती थी कमाई
Uttarakhand lockdown से वन गुर्जरों के सामने रोजी-रोटी का संकट, दूध बेचकर होती थी कमाई

विकासनगर, जेएनएन। दूध बेचकर अपनी आजीविका चलाने वाले वन गुर्जरों पर रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। जंगलों में रहने वाले गुर्जरों के पास कमाई का साधन मात्र दूध की बिक्री से ही है। लॉकडाउन में हिमाचल और उत्तराखंड बॉर्डरों पर आवाजाही पूरी तरह से बंद होने के चलते वन गुर्जर बॉर्डर पार नहीं कर पा रहे हैं, ऐसे में दूध की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।

loksabha election banner

पछवादून की सीमा से सटे हिमाचल प्रदेश के पांवटा शहर से लेकर आसपास के ग्रामीण इलाकों की अधिकतर दूध की आपूर्ति उत्तराखंड की सीमा पर स्थित कुल्हाल ग्राम पंचायत में रहने वाले वन गुर्जर ही करते हैं। ठीक इसी प्रकार विकासनगर-हरबर्टपुर में अधिकतर दूध की पूर्ति उत्तर प्रदेश के बादशाही बाग क्षेत्र के जंगलों में रहने वाले वन गुर्जर करते आ रहे हैं। दूध के कारोबार पर निर्भर वन गुर्जर लॉकडाउन के चलते भारी परेशानी में आ गए हैं। दोनों प्रदेशों की सीमा पर बढ़ाई गई चौकसी के बाद से वन गुर्जरों की आवाजाही बंद कर दी गई है। इसके चलते उनकी ओर से की जाने वाली दूध की आपूर्ति बंद हो गई है। ऐसे में उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

कुल्हाल के ग्राम प्रधान मोहम्मद सलीम का कहना है कि दूध आवश्यक सेवा में शामिल है, इसकी आपूर्ति को रोका जाना उचित नहीं है। दोनों प्रदेशों के प्रशासनिक अधिकारियों को इसका संज्ञान लेना चाहिए। ग्राम सभा की ओर से दोनों प्रदेशों के अधिकारियों से इस संबंध में बात करके आवश्यक कदम उठाए जाने की मांग की गई है।

ह्यूमन राइटस और आरटीआइ एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद शर्मा का कहना है कि  प्रशासन को इस मामले में लिखित शिकायत की गई है। दूध का कारोबार वन गुर्जरों की रोजी-रोटी से जुड़ा है। इस मामले में प्रशासन को शीघ्र संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए।

चकराता की तीन रेंज सैनिटाइज, बांटी किट

चकराता वन प्रभाग के सब डिवीजन कार्यालय त्यूणी से जुड़े तीन रेंजों में उपप्रभागीय वनाधिकारी कैलाशचंद पांडे ने सभी वन कर्मियों को कोरोना वायरस कोविड-19 महामारी से बचाव को जागरूक किया। इस दौरान रेंजरों ने कोरोना से बचने के लिए वन विभाग टीम को सुरक्षा कवच के रूप में मास्क, ग्लब्स और सैनिटाइजर किट बांटी। एसीएफ ने फायर सीजन में आग से जंगलों की सुरक्षा को तैनात वन विभाग टीम को सोशल डिस्टेंसिंग करने को कहा।

यह भी पढ़ें: Uttarakhand Lockdown: प्रशासन की मदद से जरूरतमंदों को पहुंचा रहे हैं मदद 

उपप्रभागीय वनाधिकारी त्यूणी कैलाशचंद्र पांडे के निर्देशन में वन विभाग टीम ने चकराता वन प्रभाग के अंतर्गत मोल्टा रेंज चातरा, बावर रेंज दारागाड़ व देवघार रेंज त्यूणी तीनों रेंज कार्यालय को सैनिटाइजर किया। इस दौरान रेंज अधिकारी मोल्टा दिनेश चंद्र नौटियाल, रेंज अधिकारी बावर हरीशचंद्र गैरोला और रेंज अधिकारी देवघार यशपाल सिंह राठौर ने सभी वन कर्मियों को तीनों रेंज में अलग-अलग कोरोना से बचने के लिए वन विभाग की ओर से मास्क और सैनिटाइजर किट बांटी।

यह भी पढ़ें: Uttarakhand Lockdown: बड़ी संख्या में मदद को उठे हाथ, कहीं भरा भूखों का पेट, तो कहीं बांटा राशन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.