Uttarakhand Lockdown: 31 मार्च को अब नहीं चलेंगी रोडवेज बसें और निजी वाहन, सरकार ने वापस लिया फैसला
31 मार्च को लॉकडाउन के कारण फंसे लोगों को राज्य के भीतर अपने घर जाने की जो व्यवस्था की गई थी उसे निरस्त कर दिया गया है
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में 31 मार्च को यात्रियों की आवाजाही के लिए अंतर जनपदीय छूट निरस्त कर दी गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि केंद्र के निर्देशों के बाद यह कदम उठाया गया है। केंद्र सरकार ने देश के विभिन्न राज्यों में प्रवासी लोगों, श्रमिकों तथा अन्य की आवाजाही को लॉकडाउन के साथ ही इससे सुरक्षित शारीरिक दूरी के मानक का उल्लंघन बताया है। केंद्र ने प्रवासियों की आवाजाही को रोकने पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के भीतर अपने घर जाने के लिए जो व्यवस्था की गई थी, उसे निरस्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे कुछ कष्ट हो सकता है लेकिन कोरोना के खिलाफ जंग में यह सबके हित में है। उधर, मुख्य सचिव ने भी सभी जिलाधिकारियों को केंद्र के आदेशों के अनुपालन के क्रम में प्रवासियों की आवाजाही पर पूर्ण रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। आवश्यक वाहनों की आवाजाही को छोड़कर प्रदेश की सीमा को सील कर दिया जाए।
प्रदेश सरकार ने शनिवार को ही प्रदेश के भीतर दूसरे जिलों से आए लोगों को उनकी घर वापसी के लिए मंगलवार 31 मार्च को सुबह सात से शाम आठ बजे तक एक से दूसरे जिलों में वाहनों के संचालन की छूट देने का निर्णय लिया था। अब केंद्र के सख्त निर्देशों के बाद इसे वापस ले लिया गया है। रविवार को मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर कोरोना से रोकथाम व लॉकडाउन को लेकर उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा की। इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश सरकार द्वारा जो भी दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं उनका अनुपालन सुश्चित किया जाए।
उन्होंने देर शाम केंद्र सरकार द्वारा तय गाइडलाइन भी सभी जिलाधिकारियों व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को भेज दी। मुख्य सचिव ने कहा कि लॉकडाउन की सम्पूर्ण अवधि के दौरान जरूरी वस्तुओं के वाहनों के संचालन और जिलाधिकारी की अनुमति से विशेष आपातकालीन तथा अनिवार्य आवागमन को छोड़कर तत्काल प्रभाव से किसी भी मजदूर, कामगार, पर्यटक इत्यादि का अंतरराज्यीय आवागमन रोका जाए। जो जहां पर है उसे वहीं पर रोककर उनके लिए रहने, खाने-पीने साथ ही मनोरंजन के लिए टीवी और रहने लायक साफ-सुथरे स्थल-भवन का इंतजाम किया जाए। साथ ही सुरक्षित शारीरिक दूरी और संदिग्ध का अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य परीक्षण करवाना भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि अंतरराज्यीय आवागमन का किसी प्रकार से उल्लंघन होता है तो सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इसके लिए सीधे जिम्मेदार होंगे।
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, मंगलवार को लॉकडाउन के कारण फंसे लोगों को राज्य के भीतर अपने घर जाने की जो व्यवस्था की गई थी, उसे निरस्त कर दिया गया है। आज गृह मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों में एक जिले से दूसरे जिले में मूवमेंट को भी रोके जाने को कहा गया है। हमें देश को कोरोना से मुक्त करने के लिए और सख्ती से लॉकडाउन को लागू करना है।
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जागरण ने उठाए थे सवाल
लॉकडाउन में ढील का समय बढ़ाने और 31 मार्च को एक दिन के लिए परिवहन सेवाएं बहाल करने की व्यावहारिकता पर दैनिक जागरण ने पहले ही सवाल उठाए थे। सरकार के इन फैसलों को बुद्धिजीवी कोरोना वायरस संक्रमण को आमंत्रण के रूप में देखते हुए दुष्परिणाम की आशंका जाहिर कर रहे हैं। सरकार यह प्रयोग ऐसे वक्त में करने जा रही है, जब राज्य का हर नागरिक कोरोना के संक्रमण की आशंका से डरा हुआ है। जन सामान्य लॉकडाउन का मतलब अच्छे से समझ रहा है और इसमें सहयोग भी कर रहा है। तमाशबीनों को छोड़ बाकी लोग अगर अपने घरों पर अघोषित क्वारंटाइन होकर कोरोना वायरस की चेन तोड़ने के लिए दिल से तैयार हैं तो अनावश्यक जोखिम उठाने की जरूरत ही नहीं है।
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