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    भटके किशोरों को न्याय दिलाने में उत्तराखंड आगे, इन्हें दिया जा रहा है पूरा श्रेय

    Updated: Sun, 07 Dec 2025 10:55 AM (IST)

    उत्तराखंड राज्य भटके हुए किशोरों को न्याय दिलाने में सबसे आगे है। इस कार्य में विशेषज्ञों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और न्यायपालिका का महत्वपूर्ण योगदान है ...और पढ़ें

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    प्रदेश सरकार, पुलिस व किशोर न्याय बोर्ड के समन्वय से तेजी से हो रहा निस्तारण। जागरण

    विकास गुसाईं, देहरादून। उत्तराखंड ने किशोर न्याय के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। किशोरों से जुड़े अपराधों के निस्तारण, उनके पुनर्वास, संरक्षण और अधिकारों की रक्षा को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार की पहल और किशोर न्याय बोर्ड व पुलिस के प्रयासों से सकारात्मक कदम बढ़ रहे हैं। नतीजतन, उत्तराखंड ने किशोरों को न्याय दिलाने के मामले में देश भर के प्रमुख राज्यों को पछाड़ कर 73.7 प्रतिशत निस्तारण की दर से देश में दूसरा स्थान हासिल किया है। पहले स्थान पर मणिपुर है।

    प्रदेश में जाने व अनजाने में कानून तोड़ने वाले किशोर अपराध के तकरीबन 700 मुकदमे प्रतिवर्ष दर्ज होते हैं। इनके निस्तारण की दर 73.7 प्रतिशत है। यह आंकड़ा देश में किशोर न्याय क्षमता का आंकलन करने वाली इंडिया जस्टिस की रिपोर्ट में दिया गया है। यद्यपि, यदि प्रदेश में किशोर न्याय बोर्ड के बीते एक वर्ष में दर्ज मामलों और इनके निस्तारण की रफ्तार पर नजर डालें तो यह 89 प्रतिशत है। यह बात अलग है कि पूर्व से ही लंबित चले आ रहे मामलों में अभी तेजी लाने की जरूरत है। इस समय प्रदेश के विभिन्न न्याय बोर्ड में 571 मामले लंबित हैं।

    राह भटकने वाले किशारों को न्याय दिलाने की दिशा में प्रदेश सरकार भी तेजी से कदम बढ़ा रही है। इसके तहत किशोर न्याय बोर्डों और बाल कल्याण समितियों को मज़बूत बनाना शामिल है। राज्य के विभिन्न जिलों में इन संस्थाओं की कार्यक्षमता बढ़ाई गई है, जिससे मामलों का शीघ्र निस्तारण संभव हो पाया है। साथ ही, बाल सुधार गृहों और बाल संरक्षण गृहों में सुविधाओं का विस्तार किया गया है, जिससे बच्चों को सुरक्षित आवास, शिक्षा, परामर्श और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकें। डिजिटल नवाचार भी इस क्षेत्र में सहायक सिद्ध हुआ है। कई जिलों में आनलाइन केस निगरानी सिस्टम और ई-रिकार्ड की सुविधा लागू की गई है, जिससे पारदर्शिता और कार्यकुशलता बढ़ी है।

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    किशोर न्याय बोर्ड देहरादून के सदस्य अनंत प्रकाश मेहरा और निरुपमा रावत का कहना है कि समय से नोटिस जारी करने और अभिभावकों के सहयोग से भी किशोर न्याय बोर्ड में लंबित मामलों के निस्तारण में तेजी आई है।

    किशोर न्याय बोर्ड में बीते एक वर्ष में दर्ज व निस्तारित मामले

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