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शहीदों के स्वजन को नौकरी देगी उत्तराखंड सरकार, पुंछ में आतंकवादियों से लोहा लेते शहीद हुए थे जवान

पुंछ में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए उत्तराखंड के दो जवानों के पार्थिव शरीर शनिवार को जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। एयरपोर्ट पर गार्ड आफ आनर और श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद दोनों सैनिकों के पार्थिव शरीर उनके गांवों भेजे गए।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sat, 16 Oct 2021 08:46 PM (IST)Updated: Sat, 16 Oct 2021 09:46 PM (IST)
शहीदों के स्वजन को नौकरी देगी उत्तराखंड सरकार, पुंछ में आतंकवादियों से लोहा लेते शहीद हुए थे जवान
शहीदों के स्वजन को नौकरी देगी उत्तराखंड सरकार।

संवाद सहयोगी, डोईवाला(देहरादून)। जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए उत्तराखंड के दो जवानों के पार्थिव शरीर शनिवार को जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। एयरपोर्ट पर गार्ड आफ आनर और श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद दोनों सैनिकों के पार्थिव शरीर उनके गांवों भेजे गए। एयरपोर्ट पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने नम आंखों से उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस दौरान उन्होंने शहीदों के स्वजन को सरकारी नौकरी देने की घोषणा भी की।

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दो दिन पूर्व जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे आपरेशन में 17 गढ़वाल राइफल में तैनात विमाण गांव, टिहरी गढ़वाल के वीर सपूत विक्रम सिंह नेगी और ग्राम सांकरी, चमोली के योगंबर सिंह शहीद हो गए थे। शनिवार को दोनों वीर सपूतों के पार्थिव शरीर सेना के विशेष विमान से जौलीग्रांट एयरपोर्ट लाए गए। एयरपोर्ट पर शहीद जवानों को गार्ड आफ आनर दिया गया। राज्य सरकार की ओर से सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने एयरपोर्ट पर पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उप जिलाधिकारी डोईवाला युक्ता मिश्र, तहसीलदार सुशील सैनी, कोतवाल राजेंद्र सिंह रावत ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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शहीदों का सम्मान हमारी जिम्मेदारी

शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड वीरों की भूमि है, यहां के जवानों ने देश की रक्षा में शहादत दी है। इस संकट की घड़ी में सरकार शहीदों के परिवार के साथ खड़ी है। हम उन परिवारों के बेटों को तो वापस नहीं ला सकते, लेकिन उनके परिवार का सम्मान करना और उनकी चिंता करना, हमारी जिम्मेदारी है। सरकार ने तय किया है कि शहीद के परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी और शहीदों के नाम पर उनके गांव के विद्यालय और सड़क का नाम रखा जाएगा।

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