Uttarakhand Cabinet Meet: यूपीआरएनएन पर भारी पड़ गईं अनियमिताएं, अब ये रह गई कार्यदायी संस्थाएं
आखिरकार उत्तराखंड सरकार ने उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) समेत उत्तर प्रदेश की दो कार्यदायी संस्थाओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया। मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को इन संस्थाओं को राज्य की कार्यदायी संस्थाओं की सूची से हटाने के फैसले पर मुहर लगा दी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। आखिरकार उत्तराखंड सरकार ने उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) समेत उत्तर प्रदेश की दो कार्यदायी संस्थाओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया। मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को इन संस्थाओं को राज्य की कार्यदायी संस्थाओं की सूची से हटाने के फैसले पर मुहर लगा दी। कैबिनेट मंत्री एवं शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि मंत्रिमंडल ने राज्य की कार्यदायी संस्थाओं को प्रोत्साहन देते हुए महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
यूपीआरएनएन के साथ ही उत्तर प्रदेश समाज कल्याण निर्माण निगम की उत्तराखंड में कार्यरत विंग अब कार्यदायी संस्थाएं नहीं रहेंगी। इन्हें राज्य में अब निर्माण कार्यों को नहीं सौंपा जाएगा। राज्य में कुल 21 कार्यदायी संस्थाएं सूचीबद्ध थीं। अब इनकी संख्या 19 रह गई है। यूपीआरएनएन को प्रदेश सरकार पहले भी काली सूची में शामिल कर चुकी है। निगम के खिलाफ सिडकुल समेत विभिन्न निर्माण कार्यों में बड़े स्तर अनियमितताओं को लेकर जांच चल रही है। मंत्रिमडल ने उत्तरप्रदेश समाज कल्याण निर्माण निगम को भी कार्यदायी संस्थाओं की सूची से हटाया है।
बीएसएनएल, हिंदुस्तान स्टील वक्र्स कंस्ट्रक्शन लिमिटेड और उत्तर प्रदेश जल निगम सीएंडडीएस के बारे में तय किया गया कि इन्हें निर्माण कार्य सौंपने से पहले मुख्यमंत्री का अनुमोदन लेना आवश्यक होगा। गढ़वाल मंडल विकास निगम, कुमाऊं मंडल विकास निगम, पंतनगर विश्वविद्यालय, उत्तराखंड कृषि उत्पादन एवं विपणन परिषद व उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन अपने-अपने विभागों में पांच करोड़ से कम लागत के निर्माण कार्यों का संपादन कर सकेंगे। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि मंत्रिमंडल ने ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के बारे में अहम फैसला लिया। यह कार्यदायी संस्था अब पांच करोड़ से ज्यादा 15 करोड़ तक निर्माण कार्य कर सकेगी। इस संस्था को शहरी निकायों और प्राधिकरणों के लिए कार्यदायी एजेंसी बनाया गया है। निकायों और प्राधिकरणों के कार्यों के लिए यह संस्था सेंटेज नहीं लेगी।
दो संस्थाएं हटने के बाद अब ये रह गई हैं कार्यदायी संस्थाएं
-उत्तराखंड राज्य अवस्थापना विकास निगम (ब्रिडकुल), लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, उत्तरांचल पेयजल संसाधन एवं निर्माण निगम, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा, नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन, नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन, बीएसएनएल, ब्रिज एवं रूफ कंपनी इंडिया लिमिटेड, उत्तराखंड कृषि उत्पादन विपणन परिषद, कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर, उत्तराखंड सहकारी डेयरी फेडरेशन, इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट इंडिया लिमिटेड, वाटर रिसोर्सेज, पावर एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमिटेड, हिंदुस्तान स्टील वक्र्स कंस्ट्रक्शन लिमिटेड दिल्ली, कंस्ट्रक्ट एंड डिजाईन सर्विसेज जलनिगम उत्तरप्रदेश, गढ़वाल मंडल विकास निगम एवं कुमाऊं मंडल विकास निगम।
कैबिनेट फैसले
-अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया ब्लाक के अंतर्गत दिगौत स्थित सिंचाई खंड रानीखेत की 0.25 हेक्टेयर भूमि मुफ्त केंद्रीय विद्यालय की स्थापना को देने को मंजूरी, इस भूमि की लागत है 21.65 लाख रुपये।
-उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद में तकनीकी, अभियंत्रण विंग का गठन, छह तकनीकी पदों के सृजन को स्वीकृति।
-बजट सलाहकार के निसंवर्गीय पद के सृजन एवं उक्त पद के सापेक्ष पूर्व अपर सचिव एलएन पंत की तैनाती को 28 फरवरी, 2021 तक अनुमति।
-उत्तराखंड राज्य औषधि नियंत्रण सेवा नियमावली, 2020 को स्वीकृति।
-राज्य में कम्युनिटी एक्शन थ्रो प्रोग्राम कैंप संचालित 108 आपातकालीन सेवा अनुबंध को नवीनीकृत करके दोबारा स्वीकृति, भुगतान पूर्व के रेट पर होगा।
-उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम के तहत जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत सदस्य चुने जाने पर निकाय बन जाने पर सदस्यता समाप्त नहीं होगी बल्कि वे उस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे।
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