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स्कूल खोलने से पहले छात्रों-स्टाफ की कोविड निगेटिव जांच रिपोर्ट अनिवार्य

प्रदेश सरकार ने आवासीय स्कूलों में 10वी व 12वीं की कक्षाओं के संचालन के लिए एसओपी जारी की है। मुख्य सचिव की ओर से जारी आदेश में स्कूलों को विद्यार्थियों के आने के लिए अभिभावकों की सहमति लेने के निर्देश दिए हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 02:16 PM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 10:47 PM (IST)
स्कूल खोलने से पहले छात्रों-स्टाफ की कोविड निगेटिव जांच रिपोर्ट अनिवार्य
प्रदेश सरकार ने आवासीय स्कूलों में 10वी व 12वीं की कक्षाओं के संचालन के लिए एसओपी जारी की है।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश के सभी शिक्षा बोर्डों से संबद्ध सभी आवासीय और डे स्कूलों में 10वीं व 12वीं कक्षाएं दो नवंबर से संचालित होंगी। सरकार ने शनिवार को मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) जारी कर दी। स्कूलों को 72 घंटे पहले विद्यार्थियों और स्टाफ की कोविड निगेटिव जांच रिपोर्ट के साथ हर जिले में मुख्य शिक्षाधिकारी कार्यालय में आवेदन करना होगा। सरकारी आवासीय विद्यालयों के लिए अलग से एसओपी जारी की जाएगी। एसओपी की अनदेखी करने वाले स्कूलों के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी।

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कोरोना महामारी के चलते चालू शैक्षिक सत्र 2020-21 में सात महीनों के बाद आठवें माह दो नवंबर से स्कूल खुलने का रास्ता साफ हुआ है। इस फैसले को लागू करने के लिए मुख्य सचिव ओमप्रकाश की ओर से शनिवार को डे और आवासीय स्कूलों के लिए अलग-अलग एसओपी जारी की गईं हैं। डे स्कूल की एसओपी आवासीय स्कूलों पर भी लागू होगी। आवासीय विद्यालयों की अलग व्यवस्था देखते हुए अलग एसओपी में विद्यार्थियों के आवासीय परिसर, भोजन समेत अन्य जरूरी व्यवस्थाओं में भी कोविड-19 के मद्देनजर सुरक्षा निर्देशों का पालन करना अनिवार्य किया गया है।

अभिभावकों की सहमति अनिवार्य 

स्कूलों को विद्यार्थियों के आने के लिए अभिभावकों से अनुमति लेनी होगी। यदि किसी अभिभावक की सहमति नहीं मिलती है तो संबंधित छात्र को ऑनलाइन पढ़ाने की जिम्मेदारी स्कूल की ही होगी। सरकार ने निजी आवासीय विद्यालयों में एसओपी के पालन की देखरेख के लिए   माध्यमिक शिक्षा निदेशक को राज्यस्तरीय नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए हैं। प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को नोडल अधिकारी और मुख्य शिक्षा अधिकारी को सहायक नोडल अधिकारी नामित कर एसओपी का प्रचार-प्रसार कराएंगे। स्कूल स्तर पर प्रत्येक प्रधानाचार्य नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी निभाएगा।

स्कूल तीन दिन में करेंगे एसओपी तैयार 

कोरोना वायरस संक्रमण से सुरक्षा को लेकर सरकार किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होने देना चाहती। इसलिए स्कूलों को भी एसओपी का पालन करने के लिए लिखित सहमति देने को कहा गया है। इसके बाद ही संबंधित स्कूल संचालित होंगे। राज्य सरकार की एसओपी के बाद तीन  दिन के भीतर स्कूल भी अपने स्तर पर एसओपी तैयार करेंगे।इसे मुख्य शिक्षाधिकारी को भेजेंगे। साथ स्कूलों प्रवेश द्वार, नोटिस बोर्ड में भी इसे चस्पा किया जाएगा। मुख्य शिक्षाधिकारी कार्यालय में स्कूलों का आवेदन मिलने के बाद 48 घंटे के भीतर नगर मजिस्ट्रेट या उप जिलाधिकारी के साथ मुख्य शिक्षाधिकारी संयुक्त रूप से स्कूल का  मुआयना करेंगे।

निजी आवासीय स्कूलों के लिए एसओपी के प्रमुख बिंदु: 

  • स्कूल खोलने के लिए छात्र-छात्राओं की कोविड निगेटिव जांच रिपोर्ट के साथ सीईओ कार्यालय में करना होगा आवेदन
  • सुरक्षित शारीरिक दूरी, सैनिटाइजेशन संबंधी निर्देशों का पालन अनिवार्य
  • स्कूलों में स्टाफ व विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग क्वारंटाइन परिसर स्थापित किए जाएंगे
  • छात्रावास में छात्रों को अलग करने के लिए अस्थायी पार्टीशन किया जाएगा, दो बच्चों के बिस्तरों के बीच पर्याप्त दूरी रहेगी
  • छात्रों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य की देखरेख को परामर्शदाता शिक्षक और परामर्शदाता की व्यवस्था की जाएगी
  • स्वास्थ्य संबंधी मानकों का पालन के लिए मेडिकल टीम हफ्ते में न्यूनतम एक बार किचन और मैस का करेगी मुआयना
  • भोजन बनाने के विद्यालयों में रसोइये के प्रवेश, भोजन बनाते वक्त सुरक्षा, बर्तनों की साफ-सफाई समेत तमाम व्यवस्थाओं का कड़ाई से करना होगा पालन

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