उत्तराखंड : प्रदेश सरकार ने बंदीरक्षकों और प्रधान बंदीरक्षकों का वेतन बढ़ाया, उच्च न्यायालय ने दिए थे पुनर्निधारण करने के निर्देश
यह विषय कई बार वेतन विसंगति समिति के समक्ष रखा गया। अब बंदीरक्षकों को 2000 रुपये ग्रेड वेतन और लेवल तीन का वेतनमान दिया जाएगा। इसी प्रकार प्रधान बंदीरक्षकों को 2400 रुपये ग्रेड वेतन और लेवल चार का ग्रेड वेतन दिया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश सरकार ने तकरीबन 600 बंदीरक्षकों और 125 से अधिक प्रधान बंदीरक्षकों के ग्रेड वेतन में बढ़ोतरी कर दी है। बंदीरक्षकों को 2000 रुपये ग्रेड वेतन और लेवल तीन का वेतनमान दिया जाएगा। इसी प्रकार प्रधान बंदीरक्षकों को 2400 रुपये ग्रेड वेतन और लेवल चार का ग्रेड वेतन दिया जाएगा।
ग्रेड वेतन और वेतन लेवल में बढ़ोतरी
प्रदेश की विभिन्न जेलों में तैनात बंदीरक्षकों और प्रधान बंदीरक्षकों का वेतन पुलिस, वन विभाग व समान सेवा वाले कार्मिकों से कम है। यह विषय कई बार वेतन विसंगति समिति के समक्ष रखा गया। तर्क दिया गया कि अन्य विभागों में वर्दी धारक कार्मिकों के ग्रेड वेतन और वेतन लेवल में बढ़ोतरी कर दी गई है। इस क्रम में उनका वेतन भी बढ़ाया जाए। इन तमाम तथ्यों को प्रस्तुत करने के बावजूद इनके वेतन संबंधी विषय का निस्तारण नहीं हो पाया।
उच्च न्यायालय की ली गई शरण
ऐसे में बंदीरक्षक और प्रधान बंदीरक्षकों द्वारा उच्च न्यायालय की शरण ली गई। उच्च न्यायालय ने दिसंबर 2021 में वित्त और गृह विभाग को बंदीरक्षकों और प्रधान बंदीरक्षकों के वेतन का पुनर्निधारण करने के निर्देश दिए। इस क्रम में वित्त विभाग और वेतन विसंगति दूर करने के लिए गठित समिति ने इनका वेतन बढ़ाने के प्रस्ताव पर अपनी संस्तुति प्रदान की। इस क्रम में मंगलवार को शासन ने बंदीरक्षक और प्रधान बंदीरक्षकों का वेतन बढ़ाने का निर्णय लिया।
बंदीरक्षक वर्ष 2017 से कर रहे थे वेतनमान को बढ़ाने की मांग
बंदीरक्षक को अभी तक 1900 रुपये ग्रेड वेतन और लेवल दो का वेतन मिल रहा था। वहीं, प्रधान बंदीरक्षकों को 2000 रुपये ग्रेड वेतन और लेवल तीन का वेतन मिल रहा था। बंदीरक्षक वर्ष 2017 से इस वेतनमान को बढ़ाने की मांग कर रहे थे, हालांकि इस प्रस्ताव को वित्त ने अस्वीकार करते हुए इन्हें तत्काल प्रभाव से उच्चीकृत वेतन दिए जाने की संस्तुति की है। अब इन्हें इस माह से ही उच्चीकृत वेतन मिलना शुरू हो जाएगा।