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खुदकुशी की धमकियों से उत्तराखंड सरकार परेशान

करीब आधा दर्जन लोगों ने अलग-अलग समस्याओं का समाधान नहीं होने पर खुदकुशी की धमकियां दी हैं। इससे मुख्यमंत्री कार्यालय पसोपेश में है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 11 Jan 2018 03:30 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jan 2018 09:37 PM (IST)
खुदकुशी की धमकियों से उत्तराखंड सरकार परेशान
खुदकुशी की धमकियों से उत्तराखंड सरकार परेशान

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: आर्थिक तंगहाली से परेशान होकर काठगोदाम (हल्द्वानी) निवासी ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे के आत्महत्या करने से सरकार की पेशानी में सिर्फ बल ही नहीं पड़े हैं, बल्कि खुदकुशी की नई धमकियों ने उसकी आंखों से नींद भी उड़ा दी है। कर्ज में फंसे तीन और लोगों, एक अतिथि शिक्षक समेत करीब आधा दर्जन लोगों ने अलग-अलग समस्याओं का समाधान नहीं होने पर कुछ ऐसी ही धमकियां दी हैं। इससे मुख्यमंत्री कार्यालय पसोपेश में है। 

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बीती छह जनवरी को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के जनता दरबार में काठगोदाम निवासी ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे जहर खाकर पहुंचे थे। तीन दिन तक मैक्स अस्पताल में उपचार के बावजूद पांडे के प्राण बचाए नहीं जा सके। सरकार की ओर से मृतक प्रकाश पांडे के शोक संतप्त परिवार को राहत के तौर पर 10 लाख रुपये और उसकी पत्नी को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की गई है। इस कदम के बाद सरकार की मुश्किलें कम होने के बजाय और बढ़ गई हैं। 

अन्य कई लोगों की ओर से अब खुदकुशी की धमकी देते हुए सरकार से अपनी समस्याओं के तुरंत समाधान की मांग की गई है। इनमें से अधिकतर मामले आर्थिक तंगी से जुड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय दूरभाष और ऑडियो संदेश के रूप में मिल रही इन धमकियों से सकते में है। पांडे के मामले ने जिस तरह तूल पकड़ा, उसकी पुनरावृत्ति न हो, इसे लेकर सरकार पूरी एहतियात बरत रही है। 

सूत्रों के मुताबिक चंपावत से एक ट्रांसपोर्टर ने इसी तरह आत्मदाह की धमकी दी है तो जिले के ही एक कर्ज में डूबे एक व्यक्ति ने कर्ज नहीं मिलने पर पांडे की तरह ही कदम उठाने की चेतावनी दे डाली। पौड़ी जिले का एक व्यक्ति अपने टूरिस्ट हट के लिए वन भूमि से रास्ता चाहता है। उसने भी खुदकुशी की धमकी देने से गुरेज नहीं किया। सितारगंज के एक व्यक्ति ने खनन को लेकर सरकार को चेतावनी दे डाली। एक गेस्ट टीचर ने नौकरी नहीं मिलने पर मुख्यमंत्री कार्यालय को कुछ ऐसे ही तेवर दिखाए हैं। जमीन के फंसे मामले में पत्रकार बताए जा रहे एक व्यक्ति की ओर से भी इसीतरह धमकी दी गई है। फिलहाल फोन और ऑडियो संदेश में मिलने वाली धमकियों से सरकार के सामने नया संकट खड़ा हो गया है। 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का कहना है कि प्रकाश पांडे की मौत के मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं। इसके लिए मजिस्ट्रेट भी नियुक्त कर दिया गया है। पांडे ने ऐसा कदम क्यों उठाया, उनके मौत के कारणों की जांच होगी।

कांग्रेस का प्रदेशभर में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

देहरादून : हल्द्वानी के ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे की मौत को मुद्दा बनाकर कांग्रेससियों ने बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के आह्वान पर प्रदेशभर में केंद्र और राज्य सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया। जगह-जगह सरकार के पुतले जलाए गए और कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। देहरादून में पुतला दहन से पूर्व प्रीतम सिंह ने पार्टी मुख्यालय में एकत्र हुए कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केंद्र और राज्य सरकार पर हमला बोला। कहा कि मोदी और त्रिवेंद्र सरकार संवेदनहीन हो चुकी हैं। उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी को प्रकाश पांडे की मौत का जिम्मेदार बताया। 

मौत पर राजनीति कर रही कांग्रेस

देहरादून: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भïट्ट ने कांग्रेस के रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता पूरी तरह से संवेदनहीन हैं और वे किसी की मृत्यु पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आते। उन्होंने कांग्रेस द्वारा पांडेय की मृत्यु को हत्या कहे जाने की भत्र्सना करते हुए कहा कि यह जनता को गुमराह करने की कोशिश है, लेकिन जनता सब जानती है। कहा कि सरकार ने पांडेय का जीवन बचाने की हरसंभव कोशिश की। भट्ट ने कहा कि हत्या तो कांग्रेस सरकार के वक्त 2014 में रामनगर डिग्री कालेज के छात्र नेता रोहित की हुई थी, जो आग में जलता रहा पर उसकी कोई मदद नहीं की गई।

आप ने की एक करोड़ मुआवजे की मांग

देहरादून: आम आदमी पार्टी ने प्रकाश पांडे की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और दुख व्यक्त करते हुए इसके लिए प्रदेश भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया। आप पार्टी के प्रदेश सचिव राजेश बहुगुणा ने मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद देने की मांग की।

पांडे राजनीति का शिकार: शिव सेना

देहरादून: शिव सेना के प्रदेश प्रमुख गौरव कुमार ने कहा कि प्रकाश पांडे द्वारा जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने का निर्णय गलत था। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था, वे राजनीति के शिकार हुए। 

वामपंथियों ने सरकार का पुतला फूंका

देहरादून: प्रकाश पांडे की मौत के विरोध में बुधवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी एवं माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने लैंसडौन चौक पर प्रदर्शन कर सरकार का पुतला जलाया और राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया। पार्टी ने मांग की कि मामले की जांच की जाए। 

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