नए वित्तीय वर्ष में उत्तराखंड सरकार एक हजार करोड़ का कर्ज लेने को मजबूर
लॉकडाउन की वजह से गरीब लोगों के साथ आम आदमी को राहत मुहैया कराने के लिए धन के बंदोबस्त के लिए सरकार को नए वित्तीय वर्ष के पहले ही हफ्ते में 1000 करोड़ का कर्ज लेना पड़ रहा हैैै।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोरोना की आपदा के साथ नए वित्तीय वर्ष 2020-2021 का आगाज राज्य की मुश्किलें बढ़ाए हुए है। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए चिकित्सा और स्वास्थ्य के मोर्चे पर जूझने की चुनौती है ही, लॉकडाउन की वजह से गरीब व वंचित लोगों के साथ आम आदमी को राहत मुहैया कराने के लिए धन के बंदोबस्त को सरकार को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है। नतीजतन नए वित्तीय वर्ष के पहले ही हफ्ते में बाजार से 1000 करोड़ कर्ज लिया जा रहा है।
खर्च के बोझ से दबी राज्य सरकार के लिए राहत की बात ये है कि एसडीआरएफ फंड से 485 करोड़ राज्य को तुरंत देने को केंद्र सरकार ने पत्र भेज दिया है। कोरोना की राष्ट्रीय आपदा ने सीमित वित्तीय संसाधन वाले उत्तराखंड राज्य को ज्यादा संघर्ष करने के लिए मजबूर कर दिया है।
राजस्व के लिहाज से बीता महीना मार्च तकरीबन सूखा ही गुजरा है। वहीं चालू महीने अप्रैल में लॉकडाउन की वजह से हालात खराब होने तकरीबन तय हैं। अभी तक मार्च का अप्रैल में मिलने वाला वेतन राज्य के कर्मचारियों को नहीं मिला है। बजट के दिशा-निर्देश जारी होने और ग्लोबल बजटिंग के प्रविधान के चलते सरकार फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ा रही है।
ऐसे में सरकार चालू माह अप्रैल के पहले हफ्ते में 1000 करोड़ कर्ज ले रही है। इसके लिए रिजर्व बैंक से राज्य को हरी झंडी मिल चुकी है। रिजर्व बैंक ने राज्य के लिए नए वित्तीय वर्ष के नौ महीनों के लिए कर्ज की सीमा भी तय कर दी है। यह सीमा 4124 करोड़ तय की गई है। दिसंबर तक राज्य सरकार तय सीमा तक कर्ज बाजार से ले सकेगी।
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सरकार को रिजर्व बैंक का पत्र प्राप्त हो चुका है। वहीं नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ही राज्य को कुछ राहत बंधाने वाली खबर केंद्र से मिली है। 15वें वित्त आयोग की ओर से आपदा मद में स्वीकृत धनराशि की पहली किस्त के रूप में राज्य को 485 करोड़ जल्द मिलेंगे। वित्त सचिव अमित नेगी ने एसडीआरएफ फंड के लिए उक्त धनराशि को मिलने की पुष्टि की।
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