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उत्तराखंड सरकार ने तय कीं खाद्यान्न ढुलान दरें, केंद्र की मंजूरी को भेजा एसओआर प्रस्ताव

राज्य को केंद्र से खाद्यान्न ट्रांसपोर्टेशन धनराशि मिलने में अब अड़ंगा नहीं लगेगा। प्रदेश सरकार ने ढुलान दरें (शिड्यूल ऑफ रेट) तय कर दी हैं। वहीं इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा गया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 01:54 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 01:54 PM (IST)
उत्तराखंड सरकार ने तय कीं खाद्यान्न ढुलान दरें, केंद्र की मंजूरी को भेजा एसओआर प्रस्ताव
उत्तराखंड सरकार ने तय कीं खाद्यान्न ढुलान दरें।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड को केंद्र से खाद्यान्न ट्रांसपोर्टेशन धनराशि मिलने में  अब अड़ंगा नहीं लगेगा। प्रदेश सरकार ने ढुलान दरें (शिड्यूल ऑफ रेट) तय कर दी हैं। इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा गया है। प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद राज्य को केंद्र से  वास्तविक दरों पर ढुलाई भाड़ा मिल सकेगा।

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उत्तराखंड में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के खाद्यान्न के ढुलान पर होने वाला वास्तविक खर्च राज्य को प्राप्त नहीं हो रहा है। इसकी वजह राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियां हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में खाद्यान्न के बेस गोदामों से आंतरिक गोदामों और फिर आंतरिक  गोदामों से सस्ते गल्ले की दुकानों (एफपीएस) तक खाद्यान्न ढुलान की दरें मैदानी क्षेत्रों की तुलना में ज्यादा हैं। राज्य में आधा दर्जन बेस गोदाम कोटद्वार, विकासनगर, ऋषिकेश, टनकपुर, हल्द्वानी और रामनगर में हैं।

197 गोदाम, 9225 एफपीएस

इन बेस गोदामों से प्रदेशभर के आंतरिक 197 गोदामों में सरकारी सस्ते खाद्यान्न को पहुंचाया जाता है। इन गोदामों से 9225 एफपीएस तक ये खाद्यान्न भेजा जाता है। प्रदेश सरकार खाद्यान्न यानी गेहूं व चावल का ढुलान खरीद केंद्रों से मिलों या भारतीय खाद्य निगम के गोदामों तक करती है। इसके बाद बेस गोदामों में खाद्यान्न भेजने की व्यवस्था होती है। अभी तक राज्य में विधिवत खाद्यान्न ढुलान के लिए एसओआर तय नहीं किए गए। इस वजह से राज्य को ढुलान की वास्तविक दरों के स्थान पर केंद्र की ओर से एकमुश्त ढुलान भाड़े का भुगतान किया जाता रहा है। अभी यह राशि तकरीबन 55 से 60 रुपये प्रति कुंतल की दर से राज्य को दी जा रही है।

केंद्र ने दिए थे एसओआर के निर्देश

राज्य की ओर से ढुलान पर होने वाले वास्तविक खर्च की मांग करने पर केंद्र ने एसओआर तय करने के निर्देश दिए थे। खाद्य सचिव की अध्यक्षता में गठित स्टेट लेवल कमेटी ने ये एसओआर तय कर दिया है। अब इसे केंद्र की मंजूरी मिलने का इंतजार किया जा रहा है। केंद्र सरकार से उक्त प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद खाद्य विभाग बेस गोदामों से आंतरिक गोदामों और वहां से एफपीएस तक खाद्यान्न ढुलान की दरें तय करने के लिए टेंडर आमंत्रित करेगी।

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तीन वर्षों के लिए दरों का निर्धारण

खाद्य सचिव सुशील कुमार ने बताया कि राज्य ने तीन वर्षों 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के लिए एसओआर तय किया है। इसे मंजूरी को केंद्र को भेजा गया है। इसे मंजूरी मिलने पर राज्य को भी इन तीन वर्षों के लिए एसओआर के मुताबिक ढुलान की वास्तविक धनराशि मिलेगी। उन्होंने राज्य को सालाना करीब 20 करोड़ तक धनराशि मिलने का अनुमान जताया। 

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