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उत्‍तराखंड : यूनिफार्म सिविल कोड पर ड्राफ्ट कमेटी गठित, सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई होंगी इसकी अध्‍यक्ष

उत्‍तराखंड सरकार ने राज्‍य में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। सरकार ने इसके लिए ड्राफ्टिंग कमेटी की घोषणा की है। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई कमेटी की अध्‍यक्ष होंगी।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 27 May 2022 06:03 PM (IST)Updated: Fri, 27 May 2022 06:03 PM (IST)
उत्‍तराखंड : यूनिफार्म सिविल कोड पर ड्राफ्ट कमेटी गठित, सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई होंगी इसकी अध्‍यक्ष
उत्‍तराखंड सरकार ने राज्‍य में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। पुष्कर सिंह धामी सरकार ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के संकल्प को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। समान नागरिक संहिता के परीक्षण एवं क्रियान्वयन को पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित की गई है।

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उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई समिति की अध्यक्ष होंगी। सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रमोद कोहली, सामाजिक कार्यकर्त्‍ता मनु गौड़, सेवानिवृत्त आइएएस एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह और दून विश्वविद्यालय की कुलपति डा सुरेखा डंगवाल समिति के सदस्य बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि समिति जल्द ही यूसीसी का मसौदा तैयार करेगी। इसके बाद सरकार इसे लागू करेगी।

समान नागरिक संहिता धामी सरकार के शीर्ष एजेंडे में शामिल है। पांचवीं विधानसभा के चुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सत्तारूढ़ भाजपा इसे प्रमुख चुनावी मुद्दा बना चुकी है। प्रदेश में भाजपा की दोबारा दो-तिहाई बहुमत से सरकार बनते ही मंत्रिमंडल की बीती 24 मार्च को पहली बैठक में इसे लागू करने का संकल्प पारित किया गया था। इस संकल्प पर आगे बढ़ते हुए शुक्रवार को विशेषज्ञ समिति गठित की गई। अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी ने इस संबंध में आदेश जारी किया।

आदेश में समान नागरिक संहिता को लेकर विशेषज्ञ समिति के विचारार्थ बिंदुओं की जानकारी भी दी गई। प्रदेश में रहने वाले सभी नागरिकों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले सभी प्रासंगिक कानूनों की जांच करने और कानून का मसौदा बनाने पर समिति विचार करेगी।

साथ में मौजूदा कानून में संशोधन के साथ उस पर रिपोर्ट करने के लिए विवाह, तलाक, संपत्ति के अधिकार, उत्तराधिकार से संबंधित लागू कानून और विरासत, गोद लेने तथा रखरखाव व संरक्षता इत्यादि का अध्ययन व परीक्षण भी करेगी।

समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार होने के बाद प्रदेश में इसे लागू किया जाएगा। गोवा के बाद उत्तराखंड भी देश का ऐसा राज्य बन जाएगा, जहां समान नागरिक संहिता लागू होगी।

गोवा राज्य के अस्तित्व में आने के बाद से ही वहां समान नागरिक संहिता लागू है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर कहा कि देवभूमि की संस्कृति को संरक्षित करते हुए सभी धार्मिक समुदायों को एकरूपता प्रदान करने के लिए उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन को विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है।

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